West Bengal BJP President Samik Bhattacharya: काफी मशक्कत के बाद बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में समिक भट्टाचार्य को नया अध्यक्ष नियुक्त कर दिया। भट्टाचार्य ने कार्यभार संभालते ही मुसलमानों और वामपंथियों तक पहुंचने की कोशिश की है। साथ ही उन्होंने गुटबाजी से जूझ रही पश्चिम बंगाल बीजेपी के अलग-अलग गुटों को भी एकजुट करने की दिशा में कदम बढ़ाया है।

भट्टाचार्य लंबे वक्त तक RSS में काम कर चुके हैं और अटल बिहारी वाजपेयी के उदारवादी हिंदुत्व की राजनीति के रास्ते पर चलने वाले नेता हैं।

सवाल यह है कि भट्टाचार्य के नेतृत्व में क्या पश्चिम बंगाल बीजेपी टीएमसी को सत्ता से बाहर कर पाएगी जबकि पूरा जोर लगाने के बाद भी पार्टी अब तक ऐसा करने में कामयाब नहीं हो पाई है।

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हिंदू वोटों को एकजुट करने की कोशिश

पश्चिम बंगाल में बीजेपी हिंदू वोटों को एकजुट करने की कोशिश कर रही है और उसने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले, टीएमसी सरकार द्वारा कथित रूप से मुसलमानों का तुष्टिकरण करने, मुर्शिदाबाद की सांप्रदायिक हिंसा के मुद्दों को उठाया है।

भट्टाचार्य ने अध्यक्ष पद संभालते ही अपने पहले भाषण में कहा, ‘बीजेपी की लड़ाई मुसलमानों के खिलाफ नहीं है जिन लोगों के हाथों में पत्थर है बीजेपी उन पत्थरों की जगह किताब लाना चाहती है। हम ऐसा बंगाल चाहते हैं जहां मोहर्रम जुलूस और दुर्गा पूजा का विसर्जन एक साथ हो।’

प्रदेश अध्यक्ष ने यह भी कहा कि बंगाल में राजनीतिक हिंसा के 90% पीड़ित मुस्लिम समुदाय के लोग हैं हालांकि उन्होंने पार्टी की लाइन को साफ करते हुए कहा, ‘अगर कोई यह सोचता है कि मुस्लिम वोटों के बिना हम बंगाल में सरकार नहीं बना सकते तो वह गलत है, आप असम को देखिए।’ भट्टाचार्य ने कहा कि उनका रुख विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी से अलग नहीं है।

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ज्योति बसु का किया जिक्र

बताना होगा कि सुवेंदु अधिकारी उग्र हिंदुत्व की राजनीति पर चल रहे हैं और हाल ही में उन्होंने ‘हिंदू हिंदू भाई-भाई’ जैसे नारे को बुलंद किया है। भट्टाचार्य ने बड़े वामपंथी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति बसु तथा जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी को 1947 में ‘बंगाल को बचाने’ का क्रेडिट दिया।

‘जय श्री राम’ से मां काली तक…

पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी की ओर से ‘जय श्री राम’ का नारा दिया गया था लेकिन इसे बंगाल में बहुत समर्थन नहीं मिला। भट्टाचार्य की नियुक्ति के बाद जब बंगाल बीजेपी का पहला कार्यक्रम हुआ तो इसमें मां काली की तस्वीर पर माल्यार्पण किया गया।

भट्टाचार्य के लिए सबसे बड़ी चुनौती पश्चिम बंगाल में बीजेपी की गुटबाजी को खत्म करने की है। यहां बीजेपी में पार्टी के पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार के गुट हावी हैं।

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