Weather Forecast: इस वर्ष मानसून के दौरान हुई बारिश और बाढ़ से करीब 1,900 लोगों की मौत हुई और अन्य 46 लोग लापता हैं। 22 राज्यों में करीब 25 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। लापता लोगों के बारे में अब तक कोई जानकारी सामने नहीं आई है। लापता लोग जिंदा है या नहीं इस बारे में अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं है।
ओडिशा और छत्तीसगढ़ में अगले 48 घंटों के दौरान और बारिश का अनुमान है। इसके साथ ही बिजली भी कड़क सकती है। बता दें कि बीते 24 घंटों के दौरान ओडिशा और छत्तीसगढ़ में अच्छी बारिश देखने को मिली है। मौसम से जुड़ी एक निजी वेबसाइट के मुताबिक इस दौरान अंगुल में 3.26 मिमी की बारिश दर्ज की गई। इसके बाद कोरापुट में 24.4 मिमी की बारिश दर्ज की गई। इसके साथ ही ओडिशा के अन्य इलाकों में मध्यम से हल्की बारिश हुई। वहीं छत्तीसगढ़ में भी अच्छी बारिश देखने को मिली। बस्तर, बीजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा और कांकेर में जमकर बारिश हुई है।
वहीं विदर्भ, मराठवाड़ा और मध्य महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में बारिश होने की चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि राज्य के कुछ अन्य जिलों–अहमदनगर, पुणे, सांगली, सतारा, कोल्हापुर और सोलापुर– में भी बुधवार से बारिश हो सकती है। अधिकारी ने कहा कि विदर्भ, मराठवाड़ा और मध्य महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में सोमवार और शनिवार के बीच गरज के साथ बारिश होने की संभावना है।
वहीं पटना-गया रेलखंड और बख्तियारपुर-बिहारशरीफ रेलखंड पर रेल परिचालन भी अब सामान्य हो गया है। सीएम नीतीश कुमार ने रविवार को बाढ़ प्रभावित भागलपुर, बेगूसराय, कटिहार, खगड़िया, पूर्णिया व उसके आसपास के जगहों का हवाई सर्वे किया। उन्होंने पूर्णिया के चूनापुर एयरपोर्ट पर अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में अधिकारियों के साथ जनप्रतिनिधि भी उपस्थित थे। सीएम ने अधिकारियों को यह निर्देश दिया कि राहत एवं बचाव तेज गति से चलाएं। बाढ़ प्रभावित लोगों को कोई परेशानी ना हो।


आने वाले कुछ दिन में दिल्ली हरियाणा और पंजाब समेत उत्तर प्रदेश और मुंबई में अगले कुछ दिनों में मौमस जल्द ठंड़ा होगा। पूर्वी भारत में भी जल्द ही लोगों को ठंड महसूस होने लगी। मौसम पर नजर रखने वाली एक निजी वेबसाइट ने यह जानकारी दी।
इस वर्ष मानसून के दौरान हुई बारिश और बाढ़ से करीब 1,900 लोगों की मौत हुई और अन्य 46 लोग लापता हैं। 22 राज्यों में करीब 25 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। लापता लोगों के बारे में अब तक कोई जानकारी सामने नहीं आई है। लापता लोग जिंदा है या नहीं इस बारे में अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं है।
मानसूनी वर्षा के इस बार 25 वर्षो में सबसे अच्छी रहने से 2019-20 के खरीफ मौसम में कुल खाद्यान्न उत्पादन, पिछले पांच वर्षों में औसत से 84 लाख टन ऊंचा हो कर 14 करोड़ 5.7 लाख टन तक पहुंचने की उम्मीद है। एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। नेशनल बल्क हैंडंलिंग कॉरपोरेशन (एनबीएचसी) ने सोमवार को एक रिपोर्ट में कहा कि इस बार 84 प्रतिशत इलाकों में मानसून सामान्य या सामान्य से अधिक रहा है। बाकी क्षेत्रों में बारिश अपर्याप्त रही। इसमें कहा गया है कि वर्ष 2019-20 में मॉनसून में बोई गयी खाद्य फसलों का उत्पादन 14 करोड़ 5.7 लाख टन होने की उम्मीद है, जो पिछले पांच वर्षों में औसत उत्पादन से 84 लाख टन अधिक होगा।
अगले 24 से 48 घंटे के दौरान देश के मध्य क्षेत्रों में हल्की बारिश की संभावना जताई गई है। इस बारिश के बाद अलगे दो तीन दिन बाद मानसून वापसी की राह पर होगा। वहीं ओडिशा में भी अगले कुछ दिन बारिश होने की आशंका है। इसके अलावा मध्य प्रदेश के धार, इंदौर और रतलाम में बारिश के बाद 8 अक्टूबर के बाद मानसून राज्य से विदाई ले सकता है। मौसम पर नजर रखने वाली एक निजी वेबसाइट ने यह जानकारी दी।
दिल्ली में पश्चिमी और उत्तर-पश्चिमी दिशा से हवाएं चलने के बाद हवा के पैटर्न में बदलाव देखा गया है। इससे प्रदूषण के स्तर में भी कमी आई है। बीते 48 घंटों के दौरान
