शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी एक बार फिर से चर्चा में है। 2021 में वसीम रिजवी ने इस्लाम धर्म छोड़ दिया था और हिंदू धर्म अपनाया था। इस दौरान उन्होंने अपना नाम जितेंद्र नारायण त्यागी रखा था लेकिन अब एक बार फिर से उन्होंने अपनी जाति को बदल लिया है। वसीम रिजवी अब ब्राह्मण से ठाकुर हो गए हैं। उन्होंने अपना नाम बदलकर जितेंद्र नारायण सिंह सेंगर रख लिया है।
नरसिंहानंद ने करवाया था वसीम रिजवी का धर्म परिवर्तन
बता दें कि 2021 में डसना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने वसीम रिजवी का धर्म परिवर्तन कराया था। उन्हें विधिवत सनातन धर्म ग्रहण करवाया गया था और उनका गोत्र वत्स बताया गया था। धर्म परिवर्तन करने के बाद वसीम रिजवी ने कहा था कि सनातन धर्म दुनिया का सबसे पवित्र धर्म है और उसमें बहुत सारी खूबियां है। बता दें कि वसीम रिजवी ने 6 दिसंबर 2021 को धर्म परिवर्तन किया था।
मां और भाई ने तोड़ लिया नाता
जब वसीम रिजवी इस्लाम धर्म को मानते थे, तब उनके खिलाफ कई फतवे भी जारी किए गए थे। उनकी मां और भाई ने भी उनसे नाता तोड़ लिया था। इस्लाम के धर्म गुरुओं के खिलाफ अक्सर वह बयानबाजी करते थे, जिसकी वजह से वह सुर्खियों में बने रहते थे।
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विवादों से रहा है गहरा नाता
जितेंद्र नारायण सिंह सेंगर (पूर्व में वसीम रिजवी) शिया वक्फ सेंट्रल बोर्ड के अध्यक्ष रह चुके हैं। जब 2017 में उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनी, तब से वह अपने बयानों के कारण चर्चा में बने हुए थे। उन्होंने मदरसा शिक्षा को आतंकवाद से जोड़ा था और कुतुब मीनार को हटाने की मांग कर दी थी। इसको लेकर वह सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने भी पहुंचे थे।
बता दें कि कुरान की 26 आयतों के खिलाफ वसीम रिजवी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली थी। उन्होंने कहा था कि यह आयतें आतंकवाद को बढ़ावा देती हैं, जिसे हटाना चाहिए। हालांकि इसके बाद उन्हें इस्लाम धर्म से बेदखल कर दिया गया था।