Weather forecast Today, Cyclone Bulbul Highlights: देश की राजधानी दिल्ली और उससे सटे NCR में प्रदूषण का स्तर बढ़ जाने के चलते दो दिनों के लिए सभी स्कूलों (सरकारी व निजी) की छुट्टी कर दी गई है। बुधवार (13 अक्टूबर, 2019) को ईपीसीए के आदेशों के बाद, दिल्ली सरकार ने कहा कि हवा की गुणवत्ता खराब होने के कारण गुरूवार और शुक्रवार को स्कूल बंद रहेंगे। केजरीवाल सरकार ने इसके अलावा कोयला कारखानों, तेल और हॉट मिक्स प्लांट्स भी 15 तारीख तक बंद रखने के लिए कहा है।
दरअसल, राजधानी दिल्ली इन दिनों प्रदूषण की चपेट में है। दिल्ली की वायु गुणवत्ता कुछ दिन बेहतर रहने के बाद एक बार फिर पड़ोसी राज्यों में जल रही पराली के कारण ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई। आने वाले दिनों में इसके आपात श्रेणी में पहुंचने की आशंका है।
सरकार के वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्र ‘वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान एवं अनुसंधान प्रणाली (सफर) ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर बुधवार को ‘‘बेहद गंभीर’’ या ‘‘आपातकालीन” श्रेणी में प्रवेश करने की आशंका है।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव माधवन राजीवन ने ट्वीट किया, ‘‘पूर्वानुमान के मुताबिक हवा की गुणवत्ता 14 नवंबर तक बेहद गंभीर श्रेणी में पहुंचने की आशंका है।’’ मौसम विशेषज्ञों ने बताया कि न्यूनतम तापमान सामान्य से दो डिग्री कम 11.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण खतरनाक होता जा रहा है। पर्यायवरण प्रदूषण प्राधिकरण ने दिल्ली एनसीआर में अगले दो दिन स्कूल बंद रहने के आदेश दिए हैं। इसके अलावा कोयला कारखानों, तेल और हॉट मिक्स प्लान्ट्स को भी बंद रखने को कहा है।
चेन्नई सहित तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के दक्षिणी भागों में नार्थईस्ट मॉनसून के सक्रिय होने से बढ़ेगी बारिश। तेलंगाना तथा कर्नाटक में मौसम लगभग शुष्क बने रहने की संभावना है
मौसम वैज्ञानिकों ने जम्मू-कश्मीर और करगिल और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में 14 से 16 नवंबर के बीच अधिकतर स्थानों पर हल्की बर्फबारी होने का पूर्वानुमान जताया है। जम्मू-कश्मीर के कुछ इलकों में बीते हफ्ते बर्फबारी भी हुई थी। इसके बाद से ही राज्य का मौसम ठंडा है। कश्मीर के पर्वतीय इलाकों में बर्फबारी से कड़ाके की ठंड पड़ रही है।
उत्तर-पश्चिम की सर्द हवाओं ने मैदानी इलाकों में दिन का तापमान सामान्य से 5 डिग्री तक गिरा दिया है। इससे रात का तापमान सामान्य से तीन डिग्री नीचे तक लुढ़क गया है। मौसम विभाग के मुताबिक आने वाले दिनों में लोगों को ठंड के साथ ही कोहरा और धुंध भी परेशान कर सकते हैं। उत्तर पश्चिमी हवाएं सर्दी लेकर आ रही हैं।
जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग को मंगलवार को यातायात के लिए फिर से खोल दिया गया। जम्मू से 150 किलोमीटर दूर डिगडोल में भूस्खलन के चलते राजमार्ग पर यातायात बाधित हो गया था। अधिकारियों ने यहां इसकी जानकारी दी। राजमार्ग खुलने के बाद सैकड़ों ट्रक अपने गंतव्यों के लिए रवाना हो रहे हैं।
विशेषज्ञों ने बताया कि प्रदूषण के स्तर में वृद्धि को हवा की गति में गिरावट आ सकती है। उन्होंने कहा कि पराली जलाए जाने से निकलने वाले धुएं के बढ़ने की आशंका है जिससे दिल्ली में अगले दो दिनों में हवा की गति में गिरावट आ सकती है। सरकार की वायु गुणवत्ता निगरानी सेवा ‘सफर’ के अनुसार शहर में 25 प्रतिशत प्रदूषण पराली के जलने की वजह से है।
