पश्चिम बंगाल में एक बार फिर राज्यपाल और नौकरशाह आमने-सामने हो गए हैं। ये बात यहां तक पहुंच गई कि राज्यपाल को नौकरशाहों को राजभवन की शक्तियां याद दिलानी पड़ गईं। राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को राज्य के नौकरशाहों पर निशाना साधते हुए कहा कि वे कानून का पालन नहीं करते हैं, लेकिन यह नहीं जानते कि “गवर्नर हाउस क्या कर सकता है”।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, पश्चिम बंगाल विधानसभा में डॉ. बीआर अंबेडकर की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद मीडिया से बात करते हुए राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा, “मैंने बहुत कोशिश की है कि हर कोई कानून के मुताबिक अपना काम करे। सरकारी अधिकारी शायद कानून के तहत काम करना भूल गए हैं। लेकिन वे नहीं जानते हैं कि ‘गवर्नर हाउस क्या कर सकता है’।
राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने दावा करते हुए कहा कि मुख्य सचिव ने उनका फोन नहीं उठाया। राज्यपाल ने बंगाल विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी पर भी निशाना साधा और कहा कि उनके ऑफिस में कोई विधेयक नहीं रुका है। वहीं, राज्य सरकार ने आरोप लगाया है कि हावड़ा नगर पालिका विधेयक जैसे विधेयक राज्यपाल के पास लंबित हैं।
जगदीप धनखड़ ने कहा, “मेरे पास कोई विधेयक नहीं रुका है। मैं हमेशा 48 घंटों के भीतर सभी विधेयकों को पारित कर देता हूं। मेरे टेबल पर कोई विधेयक नहीं है। मैं विधानसभा से कुछ स्पष्टीकरण चाहता था जो मुझे कभी नहीं मिला।” जगदीप धनखड़ ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि स्पीकर के पास राज्यपाल के बारे में कुछ भी बोलने का लाइसेंस है। वे कुछ भी बोले जा रहे हैं खुद नियमों की अवहेलना कर रहे हैं।
इसके पहले, राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमला करते हुए आरोप लगाया था कि उन्होंने पिछले दो वर्षों में अपने संवैधानिक कर्तव्यों का पालन नहीं किया है। वहीं, राज्यपाल के आरोपों पर पलटवार करते हुए विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने कहा, “मुझे नहीं मालूम था राज्यपाल इस तरह की टिप्पणी के लिए इस मंच का इस्तेमाल करेंगे। वह गर्वनर हाउस में मीडिया से बातचीत कर सकते थे न कि विधानसभा में।”