बंगाल की खाड़ी में बन रहे Cyclone Amphan का असर देश के आठ राज्यों पर पड़ सकता है। जिसके चलते इन राज्यों में भारी बारिश और आंधी चल सकती है। खासकर अंडमान निकोबार द्वीप समूह में तूफान के चलते भारी बारिश हो सकती है। ओडिशा के 12 जिले तूफान की आशंका के चलते हाई अलर्ट पर हैं।
यह तूफान अगले 48 घंटों में पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तटवर्ती इलाकों से टकरा सकता है। जिसके असर से इन राज्यों में भारी बारिश और आंधी चलेगी। ओडिशा के तटवर्ती जिलों में प्रशासन को संभावित तूफान से बचाव के लिए तैयारियां करने के निर्देश दिए गए हैं, जिनमें लोगों के लिए शेल्टर होम का निर्माण करना भी शामिल है। जिन जिलों में चक्रवाती तूफान अपना असर दिखा सकता है, उनमें जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, भद्रक और बालासोर आदि शामिल हैं। मौसम विभाग ने मछुआरों को फिलहाल समुद्र में ना जाने की सलाह दी है।
मौसम विभाग के अनुसार, बंगाल की खाड़ी के ऊपर शुक्रवार को कम दबाव का एक क्षेत्र बना। जिसके बाद यह डिप्रेशन में बदला और अब यह चक्रवाती तूफान में परिवर्तित हो जाएगा और आज शाम तक ओडिशा, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश के तटवर्ती इलाकों को हिट कर सकता है। ओडिशा के राहत आयुक्त पी के जेना ने बताया कि उन्होंने मुख्य सचिव असित त्रिपाठी के साथ तूफान की स्थिति और राज्य पर पड़ने वाले उसके प्रभाव की समीक्षा की है।
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भारत मौसम विभाग द्वारा प्राप्त प्राथमिक सूचना के अनुसार संभावित कम दबाव का क्षेत्र उत्तर-उत्तर पूर्व दिशा में घूमते हुए अपने पथ पर लौटेगा और बंगाल की खाड़ी की ओर मुड़ेगा। जेना ने कहा कि कम दबाव वाले क्षेत्र की गति अभी पता नहीं चल पाई है और संभावित तूफान तट पर कहां टकराएगा इसकी जानकारी मौसम विभाग की ओर से दी जाएगी। उन्होंने कहा कि तूफान उत्तर ओडिशा, दक्षिणी बंगाल या बांग्लादेश से भी टकरा सकता है। उन्होंने कहा कि मछुआरों को शुक्रवार से समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है।
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तूफान के कारण दक्षिण और बंगाल की खाड़ी तथा अंडमान सागर में समुद्र की स्थिति खराब से बेहद खराब रहने वाली है, ऐसे में सरकार ने मछुआरों को चेतावनी दी है कि वह 18 मई से लेकर समुद्र में या ओडिशा के समुद्री तटों पर ना जाएं। पश्चिम बंगाल के मछुआरों को भी चेतावनी दी गई है कि वे 18 से 21 मई के बीच बंगाल की खाड़ी या पश्चिम बंगाल-ओडिशा के तटवर्ती क्षेत्रों में ना जाएं। जो मछुआरे पहले से समुद्र में हैं, उन सभी को 17 मई तक लौटने को कहा गया है।
चक्रवाती तूफान की गति और क्षमता को देखते हुए राज्य सरकार ने आज दिन में केन्द्र सरकार से अनुरोध किया कि वह ‘अम-पुन’ के रास्ते से होकर गुजरने वाली सभी श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को अस्थाई रूप से स्थगित कर दे।
भारत मौसम विज्ञान विभाग की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार, पिछले छह घंटे से बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्वी भाग और आसपास के क्षेत्रों के ऊपर बना निम्न दबाव का क्षेत्र अब तूफान ‘अम-पुन’ का रूप ले चुका है। सीएम नवीन पटनायक ने चक्रवात को लेकर राज्य की तैयारियों का जायजा लिया। मौसम विभाग के अनुसार, यह तूफान 17 से 20 मई तक राज्य में रहेगा।
बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवात के कारण उठने वाले तूफान ‘अम-पुन’ के 18 मई को ओडिशा पहुंचने की संभावना है। ऐसे में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने शनिवार को तूफान से राज्य में एक भी व्यक्ति की मौत नहीं होने देने को सुनिश्चित करने का लक्ष्य निर्धारित किया। गौरतलब है कि राज्य प्रशासन एक ओर जहां कोविड-19 के बढ़ते मामलों से निपटने में जुटा है, वहीं दूसरी ओर यह तूफान उनकी मुश्किलें बढ़ाने आ गया है।
बंगाल की खाड़ी में एक चक्रवात का खतरा मंडरा रहा है। यह चक्रवात शनिवार की सुबह पश्चिम बंगाल में दीघा के दक्षिण-दक्षिणपश्चिम में 1,220 किलोमीटर की दूरी पर था। मौसम कार्यालय ने यहां बताया कि इस तूफान के प्रभाव से 19 मई से राज्य के तटीय जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है।क्षेत्रीय मौसम विभाग के निदेशक जी के दास ने बताया कि कम दबाव का क्षेत्र रविवार की शाम तक भयंकर चक्रवात में बदल सकता है और यह 17 मई तक उत्तर-उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ सकता है।
राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) ने आसन्न चक्रवात के लिए तैयारियों की शनिवार को समीक्षा की। इस चक्रवात के ओडिशा और पश्चिम बंगाल तट से टकराने की आशंका है। समिति ने इन दो राज्यों को तत्काल मदद उपलब्ध कराने के निर्देश दिये है। एक आधिकारिक बयान के अनुसार कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में यहां हुई समिति की बैठक में बंगाल की खाड़ी में आसन्न चक्रवात के लिए तैयारियों का जायजा लिया। इसमें कहा गया है कि कैबिनेट सचिव ने मौजूदा स्थिति और राहत अभियानों की तैयारियों की समीक्षा की और तत्काल मदद उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।
स्काईमेट वेदर की रिपोर्ट के मुताबिक अगले 24 घंटों के दौरान उत्तर भारत की पहाड़ियों और उत्तर पश्चिम के मैदानों में मौसम शुष्क रहेगा। राजस्थान में धूल भरी आंधी चल सकती है। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पर कुछ हिस्सों में बारिश के आसार हैं।
बंगाल की खाड़ी में एक चक्रवात का खतरा मंडरा रहा है। यह चक्रवात शनिवार की सुबह पश्चिम बंगाल में दीघा के दक्षिण-दक्षिणपश्चिम में 1,220 किलोमीटर की दूरी पर था। मौसम कार्यालय ने यहां बताया कि इस तूफान के प्रभाव से 19 मई से राज्य के तटीय जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। क्षेत्रीय मौसम विभाग के निदेशक जी के दास ने बताया कि कम दबाव का क्षेत्र रविवार की शाम तक भयंकर चक्रवात में बदल सकता है और यह 17 मई तक उत्तर-उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ सकता है। उन्होंने बताया कि इसके 18 से 20 मई के दौरान उत्तर-उत्तरपूर्व की ओर बढ़ने और फिर पश्चिम बंगाल तट की ओर बढ़ने की संभावना है। दास ने बताया कि इसके प्रभाव से उत्तर और दक्षिण 24 परगना, कोलकाता, पूर्वी और पश्चिमी मिदनापुर, हावड़ा और हुगली समेत पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों में 19 मई और 20 मई को भारी बारिश होने का अनुमान है।
मौसम विज्ञान कार्यालय के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में एक चक्रवाती तूफान उठा है जिसके चलते 19 मई से पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों में बहुत भारी बारिश की संभावना है।
भारतीय मौसम विभाग ने चक्रवाती तूफान अंफन को देखते हुए प्रभावित राज्यों के तटों पर मछुआरों का सतर्क कर दिया है। विभाग ने सभी मछुआरों को कल तक तट पर लौटने की सलाह दी है।
चक्रवाती तूफान अंफन अंडमान सागर से सक्रिय होकर 18-20 मई को छत्तीसगढ़ के समानान्तर गुजरेगा। इस तूफान का सबसे ज्यादा असर दक्षिणी छत्तीसगढ़ में हो सकता है। 22 मई तो तूफान का प्रभाव पूरे छत्तीसगढ़ पर होगा जिसके चलते राज्य में तेज बारिश हो सकती है।
