पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को यहां केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी नॉर्थ ब्लॉक स्थित शाह के कार्यालय में उनसे मिलने पहुंचीं। शाह से मुलाकात के बाद ममता बनर्जी ने कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री से मुलाकात के दौरान उनकी पश्चिम बंगाल में एनआरसी को लेकर कोई बात नहीं हुई।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि वह पहले ही एनआरसी के मुद्दे पर अपना रुख व्यक्त कर चुकी हैं। ममता ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री को एक पत्र सौंपा है। इसमें असम में एनआरसी से बाहर होने वाले 19 लाख लोगों का जिक्र है। मुख्यमंत्री ने कहा कि असम में एनआरसी से जो लोग बाहर हुए हैं उनमें कई बांग्ला भाषी और स्थानीय असमी लोग भी शामिल हैं। एनआरसी की सूची से कई वास्तविक नागरिक और मतदाता भी बाहर हैं। इस मामले को देखा जाना चाहिए।

ममता ने कहा कि सही नागरिकों को मौका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं यहां कई मसलों पर चर्चा के लिए आई थी। सीएम ने कहा कि एनआरसी से लोग डरे हुए हैं और नागरिकों को बिना वजह परेशान नहीं किया जाना चाहिए। सीएम ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में एक औपचारिक पत्र सौंप दिया है। मालूम हो कि ममता बनर्जी ने बुधवार प्रधानमंत्री से बुधवार को मुलाकात की थी। उन्होंने राज्य का नाम बदलने को लेकर चर्चा की।

उन्होंने प्रधानमंत्री को नवरात्र और दुर्गा पूजा के बाद दुनिया के दूसरे सबसे बड़े कोयला ब्लॉक देवचा पचामी का उद्घाटन करने का निमंत्रण भी दिया गया। इसमें 12,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘हमने इसके लिए 50,000 करोड़ रुपये की सुरक्षा राशि जमा करायी है। सभी बंदोबस्त कर लिए गए हैं। मैंने नवरात्रि और दुर्गा पूजा के बाद जब भी उन्हें वक्त मिले तब इसका उद्घाटन करने का न्योता दिया है।’’

उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने राजनीतिक स्थिति पर बहुत ‘‘कम’’ बात की। प्रधानमंत्री कार्यालय ने मोदी के आधिकारिक आवास पर दोनों नेताओं की मुलाकात की तस्वीरें ट्वीट कीं। बनर्जी को प्रधानमंत्री को फूलों का गुलदस्ता भेंट करते हुए देखा गया।