प्रदूषण में वृद्धि ऐसे समय में हुई है जब दिल्ली सरकार ने सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की 550वीं जयंती के मद्देनजर अपनी सम-विषम योजना के तहत प्रतिबंध को हटा दिया था।
AQI 465 के साथ वजीरपुर राजधानी का सबसे प्रदूषित क्षेत्र रहा। बवाना का एक्यूआई 464, रोहिणी का 454, मुंडका का 458 और आनंद विहार का एक्यूआई 458 दर्ज किया गया। फरीदाबाद (413), गुड़गांव (415), गाजियाबाद (461), ग्रेटर नोएडा (444), और नोएडा (453) में भी हवा बेहद प्रदूषित रहा। गौरतलब है कि वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 0-50 के बीच ‘अच्छा’, 51-100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101-200 के बीच ‘मध्यम’, 201-300 के बीच ‘खराब’, 301-400 के बीच ‘अत्यंत खराब’, 401-500 के बीच ‘गंभीर’ और 500 के पार ‘बेहद गंभीर एवं आपात’ माना जाता है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण ब्यूरो (सीपीसीबी) के अनुसार, दिल्ली का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) मंगलवार शाम 4 बजे 425 और रात के नौ बजे 437 दर्ज किया गया। सोमवार शाम 4 बजे यह 360 था। पीएम 2.5 का स्तर 337 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा। वहीं पीएम 10 का स्तर बढ़कर 484 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पर पहुंच गया। 37 वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन में अधिकतर ने वायु गुणवत्ता को ‘गंभीर’ श्रेणी में रखा।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव माधवन राजीवन ने ट्वीट किया, ‘‘पूर्वानुमान के मुताबिक हवा की गुणवत्ता 14 नवंबर तक बेहद गंभीर श्रेणी में पहुंचने की आशंका है।’’ मौसम विशेषज्ञों ने बताया कि न्यूनतम तापमान सामान्य से दो डिग्री कम 11.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विज्ञान विभाग के क्षेत्रीय मौसम पूर्वानुमान केन्द्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि र्सिदयों के आगाज के साथ ही, न्यूनतम तापमान में गिरावट से हवा में ठंडक बढ़ गई है और भारीपन आ गया है जिससे प्रदूषक तत्व जमीन के निकट जमा हो रहे हैं।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता कुछ दिन बेहतर रहने के बाद मंगलवार सुबह एक बार फिर पड़ोसी राज्यों में जल रही पराली के कारण ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई और बुधवार को इसके आपात श्रेणी में पहुंचने की आशंका है। सरकार के वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्र ‘वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान एवं अनुसंधान प्रणाली (सफर) ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर बुधवार को ‘‘बेहद गंभीर’’ या ‘‘आपातकालीन" श्रेणी में प्रवेश करने की आशंका है।
मौसम विभाग ने बताया कि मंगलवार को जम्मू में अधिकतम तापमान 24.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो मौसम के औसत से 3.3 डिग्री कम है, जबकि न्यूनतम तापमान 13.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो औसत से 0.4 डिग्री अधिक है। विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि गुलमर्ग के स्की रिसॉर्ट में अधिकतम तापमान 8.4 डिग्री सेल्सियस रहा, जहां पिछले हफ्ते भारी हिमपात हुआ था। हालांकि, उन्होंने बताया कि पहाड़ी रिसॉर्ट में रात का न्यूनतम तापमान शून्य से 1.1 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जबकि उसकी पिछली रात न्यूनतम तापमान शून्य से 4.8 डिग्री सेल्सियस रहा था।
