इस सीजन में सामान्य से अधिक बारिश होगी। इसकी जानकारी मौसम विभाग (IMD) ने दी है। मौसम विभाग ने मंगलवार को कहा कि इस मानसून में भारत में सामान्य से अधिक वर्षा होगी। इसके अलावा मौसम के दौरान अल नीनो की स्थिति की संभावना को भी मौसम विभाग ने खारिज कर दिया।
मौसम विभाग के चीफ ने क्या कहा?
मौसम विभाग के चीफ मृत्युंजय महापात्र ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “भारत में चार महीने के मानसून सीजन (जून से सितंबर) में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है। वर्षा औसत 87 सेमी का 105 प्रतिशत रहने का अनुमान है।” उन्होंने कहा कि भारतीय उपमहाद्वीप में सामान्य से कम मानसून वर्षा से जुड़ी अल नीनो की स्थिति इस बार विकसित होने की संभावना नहीं है।
बता दें कि देश के कुछ हिस्से पहले से ही अत्यधिक गर्मी से जूझ रहे हैं और अप्रैल से जून की अवधि में काफी अधिक संख्या में हीट वेव वाले दिन आने की उम्मीद है। इससे बिजली ग्रिड पर दबाव पड़ सकता है और पानी की कमी हो सकती है।
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मानसून भारत के कृषि क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है, जो लगभग 42.3 प्रतिशत आबादी की आजीविका का समर्थन करता है। कृषि देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 18.2 प्रतिशत का योगदान देता है। शुद्ध खेती वाले क्षेत्र के 52 प्रतिशत लोग बारिश पर निर्भर रहते है। यह देश भर में बिजली उत्पादन के अलावा पीने के पानी के लिए महत्वपूर्ण जलाशयों को फिर से भरने के लिए भी महत्वपूर्ण है। इसलिए मानसून के मौसम के दौरान सामान्य वर्षा की भविष्यवाणी देश के लिए एक बड़ी राहत के रूप में आती है।
वैज्ञानिक क्यों परेशान?
जलवायु वैज्ञानिकों का कहना है कि बारिश के दिनों की संख्या घट रही है जबकि भारी बारिश की घटनाएं (थोड़े समय में अधिक बारिश) बढ़ रही हैं। इसके कारण लगातार सूखे और बाढ़ आ रही हैं।