वहीं आंध्र प्रदेश में अगले 24 घंटे में मध्यम से लेकर भारी बारिश हो सकती है। राज्य के तटवर्ती इलाकों में भारी बारिश के साथ ही 45-50 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से तेज हवाएं भी चल सकती हैं।
एक ट्रफ पूर्वी मध्य प्रदेश से मराठवाड़ा होते हुए दक्षिणी कर्नाटक तक बनी हुई है। पश्चिमी राजस्थान पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। दक्षिणी असम के ऊपर भी एक चक्रवाती सिस्टम बना हुआ दिखाई दे रहा है। इस सिस्टम के चलते राज्यों में धूल भरी आंधी और हल्की बूंदाबांदी हो सकती है।
चक्रवाती तूफान अंफन के असर के चलते पंजाब, हरियाणा, उत्तरी राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में आज बारिश हो सकती है।
मौसम विभाग ने साइक्लोन अंफन को देखते हुए आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, मिजोरम, मणिपुर में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इन राज्यों में चक्रवाती तूफान के असर से तेज हवाएं और बारिश हो सकती है।
दिल्ली एनसीआर में अब गर्मी का दौर शुरू होने वाला है। मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली में अब तापमान 40 डिग्री से ज्यादा रहने की उम्मीद है। हालांकि 17 मई को दिल्ली में आंधी और हल्की बूंदाबांदी हो सकती है, लेकिन उससे गर्मी से ज्यादा राहत नहीं मिलेगी। इस हफ्ते के आखिर में तापमान 42 डिग्री तक जा सकता है और लू परेशान कर सकती है।
इस वर्ष दक्षिणपश्चिम मानसून चार दिन देर से पांच जून को केरल पहुंचेगा। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने शुक्रवार को अपने पूर्वानुमान में यह जानकारी दी। लेकिन मौसम पूर्वानुमान से जुड़ी निजी मौसम एजेंसियों का कहना है कि मानसून तय समय से पहले केरल पहुंचेगा। केरल में मानसून पहुंचने के साथ ही देश में जून से सितंबर तक के चार महीने लंबे बरसात के मौसम की शुरुआत हो जाती है।
इस वर्ष दक्षिणपश्चिम मानसून चार दिन देर से पांच जून को केरल पहुंचेगा। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने शुक्रवार को अपने पूर्वानुमान में यह जानकारी दी। लेकिन मौसम पूर्वानुमान से जुड़ी निजी मौसम एजेंसियों का कहना है कि मानसून तय समय से पहले केरल पहुंचेगा। केरल में मानसून पहुंचने के साथ ही देश में जून से सितंबर तक के चार महीने लंबे बरसात के मौसम की शुरुआत हो जाती है। आमतौर पर मानसून एक जून को केरल पहुंचता है। वहीं इस वर्ष केरल में मानसून सामान्य तारीख के मुकाबले कुछ विलंब से आएगा। राज्य में मानसून पांच जून तक आ सकता है।’’ मौसम पूर्वानुमान के क्षेत्र में काम करने वाली निजी कंपनियों स्काईमेट वेदर और वेदर कंपनी (आईएमबी के उपक्रम) के मत मौसम विभाग से अलग हैं और दोनों का कहना है कि मानसून तय समय (एक जून) से पहले केरल पहुंचेगा। स्काईमेट वेदर का कहना है कि मानसून 28 मई को ही केरल पहुंच जाएगा, वहीं वेदर कंपनी ने इसके लिए 31 मई की तारीख तय की है। बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती तूफान के कारण अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह में मानसून अपनी सामान्य तारीख 22 मई से छह दिन पहले 16 मई तक आ सकता है।
स्काईमेट वेदर के मुताबिक मध्यप्रदेश के पूर्वी क्षेत्र सहित महाराष्ट्र और कर्नाटक में अगले 24 घंटे के भीतर बारिश की संभावना है। वहीं आंध्रप्रदेश के तटीय इलकों में ऐसी संभावन बन रही है।