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में मंगलवार को भी ठंड का प्रकोप जारी रहा। ठंड से राहत मिलने की फिलहाल कोई संभावना नहीं है क्योंकि तापमान मौसम के औसत से कम दर्ज किया गया। मौसम विभाग के प्रवक्ता ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पिछले सप्ताह मौसम के पहले हिमपात के बाद भीषण ठंड की चपेट में आये श्रीनगर में दिन के तापमान में कुछ सुधार हुआ जो कि पिछले दिन के 3.4 डिग्री सेल्सियस की तुलना में 7.4 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। प्रवक्ता ने बताया कि हालांकि, इस मौसम में दिन का तापमान सामान्य से नौ डिग्री कम है। शहर में रात का तापमान 0.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि इस मौसम का औसत 1.2 डिग्री सेल्सियस है।
मौसम वैज्ञानिकों ने केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में 14 से 16 नवंबर के बीच अधिकतर स्थानों पर हल्की बर्फबारी होने का पूर्वानुमान जताया है। जम्मू-कश्मीर के कुछ इलकों में बीते हफ्ते बर्फबारी भी हुई थी। इसके बाद से ही राज्य का मौसम ठंडा है। कश्मीर के पर्वतीय इलाकों में बर्फबारी से कड़ाके की ठंड पड़ रही है।
पंजाब में 14 और 15 नवंबर को बारिश की संभावना है। अमृतसर, तरण तारण, फरीदकोट, फाजिल्का, फिरोजपुर में बारिश की संभावना सबसे ज्यादा है। वहीं बारिश के आसार फिलहाल पश्चिमी भागों में ही दिखाई दे रहे हैं। मौसम से जुड़ी एक निजी वेबसाइट ये जानकारी साझा की है। बता दें कि जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में मौसम विभाग ने 14 से 16 नवंबर के बीच बारिश और बर्फबारी की आशंका जताई है।
दक्षिण भारत में बारिश की संभावना जताई गई है। तमिलनाडु, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक और तटीय कर्नाटक के कुछ हिस्सों में मध्यम स्तर की बारिश होने की उम्मीद है। मौसम से जुड़ी एक निजी वेबसाइट ने यह जानकारी दी। बता दें कि देश के पूर्वी हिस्से में चक्रवाती तूफान बुलबुल अब निष्प्रभावी हो गया है लेकिन इसके चलते नमी पूर्वोत्तर भारत में कम से कम अगले 24 से 48 घंटों तक बनी रहेगी।
उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों में लगातार बर्फबारी के बाद दिल्ली हरियाणा समेत मैदानी राज्यों में मौसम ठंडा हो गया है। लगातार हो रही बर्फबारी ने धरती के स्वर्ग कश्मीर को अपने आगोश में समा लिया है। ठंड का सिलसिला एक दो दिन में और बढ़ सकता है। जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में मौसम विभाग ने 14 से 16 नवंबर के बीच बारिश और बर्फबारी की आशंका जताई है।
हिमाचल प्रदेश में कई जगहों पर बारिश की संभावना है। इसके अलावा कई जगहों पर हिमपात भी हो सकता है। वहीं उत्तराखंड में हल्की बारिश की संभावना है। बता दें कि पहाड़ी राज्यों में लगातार बर्फ की सफेद बारिश हो रही है। कई इलाकों में बर्फ की मोटी-मोटी चादर जम चुकी है। सुबह कश्मीर के पहलगाम में बर्फबारी देखने को मिली थी।
