यूपी के मुजफ्फरनगर में आयोजित किसान महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार ने देश पर ‘सेल फोर इंडिया’ का बोर्ड लगा दिया है। टिकैत ने कहा, ‘जब भारत सरकार हमें बातचीत के लिए आमंत्रित करेगी, हम जाएंगे। जब तक सरकार हमारी मांगें पूरी नहीं करती तब तक किसानों का आंदोलन जारी रहेगा। आजादी की लड़ाई 90 साल तक चली तो पता नहीं यह आंदोलन कब तक चलेगा।’
उन्होंने कहा, ‘हम संकल्प लेते हैं कि हम धरना स्थल को वहां (दिल्ली सीमा ) नहीं छोड़ेंगे, भले ही हमारा कब्रिस्तान वहां बन जाए। जरूरत पड़ने पर हम अपनी जान भी दे देंगे, लेकिन जब तक हम विजयी नहीं होंगे तब तक धरना स्थल नहीं छोड़ेंगे।’ राकेश टिकैत ने कहा, ”हमें देश को बिकने से रोकना है। किसान को बचाना चाहिए, देश को बचाना चाहिए, कारोबारियों, कर्मचारियों और युवाओं को बचाना चाहिए।”
वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बयान में कहा, “‘महापंचायत’ राज्य और केन्द्र की योगी-मोदी सरकार को किसानों, खेत मजदूरों और कृषि आंदोलन के समर्थकों की ताकत का एहसास कराने के लिए है। मुजफ्फरनगर ‘महापंचायत’ पिछले नौ महीनों में अब तक की सबसे बड़ी महापंचायत है।” भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक के अनुसार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, महाराष्ट्र, कर्नाटक जैसे विभिन्न राज्यों के 300 किसान संगठनों के किसान कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे हैं।
बता दें कि केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में रविवार को विभिन्न राज्यों के किसान मुजफ्फरनगर के राजकीय इंटर कॉलेज के मैदान में होने वाली किसान महापंचायत के लिए बड़ी संख्या में एकत्र हुए। अगले वर्ष की शुरुआत में उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए इस आयोजन को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। ‘किसान महापंचायत’ का आयोजन संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से किया जा रहा है।
गौरतलब है कि तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन को नौ महीने से अधिक समय हो गया है। किसान उन कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। उन्हें डर है कि वे न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्रणाली को खत्म कर देंगे। सरकार, जो प्रमुख कृषि सुधारों के रूप में कानूनों को पेश कर रही है, उसके साथ 10 दौर से अधिक की बातचीत, दोनों पक्षों के बीच गतिरोध को तोड़ने में विफल रही है।