दक्षिण भारत में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। केरल और कर्नाटक सबसे अधिक प्रभावित हैं। दोनों राज्यों में अभी तक 83 लोगों की मौत हो चुकी है। केरल में मृतकों की संख्या अब बढ़कर 57 हो गई और करीब 1.65 लाख लोग विस्थापित हुए हैं। केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘57 लोगों की जान गई है। राज्य में 1,318 बाढ़ राहत शिविर संचालित हो रहे हैं। इन शिविरों में 46,400 परिवारों के 1,65,519 व्यक्ति हैं। उन्होंने कहा कि गत तीन दिनों में आठ जिलों में 80 भूस्खलन हुए हैं।
वहीं कर्नाटक सरकार ने 17 जिलों में 80 तालुका को बाढ़ प्रभावित घोषित किया है। राज्य में बारिश और बाढ़ से जुड़ी घटनाओं में मृतकों की संख्या 26 हो गई है और हजारों लोग बेघर हो गए हैं। सरकार ने आदेश जारी कर फसल, मृतकों, मवेशी और बुनियादी संरचना को हुए नुकसान के कारण 80 तालुका को बाढ़ प्रभावित घोषित किया है।
देश के कई राज्यों में आई बाढ़ पर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि ‘गंभीर चिंता का विषय है कि आधा देश बारिश की प्रतीक्षा कर रहा है, जबकि देश का शेष हिस्सा बाढ़ की स्थिति का सामना कर रहा है।’ उन्होंने आगे कहा कि ‘हमें इस तथ्य पर विचार करने की आवश्यकता है कि जलवायु परिवर्तन हो रहा है…..मैं नहीं कहुंगा कि प्रत्येक घटना का जलवायु परिवर्तन से सीधा संबध है क्योंकि यह वैज्ञानिक नहीं होगा । लेकिन यह गंभीर चिंता का विषय है कि आधा देश बारिश का अब भी इंतजार कर रहा है जबकि देश का शेष हिस्सा बाढ़ की स्थिति का सामना कर रहा है।’ असम, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, और गुजरात में कई जिले बाढ़ की स्थिति का सामना कर रहे हैं।
फडणवीस ने इस मानसून के दौरान बारिश से उपजे बाढ़ के हालात को ‘‘अकल्पनीय’’ बताया। उन्होंने कहा कि 2005 में जितनी बारिश हुई थी उससे ‘‘दोगुनी’’ बारिश हुई है। 2005 में आयी बाढ़ में मुंबई के अधिकतर इलाकों समेत राज्य के कई हिस्से जलमग्न हो गये थे। उन्होंने कहा, ‘‘2005 में आयी बाढ़ के दौरान सांगली में उस वक्त एक महीने के दौरान 217 प्रतिशत बारिश हुई थी जबकि इस बार के मौसम में महज नौ दिन में 785 प्रतिशत बारिश हुई। कोल्हापुर में 2005 में 159 फीसदी बारिश हुई थी जबकि इस बार नौ दिनों में ही 480 फीसदी बारिश हुई है।’’
महाराष्ट्र सरकार की ओर से जारी बयान के अनुसार समूचे राज्य में बाढ़ प्रभावित इलाकों से 4,24,333 लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। बाढ़ से राज्य में 69 ‘तालुकाओं’ में 761 गांव प्रभावित हुए हैं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को सांगली में राहत एवं बचाव अभियानों की समीक्षा की और लोगों से बातचीत की। उन्होंने लोगों को हर तरह की मदद का आश्वासन भी दिया।
महाराष्ट्र में बाढ़ग्रस्त इलाकों से अब तक चार लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है और सांगली तथा कोल्हापुर जिलों में बाढ़ का पानी कम होना शुरू हो गया है। जिन लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है उनमें कोल्हापुर और सांगली के 3.78 लाख लोग भी शामिल हैं जहां शनिवार को हालात में थोड़े सुधार के संकेत मिले हैं क्योंकि वहां बाढ़ का पानी अब धीरे-धीरे कम होना शुरू हो गया है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी का संसदीय क्षेत्र वायनाड भी भारी बारिश और बाढ़ से प्रभावित हुआ है। वहीं सबसे अधिक 19 लोगों की मौत मलप्पुरम में होने की सूचना है जबकि 14 व्यक्तियों ने कोझीकोड और 10 ने वायनाड में जान गंवाई है। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि 198 मकान पूरी तरह से और 2303 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। केरल में मलप्पुरम के कावलप्परा और वायनाड के मेप्पाडी स्थित पुथुमाला में भीषण भूस्खलन के बाद कई लोगों के अब भी मलबे में फंसे होने की आशंका है। राज्य में 1,318 बाढ़ राहत शिविर संचालित हो रहे हैं और इन शिविरों में 46,400 परिवार हैं।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी का संसदीय क्षेत्र वायनाड भी भारी बारिश और बाढ़ से प्रभावित हुआ है। वहीं सबसे अधिक 19 लोगों की मौत मलप्पुरम में होने की सूचना है जबकि 14 व्यक्तियों ने कोझीकोड और 10 ने वायनाड में जान गंवाई है। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि 198 मकान पूरी तरह से और 2303 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। केरल में मलप्पुरम के कावलप्परा और वायनाड के मेप्पाडी स्थित पुथुमाला में भीषण भूस्खलन के बाद कई लोगों के अब भी मलबे में फंसे होने की आशंका है। राज्य में 1,318 बाढ़ राहत शिविर संचालित हो रहे हैं और इन शिविरों में 46,400 परिवार हैं।