पश्चिम बंगाल में नागरिकता संसोधन कानून और एनआरसी को लेकर विरोध प्रदर्शन के बीच ममता सरकार की तरफ से जारी की गई एक अधिसूचना को लेकर बवाल मच गया है। दरअसल, बंगाल में अगर आप सरकारी नौकरी करना चाहते हैं तो आपको अपने मूल देश की जानकारी देनी होगी।

यह अधिसूचना पश्चिम बंगाल उच्च शिक्षा विभाग की ओर से जारी की गई है जिसमें कहा गया है कि सरकारी और सहायता प्राप्त विद्यालयों और विश्वविद्यालयों के छात्रों को सरकारी नौकरी के आवदेन के समय अपने मूल देश की जानकारी देनी होगी।

सरकार की इस अधिसूचना को लेकर अध्यापकों के संगठनों ने नाराजगी जाहिर की है। अधिसूचना में कहा गया है कि अगर आप पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल अथवा किसी अन्य देश से हैं तो नौकरी के लिए आवेदन करते वक्त इसका उल्लेख करें। इसके अलावा महिलाओं और पुरुषों को अपना मेडिकल सर्टिफिकेट देने के लिए भी कहा गया है।

जादवपुर विश्विद्यालय के अध्यापक संघ के अध्यक्ष पार्थ राय का कहना  है कि शिक्षण व गैर-शिक्षण पदों के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों से यह सब क्यों पूछा जा रहा है कि वह मूल रूप से किस देश के निवासी हैं? उनका कहना है कि ऐसा करना  सीएए की अवधारणा को मजबूत करता है। अध्यापक संघ के लोगों का कहना है कि वह इसके लिए प्रदर्शन करेंगे। शिक्षकों ने इसे अपमानजनक बताया है।