India-Pakistan Tensions: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है। इसी बीच, कर्नाटक हाई कोर्ट ने गुरुवार को पाकिस्तान के तीन नाबालिगों की तरफ से दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया। उन्होंने एक रिश्तेदार की शादी में शामिल होने के लिए 15 मई तक भारत में रहने की इजाजत मांगी थी।
याचिका को खारिज करते हुए जस्टिस एमजी उमा की बेंच ने कहा, ‘पहलगाम में हुए घातक आतंकी हमले के मद्देनजर सीसीएस ने अलग-अलग वीजा निलंबित करने का फैसला लिया है। इसलिए यूनियन ऑफ इंडिया ने सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति के माध्यम से भारत में नागरिकों के हितों की रक्षा के लिए सचेत निर्णय लिया है। ऐसी परिस्थितियों में मुझे इसमें हस्तक्षेप करने या याचिकाकर्ताओं के पक्ष में अनुकूल आदेश पारित करने का कोई कारण नहीं दिखता।’
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किसने दायर की याचिका?
नाबालिगों का प्रतिनिधित्व उनकी मां रमशा ने किया। उनकी शादी एक पाकिस्तानी नागरिक से हुई है। उनकी दलील के अनुसार वे जनवरी में वैलिड वीजा के जरिये भारत आए थे और यह वीजा जून में खत्म होने वाला है। लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, डिप्टी सॉलिसिटर जनरल एच शांति भूषण ने कोर्ट को पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तानी नागरिकों का वीजा रद्द करने के केंद्र सरकार के फैसले के बारे में बताया और कहा कि उन्हें 27 अप्रैल तक भारत छोड़ने के लिए कहा गया है। इसके अलावा उन्होंने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि याचिकाकर्ताओं को कोई राहत नहीं दी जा सकती क्योंकि उन्होंने वीजा रद्द करने के एफआरआरओ के आदेश को चुनौती नहीं दी है।
भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ उठाए सख्त कदम
22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कदम उठाए थे। इसमें उसके नागरिकों को महीने के आखिर तक भारत छोड़ने का निर्देश देना भी शामिल था। इस महीने की शुरुआत में कोर्ट के सामने लाई गई याचिका में कहा गया है कि वे अटारी-वाघा बॉर्डर पार नहीं कर पा रहे हैं, क्योंकि यह पाकिस्तान की तरफ बंद है। वहीं मैसूर पुलिस कमिश्नर को वीजा एक्सटेंशन के लिए दिए गए उनके आवेदन पर विचार नहीं किया गया। नाबालिगों की याचिका में कहा गया था कि वे 12 मई को अपनी मौसी की शादी के बाद 15 मई तक भारत छोड़ देंगे। चिनाब नदी पर बने बगलिहार डैम के बाद भारत ने इस बांध के भी खोल दिए गेट