भारत में कोरोनावायरस केसों की संख्या बढ़ने के साथ मृतकों का आंकड़ा भी तेजी से बढ़ता जा रहा है। यह हाल तब है जब कोरोना से मौतों के मामलों में सिर्फ उन केसों को जोड़ा जाता है, जिनकी मौत संक्रमित रहने के दौरान ही हुई है। विशेषज्ञों के मुताबिक, कई कोरोना मरीजों की तो ठीक होने के बाद भी स्वास्थ्य जटिलताओं की वजह से कुछ महीनों बाद मौत हो जा रही है। ऐसे में अब पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना मुक्त हुए मरीजों के लिए भी गाइडलाइंस जारी कर दी हैं।
इसके मुताबिक, अस्पताल में रहे कोरोना मरीजों को डिस्चार्ज होने के बाद 14वें और 28वें दिन चेकअप के लिए डॉक्टर के पास जाना चाहिए। इसके बाद पूरे साल तक हर महीने कम से कम एक बार अस्पताल जरूर जाना चाहिए। बंगाल सरकार की ओर से बुधवार को जारी हुई गाइडलाइंस में कहा गया है कि मरीजों को लक्षण दिखने के बाद 17 दिन का होम आइसोलेशन पूरा करना चाहिए और फिर 7 दिन के अंदर डॉक्टर से मिलना चाहिए। गाइडलाइंस में यह भी कहा गया है कि कोरोना का हल्का असर भी कफ, बुखार और थकान जैसे लक्षणों को लंबे समय के लिए बनाए रख सकता है।
कोरोनावायरस मरीजों के इलाज में जुटे डॉक्टरों का कहना है कि संक्रमण से मुक्त हुए मरीजों में बीमारियों के दोबारा उभरने की वजह से उन्हें नियमित मौकों पर डॉक्टर से मिलने की सलाह दी गई है। गाइडलाइंस में कोरोना मुक्त मरीजों को नियमित तौर पर ब्लड शुगर लेवल, ईसीजी, डी-डाइमर और चेस्ट एक्स-रे कराने की सलाह भी दी गई है। हालांकि, इसकी जरूरत बीमारी की गंभीरता के आधार पर ही रखी गई है।
बता दें कि कोरोनावायरस से ठीक हो चुके लोगों में कुछ महीनों या हफ्तों के अंतराल दिमागी स्ट्रोक और कार्डिएक अरेस्ट जैसे मामले सामने आ रहे हैं। इसके अलावा कुछ अन्य लोगों के दिमाग में इन्फेक्शन तक सामने आ रहा है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने यह गाइडलाइंस जारी की हैं। कई एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोरोनावायरस के दौरान स्वास्थ्य जटिलताओं की वजह से कई लोगों के फेफड़ों को भी नुकसान हो रहा है। इसके अलावा रिकवरी के दौरान कई नॉन डायबेटिक मरीज, डायबेटिक बनकर सामने आ रहे हैं।
वैक्सीन पर टिकी डॉक्टरों की नजर: बता दें कि भारत में इस वक्त कोरोनावायरस की तीन संभावित वैक्सीन अंतिम स्टेज के ट्रायल में हैं। इनमें ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्रा जेनेका की कोविशील्ड, रूस की स्पूतनिक वैक्सीन और देसी कोवैक्सिन सबसे आगे हैं। इनमें कोविशील्ड का भारत में निर्माण करने वाली सीरम इंस्टीट्यूट और कोवैक्सिन की निर्माता कंपनी भारत बायोटेक ने तो आपात मंजूरी के लिए आवेदन भी कर दिया है। वहीं ब्रिटेन और अमेरिका में मंजूरी पाने वाली फाइजर ने भी भारत में आपात मंजूरी के लिए आवेदन किया है।
इस बीच खबर है कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की कोरोनावायरस वैक्सीन दो फुल डोज के बाद प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में काफी असरदार साबित हुई है। इससे पहले इस वैक्सीन के एक फुल डोज और एक हाफ डोज देने से संबंधी डेटा को रिलीज किया था। इसमें वैक्सीन के 62 से 90 फीसदी तक असरदार होने की बात सामने आई थी, लेकिन अब दो फुल डोज के ज्यादा असरदार होने से वैक्सीन से उम्मीद और बढ़ गई है।