राज्यसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा पूरी हो चुकी है। लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पारित हो चुका है। इंडिया गठबंधन इस संशोधन विधेयक के विरोध में है। गुरुवार को केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने राज्यसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया। वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान कांग्रेस पार्टी के सांसद नसीर हुसैन ने कहा कि वक्फ़ संशोधन विधेयक मुसलमानों के खिलाफ है। JPC में विपक्षी सदस्यों द्वारा की गई किसी भी सिफारिश को वक्फ़ संशोधन विधेयक में शामिल नहीं किया गया ।
संजय राउत ने बीजेपी पर कसा तंज – संजय राउत ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि दो दिनों से मुस्लिमों की इतनी चिंता की जा रही है, जितनी जिन्ना ने भी नहीं की थी। उन्होंने कहा कि मुस्लिमों की इतनी चिंता हो रही है कि मुस्लिम और हिंदू दोनों डरे हुए हैं। संजय राउत ने कहा कि ये बिल लोगों का ध्यान भटकाने का तरीका है। कल ही ट्रंप ने टैरिफ लगाया, उस पर चर्चा होनी चाहिए थी लेकिन आप ध्यान भटकाने के लिए ये बिल ले आए। उन्होंने कहा कि बीजेपी को मुस्लिमों की चिंता कबसे होने लगी? अब आप मुस्लिमों की संपत्ति की चिंता कर रहे हो।
Waqf Amendment Bill पर अमित शाह ने क्या कहा?
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में विपक्ष पर आरोप लगाया कि वह वक्फ पर प्रस्तावित कानून नहीं मानने की धमकी दे रहा, लेकिन यह संसद द्वारा पारित किया गया कानून होगा और इसे सभी को स्वीकार करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि वोट बैंक की राजनीति के लिए यह डर फैलाया जा रहा है कि वक्फ विधेयक मुसलमानों के धार्मिक मामलों और उनके द्वारा दान की गई संपत्तियों में दखल है। वहीं, राहुल गांधी ने फेसबुक पोस्ट के जरिए कहा कि वक्फ (संशोधन) विधेयक मुसलमानों को हाशिए पर धकेलने और उनके निजी कानूनों और संपत्ति के अधिकारों को हड़पने के उद्देश्य से बनाया गया एक हथियार है। उन्होंने कहा कि आरएसएस, भाजपा और उनके सहयोगियों द्वारा संविधान पर यह हमला आज मुसलमानों पर लक्षित है, लेकिन भविष्य में अन्य समुदायों को निशाना बनाने के लिए एक मिसाल कायम करता है। कांग्रेस पार्टी इस कानून का कड़ा विरोध करती है क्योंकि यह भारत के मूल विचार पर हमला करता है और अनुच्छेद 25, धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन करता है।
क्या है वक्फ बिल?