राजस्थान और गुजरात के कई इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। मौसम से जुड़ी एक निजी वेबसाइट के मुताबिक, जयपुर बीकानेर, जैसलमेर, जोधपुर, बाड़मेर और चुरू में बारिश हो सकती है। वहीं राज्य के पूर्वी जिलों का मौसम सूखा रह सकता है। वेबसाइट के मुताबिक गुजरात में भी बारिश हो सकती है। इनमें अहमदाबाद, गांधीनगर और बड़ौदा हल्की बारिश हो सकती है। जबकि सोमनाथ, वेरावल, जामनगर, भुज, नालिया और द्वारका में तेज बारिश हो सकती है।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता कुछ दिन बेहतर रहने के बाद मंगलवार सुबह एक बार फिर पड़ोसी राज्यों में जल रही पराली के कारण ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई। मौसम विशेषज्ञों ने बताया कि न्यूनतम तापमान सामान्य से दो डिग्री कम 11.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।मौसम विज्ञान विभाग के क्षेत्रीय मौसम पूर्वानुमान केन्द्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि र्सिदयों के आगाज के साथ ही, न्यूनतम तापमान में गिरावट से हवा में ठंडक बढ़ गई है और भारीपन आ गया है जिससे प्रदूषक तत्व जमीन के निकट जमा हो रहे हैं। दिल्ली में दोपहर साढ़े बारह बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 417 रहा। सोमवार शाम चार बजे यह 360 था।
रामबन जिले में भीषण भूस्खलन के कारण जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर दो दिन से ठप पड़ी यातायात सेवाओं को आज मंगलवार को बहाल कर दिया गया। अधिकारियों ने बताया कि बर्फ हटाने के लिए व्यापक स्तर पर अभियान चलाने के बावजूद जम्मू क्षेत्र में सीमाई जिलों- पुंछ और राजौरी को दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले से जोड़ने वाली मुगल रोड आज सातवें दिन भी बंद रही।
मौसम वैज्ञानिकों ने जम्मू-कश्मीर और करगिल और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में 14 से 16 नवंबर के बीच अधिकतर स्थानों पर हल्की बर्फबारी होने का पूर्वानुमान जताया है। जम्मू-कश्मीर के कुछ इलकों में बीते हफ्ते बर्फबारी भी हुई थी। इसके बाद से ही राज्य का मौसम ठंडा है। कश्मीर के पर्वतीय इलाकों में बर्फबारी से कड़ाके की ठंड पड़ रही है।
मौसम विभाग के अनुसार बीते 24 घंटों में मध्य प्रदेश के सभी जिलों में मौसम शुष्क रहा है। इसके साथ ही न्यूनतम तापमान में भी पूरे प्रदेश में कोई खास परिवर्तन नहीं हुआ है। ये भोपाल एवं उज्जैन संभाग के सभी जिलों में सामान्य से काफी अधिक, शहडोल, इंदौर, ग्वालियर एवं चंबल संभाग के जिलों में सामान्य से अधिक तथा शेष संभागों के जिलों में सामान्य रहा है। अगले 24 घंटों में प्रदेश में मौसम में कोई खास बदलाव होने की संभावना नहीं है।
उत्तर भारत में सर्दियां शुरू हो गई हैं। पहाड़ों में बीते दिनों हुई बर्फबारी की वजह से मैदानी इलाकों में मौसम ठंडा हो गया है। दिल्ली में मौसम ठंडा होने के साथ ही यहां प्रदूषण का स्तर भी थोड़ा बढ़ गया है। दिल्ली में सुबह 9 बजे तक 17 डिग्री तापमान रहा।
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने चक्रवाती तूफान बुलबुल से प्रभावित किसानों के लिए आजीविका सहायता के लिए एक राहत पैकेज की घोषणा की। यह राहत उन छोटे और सीमांत किसानों को दी जाएगी। जिनकी कम से कम 33 प्रतिशत फसल बर्बाद हुई है।