दिल्ली-एनसीआर के क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान 22-23 डिग्री सेल्सियस के बीच बना हुआ है। मौसम पर नजर रखने वाली एक निजी वेबसाइट ने यह जानकारी दी।
ओडिशा और छत्तीसगढ़ में अगले 48 घंटों के दौरान और बारिश का अनुमान है। इसके साथ ही बिजली भी कड़क सकती है। बता दें कि बीते 24 घंटों के दौरान ओडिशा और छत्तीसगढ़ में अच्छी बारिश देखने को मिली है। मौसम से जुड़ी एक निजी वेबसाइट के मुताबिक इस दौरान अंगुल में 3.26 मिमी की बारिश दर्ज की गई। इसके बाद कोरापुट में 24.4 मिमी की बारिश दर्ज की गई। इसके साथ ही ओडिशा के अन्य इलाकों में मध्यम से हल्की बारिश हुई। वहीं छत्तीसगढ़ में भी अच्छी बारिश देखने को मिली। बस्तर, बीजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा और कांकेर में जमकर बारिश हुई है।
पिछले हफ्ते की भारी बारिश के बाद बिहार की राजधानी पटना के कुछ इलाकों में अब भी जल-जमाव रहने की वजह से डेंगू और वेक्टर जनित अन्य बीमारियों का खतरा मंडरने लगा है। प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के अनुसार पटना में 27 सितंबर से अबतक डेंगू के 250 मामले सामने आये हैं। शहर में इसी दिन से बारिश शुरू हुई थी जो अगले कुछ दिनों तक जारी रही।
डेंगू के मामले की तेजी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पटना में इस साल एक जनवरी से 27 सितंबर तक इस बीमारी के 409 मामले सामने आये थे।
मौसम विभाग के मुताबिक 1 अक्टूबर से 6 अक्टूबर के दौरान लगभग सभी राज्यों में सामान्य से अच्छी बारिश हुई। विभाग के मुताबिक पूरे देश में इस अवधि में 22.1 मिमी बारिश हुई। मौसम विभाग ने अनुमाना जताया था कि इस दौरान करीब 22.5 मिमी की बारिश होगी।
औरंगाबाद में बारिश के बाद जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित है। बारिश के बाद कई इलाकों में पानी भर गया। कई जगह सड़कों पर तीन फीट तक पानी भर गया जिसकी वजह से पार्किंग में खड़े वाहनों को नुकसान हुआ। वहीं कई इलाकों में दुकानें भी बंद है।
दिल्ली में सोमवार सुबह आंशिक रूप से बादल छाने के साथ ही न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री अधिक 22.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार सुबह साढ़े आठ बजे हवा में आर्द्रता का स्तर 82 प्रतिशत दर्ज किया गया। अधिकारी ने कहा, ‘‘ आज दिन में आसमान साफ रहेगा और अधिकतम तापमान के 33 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है।’’ रविवार को न्यूनतम और अधिकतम तापमान क्रमश: 21.1 और 32.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।
बिहार में राजधानी पटना समेत करीब 18 जिलों बारिश के बाद हुए जलजमाव के बाद अब डेंगू ने फैल रहा है। राज्य में डेंगू के 900 से अधिक मरीज सामने आए हैं। इनमें से 640 अकेले पटना में है। डेंगू के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर हेल्थ डिपार्टमेंट अलर्ट हो गया है। राज्य के प्रधान सचिव (हेल्थ) संजय कुमार ने बताया कि एक्सपर्ट्स की टीम इलाकों का दौरा कर रही है। मच्छरों को मारने के लिए 24 टीमें प्रभावित क्षेत्रों में दवा का छिड़काव कर रही हैं। स्थिति को देखते हुए पटना जिले में सभी डॉक्टरों की छुट्टियां रद कर दी गई है।
तेलंगाना में बारिश से लोगों की परेशानी बढ़ गई है। हैदराबाद में बारिश के कारण मल्ला रेड्डी नारायण मल्टीस्पेशिलिटी अस्पताल की आईसीयू में बारिश का पानी घुस गया। इससे अस्पताल में दाखिल मरीजों और उनके परिजनों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
त्रिपुरा में रविवार को देश में सबसे अधिक बारिश हुई। त्रिपुरा के कैलाशशहर में रविवार को 85 एमएम बारिश दर्ज की गई। असम के सिलचर, लखीमपुर और जोरहाट में भी अच्छी खासी बारिश देखने को मिली। सिलचर में 75 एमएम बारिश दर्ज की गई जबकि लखीमपुर और जोरहाट में 58-58 एमएम बारिश दर्ज की गई।
पूरे देश में अभी मानसून पूरी तरह से विदा नहीं हुआ है। ऐसे में देश के कई हिस्सों में बारिश देखने को मिल रही है। इन सब के बीच मैदानी इलाकों में गर्मी भी देखने को मिल रही है। तमिलनाडु का परमथी और आंध्र प्रदेश का नेल्लोर देश में सबसे गर्म स्थान रहे। इन दोनों स्थानों का अधिकतम तापमान 36 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
