Jammu-Kashmir News: जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 के हटाए जाने के 6 साल पूरे होने से पहले पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर हमला बोला है। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि हमें पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू जैसे पुराने नेताओं की जरूरत है जो जम्मू-कश्मीर की परवाह करें।
पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘जम्मू-कश्मीर कठिन दौर से गुजर रहा है, ऐसे में जैसा कि आपने देखा कि पांच अगस्त को छह साल हो जाएंगे जब जम्मू-कश्मीर को टुकड़े में बांटा गया। इसके बावजूद जो माहौल बना है और जो घुटन है। बात नहीं कर सकते हैं और रोज तकलीफ और लोगों ने बहुत बड़ी तादाद में यहां एक सरकार को चुना था कि ये सोचकर कि शायद कुछ बदल जाए या फिर कोई तब्दीली आए। अगर कुछ नहीं होगा तो कम से कम हम सिर उठाकर जी सकेंगे।’
जम्मू-कश्मीर में नेता मुश्किल हालात में- मुफ्ती
महबूबा मुफ्ती ने आगे कहा, ‘लगता नहीं है हालात बिल्कुल वैसे ही हैं जैसे पहले थे। वही मुश्किल हालात हैं और जेलों में हमारे नौजवान बड़ी तादाद में बंद पड़े हैं और उन्हें कोई पूछने वाला तक नहीं है। अगर कोई बड़ा सियासी लीडर है वो भी सब बहुत तकलीफ में है जिनके बारे में सुनती हूं। किसी को कैंसर है और किसी को और कोई तकलीफ है। मगर कभी ना कभी हम उनकी बात करते हैं। क्योंकि जो आम कश्मीरी जेलों में हैं उनकी बात कोई भी नहीं करता है। जो गरीब और जिनके मां-बाप वहां पर जाकर केस भी नहीं लड़ पाते हैं। हमने कोशिश की थी और ये जो हमारे वकील हैं सुप्रीम कोर्ट के इनके जरिये की हमें पता लगे कि जम्मू-कश्मीर के जो नौजवान हैं वो जेलों में कितने है।’
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राज्य सरकार पर भी बोला हमला
पीडीपी चीफ ने कहा, ‘बाहर की जेलों में हमारे नौजवान कितने हैं। हम किसी तरह से जहां हो सके उनको मदद कर सके और उनको केस लड़ने में थोड़ी सी मदद कर सके। लेकिन कोई हमें लिस्ट नहीं देता है और ना ही कोई बताता है। इसी तरह से बहुत सारे मामले हैं और बहुत ही मुश्किल हालात हैं। मगर सबसे बड़ा ये है कि जो एक घुटन है और जो लगता था कि हमने अपनी जमात को चुना है तो उस घुटन से हम निकल आएंगे तो उसमें कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। बदकिस्मती से जो सरकार बनी है वो ज्यादातर यही है कि पटवारी की ट्रांसफर मैं नहीं कर सकता हूं। बीडीओ की ट्रांसफर कौन करेगा एलजी करेंगे या हम करेंगे। उसी में फंसे हुए हैं।’
पूर्व पीएम को याद किया
महबूबा मुफ्ती ने कहा, ‘वो जो पुराने लीडर थे चाहे जवाहर लाल नेहरू से लेकर बाकी वो जो जम्मू-कश्मीर को संजो कर रखते थे। इस किस्म की छेड़छाड़ नहीं करते थे। उनको ये मालूम था कि जम्मू-कश्मीर बड़ा सेंसेटिव इश्यू है इसको अगर हमें मुल्क के अंदर संजो कर रखना है तो इसके साथ ऐसे कोई छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए। जिससे पूरे विश्व में माहौल जो एक अलग किस्म की बात हो जाए और दोनों मुल्क जंग के मुहाने पर पहुंच जाए और मुझे लगता है कि मैं उम्मीद करती हूं कि वो ये बात समझ गए हों उनकी एक आयरन फेस पॉलिसी है। मैं उम्मीद करती हूं कि उसमें कोई तब्दीली होगी। महबूबा मुफ्ती के सुर कैसे बदल गए?