पश्चिम बंगाल और ओडिशा में तूफान बुलबुल अब कमजोर हो चला है। लेकिन इसकी वजह से लाखों लोग प्रभावित हुए तो वहीं दो दिनों के तूफान में 8 लोगों की मौत हो गई है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बंगाल और ओडिशा में दो दिनों तक बुलबुल तूफान के कमजोर पड़ने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली है। इन दो दिनों में यहां कम से कम 8 लोगों की मौत हो गई है। लाखों हेक्टेयर इलाके में खड़ी फसल बर्बाद हो गई। दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने हवाई दौरा कर हालात जाने हैं।
राष्ट्रीय राजमार्ग रामबन के यातायात पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) सुरेश शर्मा ने बताया कि सड़क से मलबा हटाने वाली एजेंसियों के निरंतर प्रयासों के बावजूद सोमवार को राजमार्ग को यातायात के लिए खोलना शायद संभव नहीं होगा। उन्होंने कहा कि मलबा साफ करने का काम जारी है और जल्द से जल्द यातायात बहाल करने के प्रयास किए जा रहे हैं ।
अधिकारियों ने बताया कि रविवार दोपहर डिगडोले में राजमार्ग पर भूस्खलन के कारण सड़क के 150 मीटर हिस्से में मलबा फैल गया। इस कारण हजारों लोग राजमार्ग पर फंस गए ।
रामबन जिले में जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर भूस्खलन का मलबा साफ करने के लिए सोमवार को भी प्रयास जारी रहा। हालांकि, मौसम विभाग ने इस सप्ताह के आखिर में बर्फबारी और बारिश का पूर्वानुमान व्यक्त किया है ।
दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता सोमवार को ‘गंभीर’ श्रेणी के नजदीक रही। खेतों में पराली जलाने में बढ़ोतरी, वायु की गति में कमी और प्रदूषकों के फैलाव में तापमान के चलते बाधा आने के कारण हालात तेजी से बिगड़े हैं। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के वायु गुणवत्ता निगरानी सेवा सफर के मुताबिक मंगलवार को वायु गुणवत्ता फिर ‘गंभीर’ श्रेणी में आ जाएगी। दिल्ली का सकल एक्यूआई सोमवार को शाम चार बजे 360 था, जो रविवार को 321 के मुकाबले अधिक है। एक्यूआई नेहरू नगर (406), अशोक विहार (402), रोहिणी (414), विवेक विहार (406), वजीरपुर (409), बवाना (414), मुंडका (413) और आनंद विहार (412) में गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया। गाजियाबाद में भी प्रदूषण का स्तर शाम को ‘गंभीर’ श्रेणी में आ गया। ग्रेटर नोएडा और नोएडा में भी इसमें बढ़ोतरी देखने को मिली।
पश्चिम बंगाल में भारतीय तटरक्षक बल और एनडीआरएफ के चक्रवात बुलबुल के कारण मछली पकड़ने वाली नाव के पलट जाने से मौसुनी द्वीप से लापता नौ मछुआरों में से चार के शव बरामद कर लिये हैं। सोमवार को एक वरिष्ठ तटरक्षा अधिकारी ने यह जानकारी दी। यह नाव शनिवार को द्वीप से 50 मीटर दूर समुद्र में चक्रवात बुलबुल की चपेट में आ गयी थी। चक्रवात ने गंगा सागर, दक्षिण 24 परगना और खेपुपारा क्षेत्र के बीच पहली दस्तक थी। पश्चिम बंगाल तटरक्षक बल के कमांडर और उप महानिरीक्षक एस आर दास ने पीटीआई-भाषा को बताया कि लगातार चलाये गये खोज अभियान के बाद चार शव बरामद किए गए हैं। शवों को जिला प्रशासन को सौंप दिया गया है। दास ने बताया कि मंगलवार को खोज कार्य फिर से शुरु किया जाएगा जिससे नाव में सवार बाकी मछुआरों का पता लगाया जा सके। गौरतलब है कि नाव में नौ मछुआरे सवार थे और नाव मौसुनी द्वीप पर तूफान की चपेट में आकर पलट गई। हादसे के बाद से तटरक्षक बल और एनडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य में लगी हुई हैं।