Weather forecast Today India Updates: बिहार में बारिश के मौसम में वज्रपात के चलते 10 लोगों की जान चली गई।बिहार में अलग-अलग परिवारों पर वज्रपात दुख का पहाड़ लेकर आया। दरअसल आकाशीय बिजली गिरने के कारण अरवल, मोतिहारी और कैमूर में 10 लोगों की मौत हो गई । वज्रपात के चपेट में आने से कई लोग घायल हो गए हैं।
उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और दिल्ली सहित नौ राज्यों में बारिश की कमी के कारण उमस भरी गर्मी से अगले 10 से 15 दिनों तक कोई राहत नहीं मिलती दिख रही है। वहीं, पश्चिमी राजस्थान से अगले पांच दिनों में मानसून की वापसी शुरु होने की संभावना ने, इन राज्यों में बारिश की कमी और उमस में इजाफे की चिंता को भी बढ़ा दिया है।
इसके अलावा बीच-बीच में चलने वाली हवा, नमी के स्तर को बारिश लायक हवा के कम दबाव का क्षेत्र बनने में बाधक बन रही है। इस वजह से वातावरण में उमस की अधिकता बनी हुई है। दिल्ली सहित नौ अन्य राज्यों में इस साल बारिश की कमी के पीछे भी यही वजह है। इस बीच मानसून की वापसी की संभावना ने भी इन राज्यों में बारिश की कमी की भरपाई नहीं हो पाने की चिंता बढ़ा दी है।।
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मौसम विभाग के अनुसार नीचे दक्षिण भारत में, एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र आंध्र प्रदेश तट से सटा हुआ है।इसके चलते पूर्वी उत्तर प्रदेश में कुछ स्थानों पर भारी बारिश भी हो सकती है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हल्की बारिश की संभावना जताई गई है।
बिहार में अलग-अलग परिवारों पर वज्रपात दुख का पहाड़ लेकर आया। दरअसल आकाशीय बिजली गिरने के कारण अरवल, मोतिहारी और कैमूर में 10 लोगों की मौत हो गई । वज्रपात के चपेट में आने से कई लोग घायल हो गए हैं।
दिल्लीवासियों के लिए बुधवार की सुबह काफी उमस भरी रही। इसके साथ ही राष्ट्रीय राजधानी में न्यूनतम तापमान 26.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया, जो मौसम के औसत से एक डिग्री अधिक है। आर्द्रता 85 फीसदी दर्ज की गई। मौसम विभाग ने शाम या रात के समय बहुत हल्की बारिश या गरज के साथ छींटे पड़ने का अनुमान जताया है। अधिकतम तापमान 37 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। मंगलवार को अधिकतम तापमान 36.8 डिग्री सेल्सियस जबकि न्यूनतम तापमान 27.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।
मुंबई और आसपास के इलाकों में गुरुवार को एक बार फिर भारी बारिश का असर देखा जा सकता है। भारतीय मौसम विभाग ने बुधवार को इसकी जानकारी दी। इसके अलावा मुंबई, थाणे और इसके आसापास इलाकों में भारी से बहुत भारी के चलते रेड अलर्ट जारी किया गया है। जिलेवार पूर्वानुमान के मुताबिक 18 से 25 सितंबर के बीच महाराष्ट्र के अंदरुनी क्षेत्रों में बारिश में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।
उत्तर प्रदेश में फिर शुरू हुए मानसूनी बारिश के सिलसिले और जलभरण क्षेत्रों में व्यापक वर्षा से गंगा, यमुना और घाघरा समेत विभिन्न नदियां जबर्दस्त उफान पर हैं। केन्द्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक यमुना नदी औरैया, कालपी (जालौन), हमीरपुर, चिल्लाघाट (बांदा) और नैनी (प्रयागराज) में खतरे के निशान को पार कर गई है। वहीं, गंगा नदी गाजीपुर और बलिया में कहर ढा रही है। इन दोनों ही स्थानों पर यह लाल चिह्न से ऊपर बह रही है। साथ ही कचलाब्रिज (बदायूं), फाफामऊ (प्रयागराज), इलाहाबाद, मिर्जापुर और वाराणसी में इसका जलस्तर खतरे के निशान के नजदीक पहुंच गया है।
