ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुसलमीन (AIMIM) के राष्ट्रीय प्रवक्ता वारिस पठान, जिनके कर्नाटक में दिए हालिया बयान पर काफी हंगामा हो रहा है, वह अपने भड़काऊ बयानों के चलते टीवी पर जाना पहचाना नाम है। 53 वर्षीय पूर्व विधायक वारिस पठान मुंबई के बांद्रा इलाके में पले-बढ़े हैं और उनके पिता मुंबई में नारकोटिक्स ड्रग्स और साइकोट्रोपिक सब्सटासेज एक्ट (NDPS) के जज थे।
वारिस पठान पेशे से वकील हैं और मशहूर फिल्म अभिनेता सलमान खान के वकील भी रहे हैं। मुंबई के आजाद मैदान दंगे मामले में गिरफ्तार हुए मुस्लिम युवकों का केस भी वारिस पठान ने ही लड़ा था। वारिस पठान की राजनीति में एंट्री काफी देर से हुई। पहली बार वारिस पठान ने 2014 में महाराष्ट्र विधानसभा का चुनाव बाइकुला इलाके से लड़ा था।
गौरतलब है कि एआईएमआईएम पार्टी पहले अन्य प्रभावशाली नेताओं को चुनाव लड़ाना चाहती थी, लेकिन जब इन नेताओं द्वारा इंकार कर दिया गया तो आखिरी वक्त में मजबूरी में पार्टी ने वारिस पठान को टिकट देकर अपना उम्मीदवार बनाया था। वारिस पठान क्योंकि राजनीति में नए थे, जिसके चलते उनका इलाके में सपोर्ट बेस भी नहीं था। हालांकि मुस्लिम युवाओं में ओवैसी भाईयों की बढ़ती साख का फायदा वारिस पठान को मिला और वह चुनाव जीतने में सफल रहे थे।
2014 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बाइकुला से जीतने के बाद वारिस पठान टीवी न्यूज चैनल्स पर होने वाले डिबेट कार्यक्रमों में दिखाई देने लगे। जहां अपने आक्रामक शैली और भड़काऊ बयानों के लिए वह जाना पहचाना नाम बन गए।
वारिस पठान सोशल मीडिया पर भी काफी सक्रिय हैं और समय-समय पर अपनी तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट करते रहते हैं। जिनमें कई बार वह महंगी बाईकों पर बैठे हुए दिखाई देते हैं। वारिस पठान के बारे में बताया जाता है कि वह महंगी बाईकों के शौकीन हैं।
#WATCH AIMIM leader Waris Pathan: …They tell us that we’ve kept our women in the front – only the lionesses have come out&you’re already sweating. You can understand what would happen if all of us come together. 15 cr hain magar 100 ke upar bhaari hain, ye yaad rakh lena.(15.2) pic.twitter.com/KO8kqHm6Kg
— ANI (@ANI) February 20, 2020
वारिस पठान पहली बार विवादों में तब आए थे, जब उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा में भारत माता की जय बोलने से इंकार कर दिया था। इसके चलते वारिस पठान को पूरे बजट सत्र से निलंबित कर दिया गया था।
भाजपा के खिलाफ वारिस पठान खासे हमलावर रहे हैं। इसके चलते वह महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ कई बार मुखर बयानबाजी भी कर चुके हैं। हालांकि इसके बावजूद फडणवीस ने पठान के बेटे के कानून की पढ़ाई पूरी करने के उपलक्ष्य में हुए कार्यक्रम में शिरकत की थी।
वारिस पठान का बाइकुला से विधायक के तौर पर कार्यकाल उतना संतोषजनक नहीं रहा। जिसके चलते 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में वारिस पठान को शिवसेना की यामिनी जाधव के हाथों हार का सामना करना पड़ा है।
विधायक बनने के बाद से वारिस पठान की संपत्ति में जबरदस्त उछाल आया है। साल 2014 में वारिस पठान की संपत्ति 3.06 करोड़ रुपए थी, जो कि 2019 में बढ़कर 15.80 करोड़ हो गई। 2019 में चुनाव लड़ने वाले सभी नेताओं की संपत्ति में आया यह सबसे ज्यादा उछाल था।
इसी साल जनवरी में एआईएमआईएम ने वारिस पठान को अपना राष्ट्रीय प्रवक्ता नियुक्त किया है। बता दें कि वारिस पठान ने हाल ही में कर्नाटक के कलबुर्गी में आयोजित एक जनसभा में कहा था कि ’15 करोड़ मुस्लिम 100 करोड़ पर भारी पड़ेंगे।’