वक्फ (संशोधन) बिल 2024, वक्फ अधिनियम 1995 में बदलाव करने वाला एक विधेयक है। केंद्र सरकार वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन, पारदर्शिता और दुरुपयोग रोकने के लिए नियमों को सख्त करने के उद्देश्य से इस बिल को लागू करना चाहती है।
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केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने वक्फ संशोधन विधेयक पर कहा, “2013 तक इसमें संशोधन होते रहे हैं लेकिन तब तो किसी ने उसमें भ्रम फैलाने का काम नहीं किया। आज भ्रम फैलाया जा रहा है कि यह बिल मुसलमान विरोधी है या अंसवैधानिक है। क्या भारत की संसद में कोई असंवैधानिक चीज आ सकती है?… जो संशोधन हुआ है वह इस सोच के साथ किया गया है कि कैसे इसे और शक्तियां प्रदान की जाएं या जो लोग जिनके साथ अन्याय हो रहा है कैसे उन्हें न्याय दिलाया जाए। आज अगर किसी को इस बिल से परेशानी हो रही है तो यह वह लोग हैं जो इसमें भ्रष्टाचार करते हैं, गरीब मुसलमानों से उनका अधिकार छीनते हैं… शुरूआत में हमें भी कुछ समस्याएं थीं और पार्टी की ओर से (JPC के समक्ष) सुझाव दिए गए… विपक्ष चाहते ही नहीं कि गरीब मुसलमान आगे आएं… इससे पहले भी CAA के समय इसी तरह का भ्रम फैलाया गया था… एक नागरिकता देने वाले कानून को नागरिकता छीनने वाले कानून के रूप में बनाकर देश भर में आगजनी का माहौल बनाया गया… ये लोग केवल बंटवारे की राजनीति करके भ्रमित करने का काम कर रहे हैं… पारदर्शिता लाने की दृष्टि के साथ यह संशोधन किए गए हैं… लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) इस बिल का समर्थन करती है।”
वक्फ (संशोधन) विधेयक को लोकसभा में विचार और पारित करने के लिए रखा गया। संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया।
लोकसभा में कांग्रेस सांसद के.सी. वेणुगोपाल ने कहा, “इस तरह का बिल (वक्फ संशोधन विधेयक) जिसे आप सदन में ला रहे हैं, कम से कम सदस्यों को संशोधन करने का अधिकार तो होना चाहिए…आप कानून को जबरन थोप रहे हैं। आपको संशोधन के लिए समय देना चाहिए। संशोधन के लिए कई प्रावधान हैं…”
आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष और सांसद चंद्रशेखर आज़ाद ने वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पर कहा, “आज सदन में जो स्थिति है वह उस तरह की है कि सब लोग देख रहे हैं कि कौन किस ओर खड़ा है… यह एक ऐसा समय है कि देश में जो कमजोर तबका है वह देख रहा है कि कौन उनके साथ खड़ा है या कौन लोग उनसे राजनीतिक लाभ चाहते हैं… पूरे देश का ध्यान आज संसद की ओर है… “
वक्फ संशोधन विधेयक पर AIMPLB के प्रवक्ता डॉ. सैयद कासिम रसूल इलियास ने कहा, “…अगर यह विधेयक संसद में पारित हो जाता है, तो हम इसके खिलाफ़ देशव्यापी आंदोलन शुरू करेंगे। हम चुप नहीं बैठेंगे। हम अपने पास उपलब्ध सभी कानूनी और संवैधानिक प्रावधानों का उपयोग करेंगे। जब तक प्रस्तावित संशोधन वापस नहीं लिए जाते, हम शांतिपूर्ण आंदोलन चलाएंगे…”
AIMPLB ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर वक्फ विधेयक का विरोध किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने हमारे सुझावों को नहीं माना। बोर्ड के चेयरमैन ने कहा कि मुस्लिमों से वक्फ की व्यवस्था ली गयी। सरकार के पास क्या पैमाना है। मुसलमानों का हक छीना जाएगा।
वक्फ (संशोधन) विधेयक पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने कहा, “अब देश समझ चुका है कि यह वही लोग हैं जिन्होंने दशकों तक तुष्टीकरण की राजनीति से वक्फ बोर्ड को वोट बैंक बना कर रखा, मुस्लिम बहनों को ट्रिपल तलाक के बंधनों में बांधकर रखा… आज विपक्ष गरीब, मुस्लिम महिलाओं, विधवा बहनों और बच्चों के पक्ष में खड़े रहने के बजाय भू माफियाओं के साथ खड़ा है.”