घाघरा नदी एल्गिनब्रिज (बाराबंकी) और अयोध्या में खतरे के निशान को पार कर गयी है, जबकि तुर्तीपार (बलिया) में यह इस चिह्न के नजदीक बह रही है। शारदा पलियाकलां (लखीमपुर खीरी) में वहीं, बेतवा नदी सहिजना (हमीरपुर) में लाल निशान के ऊपर बह रही है। जालौन, बलिया और बांदा समेत बाढ़ प्रभावित विभिन्न इलाकों में अफरा—तफरी का आलम है। सैलाब से प्रभावित गांवों के बड़ी संख्या में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश में फिर शुरू हुए मानसूनी बारिश के सिलसिले और जलभरण क्षेत्रों में व्यापक वर्षा से गंगा, यमुना और घाघरा समेत विभिन्न नदियां जबर्दस्त उफान पर हैं। केन्द्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक यमुना नदी औरैया, कालपी (जालौन), हमीरपुर, चिल्लाघाट (बांदा) और नैनी (प्रयागराज) में खतरे के निशान को पार कर गयी है। वहीं, गंगा नदी गाजीपुर और बलिया में कहर ढा रही है। इन दोनों ही स्थानों पर यह लाल चिह्न से ऊपर बह रही है। साथ ही कचलाब्रिज (बदायूं), फाफामऊ (प्रयागराज), इलाहाबाद, मिर्जापुर और वाराणसी में इसका जलस्तर खतरे के निशान के नजदीक पहुंच गया है।
राजस्थान में भारी बारिश का दौर जारी है। यहां नदी-नाले उफान पर हैं। राज्य के 5 बड़े बांध कोटा बैराज, राणाप्रताप सागर, जवाहर सागर और माही बजाज के सभी गेट खोलने पड़े हैं।
मौसम विभाग ने झारखंड में चेतावनी जारी करते हुए बताया है कि राज्य के हजारीबाग, चतरा गिरिडीह और कोडरमा जिलों में बारिश के साथ वज्रपात हो सकता है।
मध्य प्रदेश में बारिश के चलते जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। मध्य प्रदेश के नीमच में चंबल नदी उफान पर है। नदी के उफान के चलते अबतक यहां 100 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो चुका है।
दादर एवं नागर हवेली,राजस्थान में 36, मध्य प्रदेश में 34, गुजरात में 33, महाराष्ट्र में 30 और कर्नाटक में 22 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई है।इसके अलावा बारिश के चलत धान की खेती की लागत भी बढ़ जाएगी।
राजस्थान में बारिश का दौर जारी है। मौसम विभाग ने चार जिलों में मूसलाधार बारिश की संभावना जताते हुए रेड अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने आगामी 24 घंटों में बारां, चित्तौड़गढ़, झालावाड़, और कोटा जिलों में मूसलाधार बारिश की चेतावनी देते हुए रेड अलर्ट जारी किया। वहीं बांसवाड़ा, भीलवाड़ा, बूंदी, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, राजसमंद, सिरोही और उदयपुर जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई गई है।
दिल्ली में सोमवार सुबह उमस के कारण लोग परेशान रहे और इस दौरान आर्द्रता का स्तर 84 प्रतिशत दर्ज किया गया। दिन में बादल छाए रहेंगे और हल्की बारिश होने की संभावना है। मौसम विज्ञान विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि अधिकतम तापमान करीब 36 डिग्री और न्यूनतम तापमान करीब 28 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कुछ हिस्सों में रविवार सुबह बारिश हुई, जिससे लोगों को उमस भरे मौसम से कुछ राहत मिली। मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि शहर में रविवार सुबह 1.8 मिमी बारिश हुई। उन्होंने बताया कि हालांकि कई स्थानों में बारिश नहीं हुई उनमें वह क्षेत्र भी शामिल हैं जो रिज, पालम और आयानगर मौसम केंद्रों के अंतर्गत आते हैं। उन्होंने बताया कि दिन में बादल छाए रहेंगे और हल्की बारिश होने की संभावना है। न्यूनतम तापमान 27.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस मौसम के औसत तापमान से तीन डिग्री सेल्सियस अधिक है। अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस तक रह सकता है। मौसम विभाग के अधिकारी ने बताया कि सापेक्ष आर्द्रता सुबह आठ बजकर 30 मिनट पर 81 फीसदी दर्ज की गई।
