मुंबई के दादर में स्थित सेना भवन के सामने हुए विवाद पर शिवनेता संजय राउत ने बीजेपी को करारा जवाब देते हुए कहा कि उन्हें किसी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। वो खुद मानते हैं कि शिवसैनिक सर्टिफाइड गुंडे हैं। दरअसल, विवाद के बाद बीजेपी ने शिवसैनिकों पर गुंडागर्दी करने का आरोप लगाया था, जिस पर राउत ने आज पलटवार कर करारा जवाब दिया।
उन्होंने कहा कि मुंबई में शिवसेना भवन एक राजनीतिक दल का मुख्यालय ही नहीं बल्कि महाराष्ट्र की पहचान का प्रतीक है। किसी को भी इसकी ओर गलत नजर डालने का दुस्साहस नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब भी मराठी मानुष और हिंदुत्व पर चोट होगी तो शिवसैनिक गुंडे की तरह से ही काम करेंगे। उनका कहना था कि इसके लिए शिवसेना को बीजेपी के प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं है। फिर ऐसा हुआ तो करारा जवाब दिया जाएगा।
अयोध्या में भूमि सौदा विवाद के बारे में शिवसेना के मुखपत्र सामना में लिखे लेख के खिलाफ भाजपा की युवा इकाई ने बुधवार को विरोध मार्च निकाला था जिसके बाद बुधवार को मध्य मुंबई के दादर इलाके में स्थित शिवसेना भवन के बाहर भाजपा और शिवसेना के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई थी।
बीजेपी नेता आशीष शेलार ने पीटीआई से कहा कि शिवसेना भगवान राम पर राजनीतिक कारणों से कीचड़ उछाल रही है। उनका कहना है कि कभी शिवसेना को बाबरी विध्वंस पर गर्व होता था लेकिन अब वो सोनिया-वाड्रा की गोद में जा बैठी है।
उधर, शिवसेना के विधायक सदा सरवणकर ने कहा था कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं को सूचना मिली थी कि भाजपा के कार्यकर्ता शिवसेना भवन में तोड़फोड़ करने आ रहे हैं। राउत ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि शिवसेना भवन मराठी और महाराष्ट्र का प्रतीक है। वहां पर पार्टी के संस्थापक बाला साहेब बैठते थे। वो इसे कैसे बर्दाश्त कर लेंगे कि बाला साहेब की जगह पर कोई गुंडागर्दी करे। उसे मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि अगर कोई परिसर पर हमले का प्रयास करेगा तो क्या मराठी मानुष और शिवसैनिक चुप रहेंगे?’ राउत ने कहा, भाजपा इतने तैश में क्यों आ गई? संपादकीय में आखिर ऐसा क्या कहा था? इसमें तो आरोपों पर सिर्फ स्पष्टीकरण मांगा गया था और कहा गया था कि आरोप गलत निकलते हैं तो आरोप लगाने वालों को दंडित किया जाना चाहिए। इस देश में स्पष्टीकरण मांगना क्या गुनाह हो गया है? संपादकीय में कहीं भी यह नहीं कहा गया कि इसमें भाजपा शामिल है।