वक्फ (संशोधन) विधेयक को लोकसभा में विचार और पारित करने के लिए रखा गया। संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने लोकसभा में विधेयक पेश किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि अब वक्फ बोर्ड में शिया, सुन्नी, बोहरा, पिछड़े मुस्लिम, महिलाएं और विशेषज्ञ गैर-मुस्लिम भी होंगे। साथ ही परिषद में अधिकतम 4 गैर-मुस्लिम सदस्य हो सकते हैं और उनमें से 2 महिला सदस्य अनिवार्य हैं।

लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश करने के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, “मैं यह कहना चाहता हूं कि दोनों सदनों की संयुक्त समिति में वक्फ संशोधन विधेयक पर जो चर्चा हुई है, वह भारत के संसदीय इतिहास में आज तक कभी नहीं हुई। मैं संयुक्त समिति के सभी सदस्यों को धन्यवाद और बधाई देता हूं। अब तक विभिन्न समुदायों के राज्य धारकों के कुल 284 प्रतिनिधिमंडलों ने समिति के समक्ष अपने विचार और सुझाव प्रस्तुत किए हैं। 25 राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के वक्फ बोर्डों ने भी अपनी प्रस्तुतियां प्रस्तुत की हैं।

क्यों पड़ी वक्फ बिल में नए संशोधनों की जरूरत?

केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बुधवार को लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को चर्चा और पारित कराने के लिए पेश करते हुए कहा कि पूर्ववर्ती यूपीए सरकार ने वक्फ कानून में बदलावों के जरिये इसे अन्य कानूनों से ऊपर कर दिया था, इसलिए इसमें नये संशोधनों की जरूरत पड़ी। रिजिजू ने सदन में विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि आपने उन मुद्दों पर लोगों को गुमराह करने की कोशिश की, जो वक्फ विधेयक का हिस्सा नहीं हैं।

वक्फ बिल पास हुआ तो ये जंग की शुरुआत- AIMPLB

रिजिजू ने विधेयक को लेकर विपक्षी दलों द्वारा जताई जा रही चिंताओं को दूर करने की कोशिश करते हुए कहा कि सरकार किसी भी धार्मिक संस्था में हस्तक्षेप नहीं करने जा रही। उन्होंने कहा, ‘‘यूपीए सरकार ने वक्फ कानून में बदलावों के जरिये इसे अन्य कानूनों से ऊपर कर दिया था इसलिए इसमें नये संशोधनों की आवश्यकता पड़ी।’’

मंत्री ने कहा कि इस संसद भवन पर भी वक्फ का दावा किया जा रहा था और पूर्ववर्ती सरकार ने तो काफी संपत्ति गैर-अधिसूचित करके दिल्ली वक्फ बोर्ड को दे दी थी। पिछले साल विधेयक पेश करते समय सरकार ने इसे दोनों सदनों की एक संयुक्त समिति को भेजने का प्रस्ताव किया था। समिति द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत किये जाने के बाद, उसकी सिफारिश के आधार पर केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मूल विधेयक में कुछ बदलावों को मंजूरी दी थी।

पीएम मोदी ने मुझ जैसे साधारण सदस्य को विधेयक पेश करने का मौका दिया- किरेन रिजिजू

लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश करने के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, “मैंने आपको सुंदरेश्वर मंदिर के बारे में बताया। जब कोई अन्य धर्म नहीं था, तब तमिलनाडु के तिरुचेंथुरई गांव में सुरेंद्रेश्वर मंदिर था। मंदिर को वक्फ संपत्ति घोषित किया गया था। कर्नाटक में हजारों एकड़ जमीन, हरियाणा के यमुनानगर में सिख गुरुद्वारा की जमीन, जहां कभी मस्जिद या मुस्लिम बस्ती का रिकॉर्ड नहीं था, उसे भी वक्फ संपत्ति घोषित कर दिया गया…मैं खुद को बहुत भाग्यशाली मानता हूं कि पीएम मोदी ने मुझ जैसे साधारण सदस्य को ऐसा विधेयक पेश करने का मौका दिया है। इस प्रयास के लिए लाखों गरीब मुसलमान मुझे आशीर्वाद देंगे। मैं इन आशीर्वादों को अकेले क्यों लूँ? आपको भी मिलना चाहिए। इस विधेयक का समर्थन करें, यह मेरा आप सभी से विनम्र अनुरोध है।” पढ़ें- वक्फ (संशोधन) विधेयक से जुड़े लेटेस्ट अपडेट्स