भारत में दक्षिण पश्चिम मानसून तय कार्यक्रम के मुताबिक केरल तट पर दस्तक देता है और लगभग तीन महीने तक इसके सक्रिय रहने के दौरान दक्षिण, मध्य, पूर्वी, उत्तर पूर्वी, पश्चिमी और उत्तरी राज्यों में बारिश होती है। एक सितंबर से पश्चिमी राजस्थान होते हुये इसकी वापसी शुरु हो जाती है। तय समयसीमा के तहत देश से 30 सितबंर तक सामान्यत: मानसून की पूरी तरह से वापसी हो जाती है।
मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने बताया कि हर दस साल के अंतराल पर मानसून के पूर्व निर्धारित कार्यक्रम की समीक्षा होती है, लेकिन अब तक इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि पिछले एक दशक में मानसून की गति की समीक्षा के लिए गठित गाडगिल समिति बीते कुछ सालों से लगातार विलंबित मानसून के प्रभाव पर भी विचार कर रही है। उल्लेखनीय है कि जलवायु परिवर्तन के फलस्वरूप सर्दी, गर्मी और बारिश के मौसम की अवधि में भी बदलाव स्पष्ट रूप से दिख रहा है। जिसके कारण पिछले कुछ सालों से सर्दी और गर्मी का असर आमतौर पर देर से महसूस होना शुरू हो रहा है और यह असर अधिक समय तक रहता है। इसका सीधा प्रभाव मानसून की गतिविधियों पर भी पड़ा है।
साल दर साल मौसम के बदलते मिजाज को देखते हुए, सरकार देश में हर साल एक जून को मानसून के दस्तक देने और एक सितंबर से इसकी वापसी शुरु होने की तारीखों में भी बदलाव करने पर विचार कर रही है। संपूर्ण भारत में बारिश के मौसम के लिए जिम्मेदार दक्षिण पश्चिम मानसून के सक्रिय होने और इसकी वापसी की तारीखों की समीक्षा के लिए गठित गाडगिल समिति की रिपोर्ट के मुताबिक अगले साल मानसून का कार्यक्रम तय किया जाएगा। मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने बताया कि आजादी के बाद 1950 के दशक में मौसम विभाग ने देश में दक्षिण पश्चिम मानसून के सक्रिय होने की तारीख एक जून और मानसून की वापसी शुरु होने की तारीख एक सितंबर निर्धारित की थी।
बारिश के आंकड़ों से साफ है कि राज्यों के स्तर पर मानसून का वितरण अब तक असमान रहा है। बारिश की कमी वाले राज्यों में 62 प्रतिशत कमी के साथ मणिपुर अव्वल है। जबकि दिल्ली में बारिश की कमी का स्तर 35 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में 25 प्रतिशत, हरियाणा में 39 प्रतिशत और झारखंड में 30 प्रतिशत दर्ज किया गया।
मौसम विभाग के मानसून संबंधी आंकड़ों के अनुसार एक जून से 11 सितंबर तक देश में सामान्य से तीन प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई है। इसके मुताबिक इस अवधि में राष्ट्रीय स्तर पर बारिश के सामान्य स्तर 783.4 मिमी की तुलना में 805.3 मिमी बारिश हुयी। मानसून के दौरान अब तक गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र सहित नौ राज्यों में बारिश की अधिकता रही। जबकि पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर सहित 16 राज्यों में बारिश का स्तर सामान्य रहा, वहीं दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और झारखंड सहित नौ राज्यों में बारिश की कमी दर्ज की गई।
मौसम विभाग की उत्तर क्षेत्रीय पूर्वानुमान इकाई के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि भारत में दक्षिण पश्चिम मानसून की वापसी राजस्थान से होते हुए एक सितंबर से शुरु होती है और सितंबर के अंतिम सप्ताह (30 सितंबर) तक दक्षिण भारत सहित पूरे देश से मानसून की वापसी हो जाती है। उन्होंने कहा कि मानसून की मौजूदा गतिविधि पर आधारित पूर्वानुमान को देखते हुए पश्चिमी राजस्थान से 19 या 20 सितंबर को मानसून की वापसी शुरु होने का अनुमान है।