ओडिशा के राहत आयुक्त पी के जेना ने बताया कि उन्होंने मुख्य सचिव असित त्रिपाठी के साथ तूफान की स्थिति और राज्य पर पड़ने वाले उसके प्रभाव की समीक्षा की है। भारत मौसम विभाग द्वारा प्राप्त प्राथमिक सूचना के अनुसार संभावित कम दबाव का क्षेत्र उत्तर-उत्तर पूर्व दिशा में घूमते हुए अपने पथ पर लौटेगा और बंगाल की खाड़ी की ओर मुड़ेगा। जेना ने कहा कि कम दबाव वाले क्षेत्र की गति अभी पता नहीं चल पाई है और संभावित तूफान तट पर कहां टकराएगा इसकी जानकारी मौसम विभाग की ओर से दी जाएगी। उन्होंने कहा कि तूफान उत्तर ओडिशा, दक्षिणी बंगाल या बांग्लादेश से भी टकरा सकता है। उन्होंने कहा कि मछुआरों को शुक्रवार से समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है। हालांकि मौसम विभाग ने अभी कोई सटीक जानकारी नहीं दी है, लेकिन विभाग ने यह स्पष्ट किया है कि कम दबाव का क्षेत्र शुक्रवार को और बढ़ जाएगा और बाद में यह तूफान का रूप ले लेगा।
मौसम विभाग ने अभी कोई सटीक जानकारी नहीं दी है, लेकिन विभाग ने यह स्पष्ट किया है कि कम दबाव का क्षेत्र शुक्रवार को और बढ़ जाएगा और बाद में यह तूफान का रूप ले लेगा। भारतीय मौसम विभाग के मृत्युंजय महापात्र ने कहा, “अभी हम सटीकता से अनुमान नहीं लगा सकते क्योंकि चक्रवात अभी बना नहीं है। हालांकि ओडिशा के उत्तरी और पश्चिम बंगाल के दक्षिणी भागों में स्थित जिलों में इसका प्रभाव पड़ सकता है। इसके परिणामस्वरूप तटीय क्षेत्रों में 19 मई से भारी बारिश का अनुमान है।”
ओडिशा के राहत आयुक्त पी के जेना ने कहा कि स्थिति को देखते हुए ओडिशा सरकार ने 12 तटीय जिलों में चेतावनी जारी कर दी है जिनमें जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, भद्रक और बालासोर प्रमुख हैं। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर एनडीआरएफ और अग्निशमन सेवा समेत अन्य बलों की तैनाती की जा सकती है। विशेष राहत आयुक्त ने कहा कि ओडिशा ने ऐसी स्थिति का सामना पहले भी किया है इसलिए स्थिति का प्रबंधन सही तरीके से किया जाएगा।
मौसम विभाग ने चक्रवाती तूफान Amphan को लेकर जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, उत्तरी राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ऑरेन्ज अलर्ट जारी किया है। इन राज्यों में तूफान के चलते बारिश हो सकती है और लोगों को घरों से बाहर ना निकलने की सलाह दी गई है। बता दें कि इससे पहले गुरुवार को दिल्ली एनसीआर में आंधी, बारिश और ओलावृष्टि के बाद मौसम बदल गया है। शुक्रवार को भी दिल्ली एनसीआर समेत देश के कई हिस्सों में आंधी और बारिश की संभावना जतायी गई है।
केरल में इस वर्ष दक्षिणपश्चिम मानसून आने में चार दिन की देरी हो सकती है। भारत के मौसम विज्ञान विभाग ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। विभाग ने बताया कि मानसून दक्षिणी राज्य में पांच जून तक आएगा। मौसम विभाग ने बताया, ‘‘इस वर्ष केरल में मानसून सामान्य तारीख के मुकाबले कुछ विलंब से आएगा। राज्य में मानसून पांच जून तक आ सकता है।’’ केरल में मानसून आने के साथ देश में चार महीने के बरसात मौसम की आधिकारिक शुरुआत हो जाती है। जून से सितंबर तक का मौसम बरसात का माना जाता है। आमतौर पर केरल में हर साल मानसून एक जून को आता है।
