भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा के खिलाफ भोपाल की एक अदालत ने वारंट जारी किया है। ये वारंट संबित पात्रा के खिलाफ आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने के चलते जारी किया गया है। बता दें कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान संबित पात्रा और भाजपा के चुनाव प्रभारी एसएस उप्पल ने भोपाल में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया था। यह प्रेस कॉन्फ्रेंस 27 अक्टूबर को भोपाल के एमपी नगर में सड़क पर ही प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया था। इसके खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ता भुवनेश्वर कुमार मिश्र की ओर से अधिवक्ता यावर खान ने भोपाल की अदालत में एक परिवाद दायर किया था।
अदालत में दाखिल किए गए परिवाद में संबित पात्रा की प्रेस कॉन्फ्रेंस को आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करार दिया गया था। जिस पर अदालत ने पुलिस को जांच के निर्देश दिए। पुलिस ने 26 दिसंबर को संबित पात्रा और एसएस उप्पल के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया। कोर्ट ने इस मामले में एमपी नगर थाने की पुलिस को मामले की जांच कर उसकी रिपोर्ट अदालत में पेश करने का निर्देश भी दिया है। चालान पेश होने के बाद एसएस उप्पल ने अदालत में हाजिर होकर जमानत अर्जी दी। जिसे मजिस्ट्रेट ने मंजूर करते हुए एसएस उप्पल को 5 हजार रुपए के मुचलके पर जमानत पर रिहा कर दिया। संबित पात्रा के अभी तक अदालत में हाजिर नहीं हुए हैं जिसके बाद अदालत ने पात्रा के खिलाफ जमानती वारंट जारी करने का निर्देश दिया है।
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा के समृद्ध मध्य प्रदेश अभियान के खिलाफ भी कांग्रेस द्वारा चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन बताया गया था। दरअसल भाजपा ने चुनावों के दौरान राज्य भर में पचास मिनी ट्रक भेजकर राज्य की जनता से समृद्धि का आइडिया देने को कहा था। लेकिन इसके खिलाफ कांग्रेस ने चुनाव आयोग में शिकायत कर दी थी। कांग्रेस का आरोप था कि भाजपा, सरकारी कार्यक्रम का उपयोग अपने फायदे के लिए कर रही है। एक अन्य मामले में असम कांग्रेस ने पीएमओ के खिलाफ भी आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में शिकायत दर्ज करायी है। असम कांग्रेस का आरोप है कि पीएम मोदी द्वारा बीगीबील पुल का उद्घाटन ऐसे वक्त में किया गया है, जब राज्य में पहले चरण का मतदान हो रहा है।