मौसम विभाग ने अगले सप्ताह के लिये जारी पूर्वानुमान के तहत 10 अक्टूबर तक मध्य महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों, कर्नाटक, केरल, असम, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा के कुछ इलाकों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।
मौसम विभाग ने अक्टूबर के पहले सप्ताह में राष्ट्रीय स्तर पर मानसून की सामान्य बारिश का स्तर 22.5 मिमी रहने का अनुमान व्यक्त किया था, लेकिन पूरे देश में इस अवधि में 22.1 मिमी (अनुमानित सामान्य स्तर से दो प्रतिशत कम) बारिश हुयी। इस दौरान 11 राज्यों में सामान्य से कम और आठ राज्यों में सामान्य से बहुत कम बरिश हुयी। बारिश की कमी वाले राज्यों में दक्षिण और पूर्वोत्तर के राज्य शामिल हैं।
वैज्ञानिकों के अनुसार मानसून के विलंबित होने में अल नीनो के प्रभाव की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। जून में अल नीनो के कारण भारत में मानसून की गति धीमी पड़ने की वजह से उत्तरी राज्यों में मानसून के शुरुआती चरण में काफी कम बारिश दर्ज की गयी।
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने रविवार को कहा कि करीब एक महीने की देरी के बाद 10 अक्टूबर से मानसून के लौटने की उम्मीद है। मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक मानसून की वापसी में यह अब तक का सबसे अधिक विलंब है। इस साल मानसून ‘‘सामान्य से अधिक’’ रहा है और आईएमडी ने वर्षा का दीर्घ कालिक औसत (एलपीए) 110 फीसद दर्ज किया है। एलपीए 1961 से 2010 के बीच 88 सेंटीमीटर था। मौसम विभाग ने एक पूर्वानुमान में कहा, ‘‘राजस्थान में औसत समुद्र तल से करीब डेढ़ किलोमीटर उपर 6 अक्टूबर के आसपास हवा के उच्च दबाव का क्षेत्र बनने के कारण उत्तर पश्चिमी भारत से 10 अक्तूबर के करीब दक्षिणपश्चिम मानसून की वापसी शुरू होने की उम्मीद है।
पिछले सप्ताह दक्षिण और पूर्वोत्तर के राज्यों में बारिश की कमी दर्ज किये जाने के बाद विभाग ने अगले सप्ताह दक्षिण पश्चिम मानसून की संभावित वापसी शुरु होने से पहले दस अक्टूबर तक दक्षिण और पूर्वोत्तर क्षेत्र में भारी बारिश का पूर्वानुमान व्यक्त किया है। विभाग ने अक्टूबर के पहले सप्ताह में राष्ट्रीय स्तर पर मानसून की सामान्य बारिश का स्तर 22.5 मिमी रहने का अनुमान व्यक्त किया था, लेकिन पूरे देश में इस अवधि में 22.1 मिमी (अनुमानित सामान्य स्तर से दो प्रतिशत कम) बारिश हुयी। इस दौरान 11 राज्यों में सामान्य से कम और आठ राज्यों में सामान्य से बहुत कम बरिश हुयी।
तेलंगाना में आज बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग ने तेलंगाना में छिटपुट जगहों पर रविवार और सोमवार को बारिश और बिजली चमकने की चेतावनी दी थी। उसने आठ एवं नौ अक्टूबर को छिटपुट जगहों पर भारी बारिश का भी पूर्वानुमान जताया है। हैदराबाद में कई जगहों पर भीषण बारिश होने के कारण निचले इलाकों में जलजमाव हो गया है जबकि कुछ जगहों पर पेड़ टूटकर सड़कों और वाहनों पर गिर गये हैं।
पिछले तीन महीने से सक्रिय दक्षिण पश्चिम मानसून की बारिश की कमी को महसूस कर रहे उत्तर और मध्य भारत के इलाकों में बीते सप्ताह मानसून मेहरबान रहा। एक से छह अक्टूबर के दौरान जम्मू कश्मीर से लेकर राजस्थान तक लगभग सभी राज्यों में सामान्य से काफी अधिक बारिश दर्ज की गयी। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार पिछले एक सप्ताह में जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, दिल्ली और राजस्थान सहित नौ राज्यों में सामान्य से बहुत अधिक, उत्तर प्रदेश सहित तीन राज्यों में सामान्य से अधिक तथा हरियाणा में सामान्य बारिश हुई। उल्लेखनीय है कि उत्तर और मध्य क्षेत्र के ये राज्य जून से सितबंर के दौरान सामान्य या सामान्य से कम बारिश के दायरे में थे।
तेलंगाना के सिद्दीपेट जिले में रविवार को आकाशीय बिजली की चपेट में आने से दो व्यक्तियों की मौत हो गयी, जबकि एक अन्य व्यक्ति घायल हो गया। पुलिस ने बताया कि घटना उस वक्त हुई जब चिंतालाचेरुवु इलाके के पास बारिश हो रही थी। उन्होंने बताया कि मरने वालों की उम्र 30-35 साल थी। घायल व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।