केरल में इस वर्ष दक्षिणपश्चिम मानसून आने में चार दिन की देरी हो सकती है। भारत के मौसम विज्ञान विभाग ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। विभाग ने बताया कि मानसून दक्षिणी राज्य में पांच जून तक आएगा। मौसम विभाग ने बताया, ‘‘इस वर्ष केरल में मानसून सामान्य तारीख के मुकाबले कुछ विलंब से आएगा। राज्य में मानसून पांच जून तक आ सकता है।’’ केरल में मानसून आने के साथ देश में चार महीने के बरसात के मौसम की आधिकारिक शुरुआत हो जाती है। जून से सितंबर तक का मौसम बरसात का माना जाता है। आमतौर पर केरल में हर साल मानसून एक जून को आता है। बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती तूफान के कारण अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह में मानसून अपनी सामान्य तारीख 22 मई से छह दिन पहले 16 मई तक आ सकता है। पिछले वर्ष अंडमान-निकोबार में मानसून अपनी तय तारीख से दो दिन पहले 18 मई को आ गया था लेकिन गति धीमी पड़ने से केरल यह आठ जून को पहुंचा था और पूरे देश में मानसून की आमद 19 जुलाई को हुई थी। विभाग के मुताबिक इस वर्ष मानसून सामान्य रहेगा।
केन्द्रीय वित्त मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में कहा कि देश की बड़ी आबादी कृषि क्षेत्र पर आधारित है। किसान कई मुसीबत का सामना करते हैं। सरकार मतस्य पालन, पशुपालन, सिचाईं को लेकर करेगी रियायती ऐलान।
मौसम विभाग के अनुसार, तूफान के असर के चलते अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के कुछ हिस्सों में आज और कल भारी बारिश हो सकती है। विभाग का कहना है कि पश्चिम बंगाल में बारिश का दौर अगले बुधवार तक बारिश का दौर जारी रह सकता है। शुक्रवार और शनिवार को दिल्ली एनसीआर में भी बारिश की संभावना है।
मौसम विभाग ने चक्रवाती तूफान Amphan को लेकर जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, उत्तरी राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ऑरेन्ज अलर्ट जारी किया है। इन राज्यों में तूफान के चलते बारिश हो सकती है और लोगों को घरों से बाहर ना निकलने की सलाह दी गई है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्रों में गुरुवार को बादल छाए। जिसके फलस्वरूप दृश्यता घट गयी। दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में एक हफ्ते से भी कम समय में दूसरी बार धूल भरी आंधी आयी थी। छिटपुट स्थानों पर बारिश भी हुई। आंधी के चलते बिजली के तारों और वाहनों को नुकसान पहुंचा। भारत मौसम विज्ञान विभाग के क्षेत्रीय पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि यह नये पश्चिमी विक्षोभ का परिणाम था। राष्ट्रीय राजधानी में 60 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार से आंधी चली।
राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार को 2.2 की कम तीव्रता का भूकंप आया। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने बताया कि 12 अप्रैल के बाद से यह क्षेत्र में आया चौथा भूकंप है। भूकंप का केंद्र उत्तरी दिल्ली के पीतमपुरा में था। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने बताया कि यह भूकंप 11 बजकर 28 मिनट पर आठ किलोमीटर की गहराई में आया।
स्काइमेट वेदर की रिपोर्ट के अनुसार, विशाखापत्तनम से समुद्र में दक्षिणपूर्व में 900 किलोमीटर दूर इस तूफान का केन्द्र है।
स्काईमेट वेदर वेबसाइट के अनुसार, एक निम्न दाब अगले 24 घंटे में चक्रवाती तूफान में बदल जाएगा। यह चक्रवाती तूफान उत्तर पश्चिमी इलाकों की ओर बढ़ेगा और 16 मई तक चेन्नई से 600 किलोमीटर की दूरी पर पहुंचेगा।
देश में इस साल भी मानसून देर से दस्तक देगा। मौसम विभाग ने यह जानकारी दी है। मौसम विभाग के अनुसार, आम तौर पर केरल में मानसून एक जून को पहुंच जाता है लेकिन इस बार मानसून केरल पूरे 4 दिन की देरी से पहुंच रहा है। इसका मतलब है कि इस साल केरल में मानसून 5 जून को आएगा।
आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में भी चक्रवाती तूफान एम्फन को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। राज्य के तटीय इलाकों में आगे 2-3 दिनों में भारी बारिश और तेज हवाएं चल सकती हैं।