Weather Forecast Alert Today India : दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में बारिश की फुहार शुरू हो गई है। जिससे लोगों को गर्मी से राहत मिली है और मौसम खुशनुमा हो गया है। मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में अगले दो दिन भी बारिश हो सकती है।
मध्य प्रदेश से सटे यूपी के इलाकों में अच्छी बारिश हो सकती है। इस तरह यूपी के मिर्जापुर, प्रयागराज, झांसी, वाराणसी, बांदा और लखनऊ में आज भारी बारिश हो सकती है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मंगलवार को सुबह आंशिक रूप से बादल छाए रहे। इस दौरान न्यूनतम तापमान 27.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार, सुबह 8.30 बजे आर्द्रता का स्तर 75 फीसदी दर्ज किया गया। मौसमविद् ने दिन में हल्की बारिश का पूर्वानुमान जताया है।
उन्होंने कहा, ‘‘आसमान में बादल छाए रहेंगे। आज कई इलाकों में हल्की बारिश होने की संभावना है और अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है।’’ पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में अगले दो-तीन दिन मानसून सक्रिय रहेगा। इसके चलते इन राज्यों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। दिल्ली में सोमवार को भी कुछ स्थानों पर बारिश देखने को मिली।
बंगाल की खाड़ी में मानसून का दबाव बन रहा है, जिसे मानसून टर्फ का भी साथ मिल रहा है। स्काइमेट वेदर रिपोर्ट के अनुसार, इससे छत्तीसगढ़ खासकर दक्षिण छत्तीसगढ़, दक्षिणी मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के विदर्भ, मराठवाड़ा में मूसलाधार बारिश की संभावना बन रही है। इनके अलावा बेतूल, खरगोण, खांडवा, अकोला, अमरावती, नागपुर आदि शहरों में भी मंगलवार को मूसलाधार बारिश की संभावना है।
मंगलवार को गुजरात के सूरत, वलसाड और नौसारी इलाकों में बारिश की संभावना है। इसके अलावा महाराष्ट्र के मुंबई, ठाणे आदि इलाकों में आज बारिश होने के आसार हैं। दक्षिण पूर्वी गुजरात और इससे लगते महाराष्ट्र के इलाकों में भी आज बारिश की संभावना है।
राजस्थान के पूर्वी भाग, जिनमें सवाई माधोपुर, कोटा, झालावाड़, दौसा, जयपुर और भरतपुर सहित कई शहरों में आज बारिश की संभावना है। इन इलाकों में अगले दो-तीन दिन भारी वर्षा के आसार हैं।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड में बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और दक्षिण भारत के राज्यों में बाढ़ तथा भूस्खलन से प्रभावित लोगों की मदद करने का केन्द्र से अनुरोध किया। गांधी ने कहा, ‘‘यह न केवल वायनाड के लिए, बल्कि केरल और कुछ दक्षिणी राज्यों के लिए भी त्रासदी है। यह केवल वायनाड का मुद्दा नहीं है, यह केरल का मुद्दा है, यह कर्नाटक का मुद्दा है।’’ कांग्रेस नेता ने अपने संसदीय क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति पर सरकारी अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की। मुख्यमंत्री पिनारयी विजयन ने सोमवार को जिला कलेक्टरों को राहत शिविरों में रह रहे लोगों को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।
इन जिलों में हुई मौतें
उत्तर प्रदेश में मौसम विभाग ने दो दिन यानी 13 से 14 अगस्त के बीच बारिश होने की संभावना जताई है। सोमवार को लखनऊ का न्यूनतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। मौसम विभाग के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में बन रहे कम दबाव के कारण राजधानी लखनऊ समेत इसके आस-पास के क्षेत्र में बारिश होने की संभावना है।
पश्चिमी महाराष्ट्र में बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित सांगली और कोल्हापुर जिलों की दो महत्वपूर्ण नदियों में जलस्तर कम होने से सोमवार को दोनों जिलों को बाढ़ से कुछ राहत मिली है। मौसम में सुधार के बाद वहां राहत एवं बचाव कार्य तेजी से चल रहा है। प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को बताया कि राज्य के सांगली, कोल्हापुर, सतारा, पुणे और सोलापुर जिलों में बारिश और वर्षा जनित घटनाओं में पिछले आठ दिन में 43 लोगों की मौत हुई है जबकि तीन अन्य लोग अभी भी लापता हैं। सांगली जिले में सबसे ज्यादा 21 लोगों की मौत हुई है।
राज्य के 14 जिलों के लिए मंगलवार को बारिश का कोई ‘रेड अलर्ट’ जारी नहीं किया गया ,लेकिन छह राज्यों के लिए ‘‘ऑरेंज अलर्ट’’ जारी किया गया है।
हालांकि, भारतीय मौसम विभाग के अनुसार दक्षिणी केरल में अगले दो दिन में भारी बारिश होने का अनुमान है।
केरल के कई हिस्सों में बारिश में कमी आने के साथ मलप्पुरम और वायनाड जिलों के भूस्खलन प्रभावित कवलप्पारा और पुथुमाला में तलाश अभियान जारी है। वहीं, मानसून की बारिश से जुड़ी घटनाओं में राज्य में मरने वालों की संख्या सोमवार को बढ़ कर 76 हो गयी जबकि 2.87 लाख लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं। मृतकों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि मलप्पुरम में 50 लोग अब भी लापता है।
बाढ़ का पानी उतरने के बाद छह दिन से बंद मुंबई-बेंगलुरु राजमार्ग खुलने से ट्रक और अन्य वाहन चालकों को राहत मिली है। कोल्हापुर मं पानी उतरने के बाद राजमार्ग को आंशिक रूप से खोला गया हैं सांगली और कोल्हापुर जिलों की कृष्णा और पंचगंगा नदियों में जलस्तर कम होने के बाद प्रशासन बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में हालात सामान्य करने का प्रयास कर रहा है। हालांकि नदियों में अभी भी जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है।