पश्चिम बंगाल के बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष ‘गाय के दूध में सोना’ वाले बयान से पीछे हटने को तैयार नहीं है। घोष ने कहा कि वह अपने बयान पर कायम हैं और जो उनका उपाहास उड़ा रहे हैं, पहले वे अपने पक्ष में काउंटर-रिसर्च लेकर आएं। दिलीप घोष का कहना है कि “गाय की दूध में सोना” वाला उनका बयान अन्य देशों में हुए शोध पर आधारित है। ऐसे में जो लोग उन्हें ट्रोल कर रहे हैं, वे पहले इसके खिलाफ में कोई दूसरा शोध पेश करें।
गौरतलब है कि मिदनापुर लोकसभा सीट से सांसद दिलीप घोष ने सप्ताह के शुरुआत में यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया था कि देसी गायों के दूध में सोना होता है और यही वजह है कि इनके दूध का रंग पीला होता है। पीटीआई के मुताबिक घोष ने कहा, “मैं अपनी अपने बयान पर पूरी तरह कायम हूं और इसे वापस लेने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता। मेरी टिप्पणी विदेशों में हो रहे शोध-पत्रों पर आधारित है। जो लोग मुझे ट्रोल कर रहे हैं या मेरी आलोचना कर रहे हैं, उन्हें पहले काउंटर शोध पत्र के जरिए इसे गलत साबित करना चाहिए।”
जो लोग दिलीप घोष को ‘मूर्ख’ की संज्ञा देकर आलोचना कर रहे हैं, उन पर प्रहार करते हुए उन्होंने कहा, “मूर्ख कभी भी गाय और भारतीय समाज में दूध की महत्ता को कभी भी नहीं समझ सकता।” जो लोग मुझे ट्विटर पर ट्रोल कर रहे हैं उनके पास भारतीय संस्कृति और विरासत पर हमला करने के अलावा और कोई काम नहीं है।
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते प्रदेश के बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष की टिप्पणी पर सत्तारूढ़ टीएमसी और विपक्षी कांग्रेस और सीपीआई (एम) की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया मिलीं। बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष सोमेन मित्रा ने कहा था कि केंद्र में भाजपा सरकार की विफलताओं से ध्यान हटाने की कोशिश के निश्चित एजेंडे के साथ ऐसी टिप्पणी की गई है।

