संघ प्रमुख मोहन भागवत ने बीजेपी को आईना दिखाते हुए कहा है कि हम लोकतांत्रिक देश में रहते हैं। यहां हिंदू या मुसलमानों का प्रभुत्व नहीं हो सकता। केवल भारतीयों का प्रभुत्व हो सकता है। उनका कहना था कि इस तरह की बेवजह के विवादों से देश का विकास ही अवरुद्ध होता है।

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भागवत ने कहा कि सभी भारतीयों का डीएनए एक है, चाहे वे किसी भी धर्म के हों। उनका कहना था कि हिंदू-मुस्लिम एकता भ्रामक है क्योंकि वे अलग-अलग नहीं, बल्कि एक हैं। पूजा करने के तरीके के आधार पर लोगों में भेद नहीं किया जा सकता। भागवत ने कहा कि भीड़ द्वारा पीट-पीटकर की जाने वाली हत्या (लिंचिंग) में शामिल होने वाले लोग हिंदुत्व के विरुद्ध हैं। संघ प्रमुख ने कहा कि देश में एकता के बिना विकास संभव नहीं। एकता का आधार राष्ट्रवाद और पूर्वजों की महिमा होनी चाहिए। उन्होंने उन लोगों को कड़ी नसीहत दी जो राजनीतिक फायदे के लिए हिंदू-मुस्लिम विवाद को हवा देने की फिराक में रहते हैं।

सूत्रों का कहना है कि संघ प्रमुख का ताया बयान बीजेपी के नसीहत है। दिल्ली, बंगाल, असम के बाद यूपी में अब जिस तरह से हिंदू मुस्लिम कार्ड खेला जा रहा है उसमें उनकी नसीहत काफी अहम है। हाल ही में यूपी में जिस तरह से गाजियाबाद में मुस्लिम व्यक्ति की पिटाई के मामले को रंग दिया गया या फिर धर्मांतरण के मामले में जो सरकार का स्टैंड रहा, उसमें भागवत ने बीजेपी को इस तरह की बातें कहकर आईना दिखाने की कोशिश की है। उनके इस बयान के बीजेपी के नेता असहज जरूर होंगे।

गौरतलब है कि इससे पहले कोरोना पर संग प्रमुख ने मोदी सरकार को आईना दिखाया था। दूसरी लहर के प्रकोप के बीच उनका कहना था कि वर्तमान परिस्थिति कठिन है। नि‍राश करने वाली है, लेकिन नकारात्मक नहीं हो। ना है। मन को भी नकारात्मक नहीं रखना है। हम जीतेंगे यह बात भी निश्चित है। लेकिन थोड़ा सी गफलत हुई। शासन-प्रशासन, लोग सभी गफलत में आ गए। इसलिए दूसरी लहर आई। अब तीसरी लहर की बात हो रही है, तो बैठना नहीं लड़ना है। जब तक जीत न जाएं तब तक।