पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की प्रमुख ममता बनर्जी ने बुधवार यानी 1 अगस्त को संसद पहुंचकर बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी से मुलाकात की। असम में एनआरसी (नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस) की ड्राफ्ट लिस्ट जारी होने के बाद से ही इसका विरोध कर रहीं ममता और आडवाणी के बीच करीब 20 मिनट की बातचीत हुई। हालांकि इस मुलाकात में किस विषय पर चर्चा हुई, इसको लेकर कुछ स्पष्ट नहीं हो पाया है, लेकिन ममता ने मुलाकात के बाद जानकारी दी कि उन्होंने आडवाणी जी की सेहत को लेकर बात की।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक ममता ने कहा, ‘मैं आडवाणी जी को काफी लंबे अरसे से जानती हूं। मैंने आज उनसे मुलाकात की और उनकी सेहत के बारे में जाना।’ हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि ममता और आडवाणी के बीच हुई 20 मिनट की इस मीटिंग में एनआरसी ड्राफ्ट को लेकर चर्चा हुई होगी। ममता ने इस मुलाकात पर आगे कहा, ‘मैंने आडवाणी जी से मुलाकात की। मैं सोनिया गांधी जी और राहुल गांधी जी से भी मिलूंगी। बाद में देवगौड़ा जी और अरविंद केजरीवाल जी से भी मिलना है।’ इसके साथ ही ममता ने शिवसेना के नेता संजय राउत, सपा नेता जया बच्चन और कांग्रेस नेता अहमद पटेल से भी मुलाकात की।
I know Advani Ji for a long time. I met him & asked him about his health today: West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee on meeting senior BJP leader Lal Krishna Advani in Parliament. #Delhi pic.twitter.com/Cjud0fsda7
— ANI (@ANI) August 1, 2018
‘एक टीम असम भेजिए’
एनआरसी ड्राफ्ट के मुद्दे पर ममता ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा और बीजेपी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा से भी बात की। ममता ने बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं से एक टीम असम में भेजने की मांग की है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मैंने यशवंत सिन्हा जी और शत्रुघ्न सिन्हा जी से मांग की है कि एनआरसी का रियलिटी चेक करने के लिए एक टीम असम भेजी जानी चाहिए।’ ममता ने आगे कहा, ‘असम हमारे बंगाल की सीमा पर है। एनआरसी ड्राफ्ट से हमें भी प्रभाव पड़ेगा। वह हमारे पड़ोसी हैं, अगर हमारे पड़ोसी दुखी होंगे तो क्या हम आवाज नहीं उठाएंगे?’ इसके अलावा राज्यसभा में असम एनआरसी के ड्राफ्ट को लेकर जमकर हंगामा किया गया, जिसके बाद राज्यसभा को कल तक के लिए स्थगित करना पड़ गया।
बता दें कि असम में सोमवार यानी 30 जुलाई को एनआरसी (नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस) ड्राफ्ट जारी होने के बाद से ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की प्रमुख ममता बनर्जी इसका विरोध कर रही हैं। एनआरसी ड्राफ्ट में असम में रह रहे 40 लाख लोगों के नाम नहीं हैं, इन्हीं लोगों को लेकर ममता केंद्र पर जमकर निशाना साध रही हैं। उनका कहना है कि सरनेम देखकर सरकार ने लोगों का नाम लिस्ट से हटाया है, सरकार कुछ लोगों को जबरन बाहर निकालना चाहती है।