Bangladeshi Migrants: दिल्ली से लेकर गुजरात तक और यूपी से लेकर ओडिशा तक बीजेपी शासित सरकारों में प्रशासन लगातार अवैध प्रवासियों के खिलाफ एक्शन ले रही है। इन सारी कार्रवाइयों के बीच पश्चिम बंगाल की सरकार ने ओडिशा पर आरोप लगाए हैं कि ओडिशा में उनके 100 से ज्यादा मजदूर नागरिकों को बांग्लादेशी होने के संदेह के चलते हिरासत में ले लिया गया है। ममता सरकार का आरोप है कि उन बंगाली मजदूरों को गिरफ्तार करके डिटेंशन सेंटर्स में रखा गया है।

दरअसल, टीएमसी के राज्यसभा सांसद और राज्य के प्रवासी कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष समीरुल इस्लाम के अनुसार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर शीर्ष प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस अधिकारी इस मुद्दे के संबंध में ओडिशा में अपने समकक्षों से संपर्क कर चुके हैं लेकिन ओडिशा सरकार उन गरीब प्रवासियों को रिहा नहीं कर रही है।

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TMC सांसद बोले- हम उन्हें वापस लाएंगे

टीएमसी ने ओडिशा सरकार की कार्रवाई को सीधे तौर पर असंवैधानिक बताया है। समीरुल इस्लाम ने कहा है कि जिन प्रवासी मजदूरों को हिरासत में लिया गया है वे भारतीय नागरिक हैं और बंगाल के निवासी हैं। वे काम के लिए ओडिशा गए थे। टीएमसी सांसद ने कहा कि उन मजदूरों को बांग्लादेशी करार देते हुए उन्हें ओडिशा सरकार ने गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने कहा कि हम उन प्रवासियों को वापस लाएंगे।

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बीजेपी पर लगाए आरोप

ओडिशा सरकार पर निशाना साधते हुए टीएमसी सांसद समीरुल इस्लाम ने कहा कि बीजेपी शासन में एक के बाद एक राज्य में ऐसा हो रहा है। ओडिशा में यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब महाराष्ट्र पुलिस द्वारा पश्चिम बंगाल से पकड़े गए चार युवकों और एक जोड़े सहित सात लोगों को पिछले सप्ताह पश्चिम बंगाल की टीएमसी सरकार के हस्तक्षेप के बाद वापस लाया गया। इन लोगों को बांग्लादेश में धकेल दिया गया था।

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ओडिशा सरकार ने क्या कहा?

सरकारी सूत्रों के अनुसार, बंगाल प्रशासन के अधिकारी और पुलिस अपने ओडिशा समकक्षों के संपर्क में हैं और हिरासत में लिए गए लोगों के आवासीय दस्तावेज प्रस्तुत किए हैं और उनकी तत्काल रिहाई और वापसी के लिए दबाव बनाया है।

दूसरी ओर इस बारे में घटनाक्रम के बारे में जब इंडियन एक्सप्रेस की टीम ने ओडिशा के एक वरिष्ठ अधिकारी से बात की तो उन्होंने कहा कि पड़ोस में हाल ही में हुए घटनाक्रमों के मद्देनजर राष्ट्रव्यापी अभ्यास के तहत सत्यापन किया जा रहा है। अधिकारी ने कहा कि किसी भी पुलिस स्टेशन में किसी को हिरासत में नहीं लिया जा रहा है। हम केवल उनकी पहचान सत्यापित कर रहे हैं और पश्चिम बंगाल सरकार के संपर्क में भी हैं।

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