भारत माता की जय न बोलने पर एमआईएम विधायक वारिस पठान को बुधवार को महाराष्‍ट्र विधानसभा से निलंबित कर दिया गया। इस मामले में विपक्षी दल कांग्रेस और एनसीपी ने सत्‍ता पक्ष भाजपा व शिवसेना का साथ दिया। सदन में गृह राज्‍य मंत्री रंजीत पाटिल की ओर से लाए गए प्रस्‍ताव को दोनों विपक्षी दलों ने समर्थन दिया। हालांकि केबिनेट मंत्री और भाजपा नेता एकनाथ खड़से ने कहा कि अगर पठान माफी मांग लेते हैं तो उन पर कार्रवाई नहीं होगी। लेकिन कांग्रेस विधायकों ने इसका विरोध किया और पठान को निलंबित करने की मांग की। एनसीपी, शिवसेना और भाजपा विधायकों ने भी इसका समर्थन किया।

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कांग्रेस नेता राधाकृष्‍ण विखे पाटिल ने कहा, ‘यदि कोई देश की भावनाओं से खिलवाड़ करता है, तो इसे बर्खास्‍त नहीं किया जा सकता। देश का अपमान करनेे पर मैं सदस्‍य के खिलाफ कार्रवाई की मांग करता हूं।’ शिवसेना विधायक गुलाबराव पाटिल ने कहा,’इस देश में रहना है कुत्‍तों तो वंदे मातरम बोलना होगा।’ राज्‍यपाल के अभिभाषण पर बहस के दौरान भाजपा सदस्‍यों ने एमआर्इएम के विधायकों वारिस पठान और इम्तियाज जलील की सीटों के पास जाकर भारत माता की जय के नारे लगाए।

निलंबन के बाद वारिस पठान ने सदन के बाहर कहा,’मैं जय हिंद कहने को तैयार हूं। मुझे अपने देश से प्‍यार है। कोई मुझसे जबरदस्‍ती कुछ कहने को बोले तो मुझे इस बात से आपत्ति है। भारत माता की जय कहने की जबरदस्‍ती से मुझे आपत्ति है। मैंने कुछ गलत नहीं किया। मुझे कम से कम सदन में बात रखने का मौका तो दिया जाना चाहिए था।’

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इस बारे में एमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा,’ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी चुने हुए सदस्‍य को इसलिए निलंबित कर दिया गया क्‍योंकि उसने कोई नारा नहीं लगाया। संविधान में ऐसा कहां लिखा है कि यदि नारा नहीं लगाया तो चुने हुए सदस्‍य को निलंबित कर दिया जाएगा।’ उन्‍होंने कांग्रेस और एनसीपी पर हमला बाेलते हुए कहा,’ हम अंधे युग की ओर बढ़ रहे हैं। निलंबन प्रस्‍ताव का समर्थ्‍न कर अपने आप को धर्मनिरपेक्ष कहने वाली कांग्रेस और एनसीपी का सच सामने आ गया।’