पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को मुलाकात की। मुलाकात के दौरान उन्होंने केजरीवाल को संक्षिप्त रूप में समझाया कि वह भाजपा और कांग्रेस दोनों के खिलाफ एक साथ क्यों लड़ रहे हैं, जबकि समय की मांग सिर्फ भाजपा और मोदी पर निशाना साधना है। सूत्रों के मुताबिक, जहां दोनों मुख्यमंत्रियों ने राज्य के काम में केंद्र सरकार की कथित दखल से लेकर कई मुद्दों पर बात की, वहीं दोनों का मुख्य केंद्र ‘भाजपा को तोड़ना’ था। एक सूत्र ने बताया, “अरविंद केजरीवाल को ममता की सलाह थी कि दोनों पार्टियों से एक साथ ना लड़ें। उन्होंने समझाया कि दोनों से एक साथ लड़ने पर आम आदमी पार्टी ही कमजोर होगी। इसकी जगह कांग्रेस और आप को मिलकर भाजपा पर निशाना साधना चाहिए।”
ममता बनर्जी ने आधिकारिक रूप से कहा कि यह चर्चा राजनीतिक मुद्दों पर की गई, साथ ही एलान किया कि राष्ट्रपति चुनाव में आप और टीएमसी एक साथ होंगी। हालांकि सूत्रों ने बताया कि चर्चा सिर्फ राष्ट्रपति चुनाव तक सीमित नहीं थी। एक सूत्र ने कहा, “सभी धर्म निरपेक्ष पार्टियों को विभिन्न राज्यों में फैली सांप्रदायिकता के खिलाफ एक साथ आना होगा। केजरीवाल और आप फिलहाल मुश्किल दौर से गुजर रही हैं।” लेकिन एक AAP नेता ने बताया, “कांग्रेस और AAP एक दूसरे के खिलाफ हैं। इनका साथ आना मुश्किल है।”
बता दें कि अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी हमेशा से कांग्रेस के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं। वह कांग्रेस पर भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद के आरोप लगाते आए हैं। केजरीवाल से मिलने से पहले, ममता बनर्जी ने कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। एक वरिष्ठ टीएमसी नेता ने कहा, “राष्ट्रपति चुनाव को देखते हुए ममता बनर्जी केजरीवाल और सोनिया गांधी को जोड़ने का काम कर रही हैं।” ममता बनर्जी से जुड़े सूत्रों ने बताया कि 27 अगस्त को पटना में लालू यादव की रैली में भी बनर्जी मौजूद रहेंगी, लेकिन इससे पहले राष्ट्रपति चुनाव पर तमाम विपक्ष को एकजुट करने के लिए ममता ने बड़ा प्लान तैयार कर रखा है।
