आने वाले कुछ माह में दिल्ली विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। इसको लेकर दिल्ली सरकार के महकमे अपनी लंबित परियोजना को जल्द पूरा करने की कवायद में जुटे हैं। ऐसे में दिल्ली सरकार का शहरी विकास विभाग और दिल्ली जल बोर्ड के बीच में परियोजना की राशि मंजूरी मामले को लेकर ठनी हुई है। तमाम प्रस्तावित परियोजना के लिए अनुमानित प्रस्तावित राशि मंजूर नहीं होने के चलते जल बोर्ड के अधिकारी काफी परेशान है।
जल बोर्ड ने शहरी विकास विभाग से स्थिति साफ करने की लगाई गुहार
यह पूरा मामला 10 करोड़ से लेकर 50 करोड़ रुपए राशि के बीच की प्रस्तावित परियोजनाओं को मंजूरी नहीं मिलने से जुड़ा है। शहरी विकास विभाग की ओर से लौटाई गई प्रस्तावित परियोजनाओं से संबंधित फाइल पर अब जल बोर्ड ने फिर शहरी विकास विभाग को पत्र लिखकर मामले पर स्थिति स्पष्ट करने की गुहार लगाई है। इस वजह से दिल्ली जल बोर्ड की जो बड़े कार्य लंबित हैं, इनमें अलग-अलग इलाकों में पानी की पाइपलाइन बिछाने के कार्य सबसे अधिक हैं। इसके अलावा सीवर लाइन बिछाने से लेकर जलमल शोधन संयंत्र, भूमिगत जलाशय (यूजीआर), भूमिगत जलाशय विस्तार परियोजना और दूसरे अन्य काम प्रमुख रूप से शामिल हैं।
दिल्ली जल बोर्ड की ओर से शहरी विकास विभाग को इस तरह का पत्र पहली बार नहीं लिखा गया है। इससे पहले भी इस मामले में स्थिति साफ करने के लिए जल बोर्ड इस साल तीन बार चिट्ठियां लिख चुका है। पहली बार 23 फरवरी और उसके 14 मई और 22 अगस्त को भी पत्र लिखे गए। इसमें पूछा कि 10 करोड़ से 50 करोड़ रुपए के बीच की प्रस्तावित परियोजना को मंजूरी देने के लिए सक्षम प्राधिकारी कौन होगा। इन परियोजनाओं के लिए प्रशासनिक/व्यय मंजूरी देने के लिए सक्षम प्राधिकारी कौन हैं, इसके बारे में अब तक रुख साफ नहीं किया गया।
बार-बार आग्रह के बाद भी शहरी विकास विभाग नहीं दे रहा जवाब
इस वजह से दिल्ली जल बोर्ड में 10 करोड़ से लेकर 50 करोड़ रुपए की प्रस्तावित परियोजनाओं फाइलें में अटकी हुई हैं। इन परियोजनाओं को शुरू करने को लेकर फंसे वित्तीय पेंच को दूर कराने को जल बोर्ड लगातार शहरी विकास विभाग से स्पष्टीकरण करने के लिए गुहार लगा रहा है। बार-बार आग्रह के बाद भी शहरी विकास विभाग की तरफ से जल बोर्ड को स्थिति साफ नहीं की गई है।
दिल्ली जल बोर्ड के निदेशक (वित्तीय एवं सलाहकार) गुरप्रीत सिंह की तरफ से शहरी विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को एक बार फिर से स्मरण (रिमांडर) पत्र भेजा गया है। इसमें शक्तियां हस्तांतरण (डेलिगेशन आफ पावर) के बारे में शहरी विकास (यूडी) विभाग से पूछा गया है कि 10 से 50 करोड़ की राशि की परियोजनाओं को मंजूरी किससे ली जाएगी। पूर्व में जारी उन दो आदेशों का भी हवाला दिया जिनमें 50 लाख रुपए से ऊपर की परियोजना राशि की मंजूरी जल बोर्ड अध्यक्ष से लेने के आदेश दिए गए थे।
दोनों आदेश पांच जून, 2020 और 12 जुलाई 2023 को जारी किए गए थे लेकिन इन्हें अब वापस लिया जा चुका है। इन आदेशों को वापस लेने के बाद यह नहीं बताया गया कि 10 करोड़ से लेकर 50 करोड़ रुपए तक की राशि से जुड़ी परियोजनाओं के लिए राशि मंजूरी का सक्षम प्राधिकारी कौन है। इस वजह से जल बोर्ड अपनी परियोजनाओं को शुरू नहीं कर पा रहा है। शहरी विकास विभाग के उप-सचिव (जल) की तरफ से भी दो सितंबर, 2024 को एक पत्र लिखकर दिल्ली जल बोर्ड की प्रस्तावित परियोजनाओं संबंधी फाइल को टिप्पणी लगाकर वापस भेज दिया गया था।