वक्फ (संशोधन) विधेयक पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, “यह बिल संवैधानिक है, मुसलमानों के हित में, गरीबों के हित में है जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं वे मुस्लिम विरोधी हैं।
वक्फ विधेयक लोकसभा में पेश होने से पहले ही बीजेपी की सहयोगी जेडीयू ने अपना रुख साफ कर दिया है। पार्टी ने कहा कि वह विधेयक के समर्थन में है।
वक्फ बिल पेश होने से पहले सपा सांसद रामगोपाल यादव का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा, “सरकार बहुमत में है, बिल तो पास करा ही लेगी, बहस इसलिए चाहते हैं ताकि उनको आइना दिखा सकें।”
ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल के चेयरमैन और अजमेर दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख के उत्तराधिकारी सैयद नसरुद्दीन चिश्ती ने कहा, “काफी लंबे समय से लोगों को इसका इंतजार था। लोगों को उम्मीद है कि एक अच्छा बिल आएगा… वक्फ में अब तक जो खामियां नजर आ रही थीं उन्हें जरूर दूर किया जाएगा।” उन्होंने आगे कहा, “…लोकतंत्र में सभी को विरोध करने का अधिकार है लेकिन मुख्य तौर पर जो आपत्तियां थीं मुझे पता चला है कि सरकार द्वारा विपक्ष के उन सुझावों को मान लिया गया है इसलिए यह बहुत अच्छा बिल आएगा। जो लोग आपत्ति जता रहे थे उनकी आपत्ति भी दूर हो जाएगी… आम और गरीब मुसलमानों तक अब वक्फ का पैसा पहुंचेगा।”
वक्फ संशोधन विधेयक 2024 आज लोकसभा में पेश किए जाने पर समाजवादी पार्टी सांसद जावेद अली खान कोई बिल लाना या संशोधन विधेयक लाना सरकार का विशेषाधिकार होता है और वे इस विधेयक को ला सकते हैं लेकिन यह विधेयक अनुचित तरीके से एक धर्म विशेष के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने की दृष्टि से लाया जा रहा है। सभी विपक्ष और संगठन इसका विरोध कर रहे थे। हमें उम्मीद है कि जो दल आज भाजपा के सहयोगी दल के रूप में जाने जाते हैं और वे अपने धर्मनिरपेक्ष छवि को बनाए रखने के लिए भी चिंतित रहते हैं वे इस संवेदनशील मामले में सरकार का साथ नहीं देंगे।”
वक्फ संशोधन विधेयक 2024 आज लोकसभा में पेश किए जाने पर कांग्रेस सांसद डॉ. मल्लू रवि ने कहा, “यह विधेयक मुसलमानों के हितों के खिलाफ है। यह विधेयक केवल केंद्रीय सरकार और कलेक्टर की शक्ति को केंद्रीकृत करने के लिए है लाया जा रहा है… हम इस विधेयक का पूर्णतः विरोध करते हैं।”
लोकसभा में बीजेपी की तरफ से वक्फ बिल पर जगदंबिका पाल अनुराग ठाकुर निशिकांत दुबे, अभीजित गंगोपाध्याय कमलजीत सहरावत, तेजस्वी सूर्या रविशंकर प्रसाद बोलेंगे। वहीं, कांग्रेस की तरफ से गौरव गोगाई सबसे पहले वक्फ बिल के विरोध में बोलेंगे। इसके अलावा इमरान मसूद से लेकर नेता विपक्ष भी इस मुद्दे पर अपना पक्ष रख सकते हैं।
वक्फ संशोधन विधेयक पर भाजपा नेता मोहसिन रजा ने कहा, “आज तमाम मुसलमानों के लिए मुस्लिम वक्फ कल्याण दिवस है जिन्हें उम्मीद थी कि भाजपा यानी पीएम मोदी के नेतृत्व की सरकार ही हमारे लिए कल्याण का काम कर सकती है जिस तरह से हमारी मुस्लिम बहनों को तीन तलाक से आजादी दिलाने का काम किया गया। इसी तरह से वक्फ संशोधन विधेयक 2024 हमारे तमाम दबे, पिछड़े मुस्लिम भाई-बहनों के कल्याण के लिए एक बहुत बड़ी खबर और पीएम मोदी की तरफ से सबसे बड़ी ईदी होगी….ये बिल लाकर पीएम मोदी ने उनके कल्याण के लिए ये फैसला किया है इसके लिए उनकी हम प्रशंसा करते हैं….आज ये बिल पूर्ण बहुमत से पास होगा.”
