कांग्रेस पार्टी के सीनियर नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर ऐसा बयान दिया है, जो कांग्रेस की मुसीबत बढ़ा सकता है। मंगलवार को पुणे में मीडिया से बातचीत में पृथ्वी राज चव्हाण ने कहा कि ऑपरेशन के पहले दिन भारत को पूरी तरह हार का सामना करना पड़ा।

पृथ्वीराज चव्हाण ने दावा किया कि 7 तारीख को लगभग आधे घंटे तक चली हवाई झड़प में भारतीय पक्ष की पराजय हुई और शायद कुछ भारतीय विमान गिराए गए।

पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि उस दौरान भारतीय वायुसेना पूरी तरह ग्राउंडेड रही और एक भी विमान ने उड़ान नहीं भरी। उन्होंने यह भी कहा कि अगर ग्वालियर, बठिंडा या सिरसा से कोई विमान उड़ान भरता, तो उसके पाकिस्तान द्वारा मार गिराए जाने की पूरी संभावना थी, इसी कारण वायुसेना को पूरी तरह रोका गया।

एक अन्य बयान में कांग्रेस नेता ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सेना की एक किलोमीटर तक भी जमीनी मूवमेंट नहीं हुई। दो-तीन दिनों में जो कुछ भी हुआ, वह केवल हवाई युद्ध और मिसाइल युद्ध था। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी युद्ध इसी तरह लड़े जाएंगे। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी युद्ध इसी तरह लड़े जाएंगे।

इसी संदर्भ में पृथ्वीराज चव्हाण ने सवाल उठाया कि जब युद्ध का स्वरूप ऐसा हो गया है, तो क्या देश को 12 लाख सैनिकों की सेना बनाए रखने की जरूरत है, या फिर सैनिकों से कोई अन्य काम कराया जा सकता है। उन्होंने कहा, “ऐसी स्थिति में, क्या हमें सच में 12 लाख सैनिकों की सेना बनाए रखने की जरूरत है, या क्या हम उनसे कोई और काम करवा सकते हैं?”

ऑपरेशन सिंदूर के पहले दिन किया हुआ था?

ऑपरेशन सिंदूर के पहले दिन भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में चार और पाकिस्तान के कब्जे वाले पांच आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया था। ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में स्थित नौ आतंकी ठिकानों को सटीक मिसाइल व ड्रोन हमलों से ध्वस्त कर दिया।

इन ठिकानों में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े आतंकी अड्डे शामिल थे। इन आतंकी अड्डों में बहावलपुर स्थित जैश का मुख्यालय ‘मरकज सुब्हान अल्लाह’, मुरिदके का ‘मरकज तैयबा’ प्रमुख आतंकी अड्डे थे। सेना के मुताबिक, इन हमलों में सौ से अधिक आतंकी मारे गए।

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