आज वक्फ संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश किए जाने पर कांग्रेस सांसद किरण कुमार चमाला ने कहा, “निश्चित रूप से हम इस विधेयक का विरोध करेंगे यदि इसमें कुछ ऐसा है जो किसी विशेष समुदाय के खिलाफ है या उस समुदाय को खत्म करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने (सरकार ने) इस पर चर्चा के लिए आज 8 घंटे का समय दिया है। हमारा अंतिम एजेंडा यह है कि जब चर्चा हो, तो विपक्ष या सत्तारूढ़ पार्टी के सदस्यों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर विचार किया जाना चाहिए क्योंकि यह एक लोकतांत्रिक मंच है, उन्हें जेपीसी की तरह बुलडोजर नहीं चलाना चाहिए.”
जनसेना ने मंगलवार को वक्फ (संशोधन) विधेयक का समर्थन करने का फैसला किया। यह विधेयक दो अप्रैल को लोकसभा में चर्चा और पारित होने के लिए लाया जाएगा। पार्टी ने एक बयान में कहा कि वह मानती है कि यह संशोधन मुस्लिम समुदाय को ‘लाभ’ पहुंचाएगा। जनसेना ने विज्ञप्ति में कहा, ‘‘जनसेना प्रमुख पवन कल्याण ने लोकसभा में पार्टी सांसदों को निर्देश जारी कर संसद में विधेयक के पक्ष में मतदान करने का निर्देश दिया है।’’
वक्फ संशोधन विधेयक पर उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के चेयरमैन शादाब शम्स ने कहा, “गरीब मुसलमानों को PM मोदी से उम्मीदें हैं और इसीलिए हमने इस संशोधन विधेयक का नाम ‘उम्मीद’ रखा है। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू उम्मीद की किरण हैं…PM मोदी सरकार ने तय किया है कि वे गरीब मुसलमानों को मुख्यधारा में लाएंगे। यह ’70 साल बनाम मोदी कार्यकाल’ है। विपक्ष के पास 70 साल थे और उन्होंने जो कर सकते थे किया। उन्होंने वक्फ को लूटा। अमीरों ने गरीबों के हक लूटे।”
वक्फ संशोधन विधेयक पर संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर रहमान बर्क ने कहा, “हम पहले से ही इस विधेयक के खिलाफ हैं। जब यह विधेयक पहली बार सदन में लाया गया था, तब हमारी पार्टी और हमारे नेता अखिलेश यादव ने इसका कड़ा विरोध किया था। इस विधेयक का विरोध करने का कारण यह नहीं है कि इसे भाजपा-NDA सरकार ला रही है, हम इस विधेयक का विरोध इसलिए कर रहे हैं क्योंकि इस विधेयक में कई ऐसी बातें हैं जो हमारे लोगों के अधिकारों को छीन रही हैं। जब सरकार ने इसे JPC के पास भेजा था, तो हमें थोड़ी उम्मीद थी कि शायद इसमें जो कमियां हैं, उन्हें दूर कर लिया जाएगा, लेकिन यह सिर्फ औपचारिकता थी, और रिपोर्ट सिर्फ उनकी मर्जी के मुताबिक पेश की गई। जब यह विधेयक सदन में आएगा, तो हम इसका कड़ा विरोध करेंगे। सरकार के पास भले ही बहुमत का आंकड़ा हो, लेकिन उसके सहयोगी जानते हैं कि अगर उन्होंने इस विधेयक का समर्थन किया, तो आने वाले समय में उन्हें बहुत नुकसान उठाना पड़ेगा। इसलिए हम चाहते हैं कि सरकार तानाशाही करना बंद करे और इस विधेयक को वापस ले…”
