आतंकी संगठन आईएसआईएस में शामिल होने के आरोप में अब तक चार भारतीय गिरफ्तार हो चुके हैं। इन्होंने पुलिस को पूछताछ में क्या बताया है, इसकी जानकारी हम आपको इस खास सीरीज में दे रहे हैं। 17 नवंबर को हमने अरीब मजीद द्वारा दी गई जानकारी के बारे में बताया था। दूसरी कड़ी में सलमान मोहिनुद्दीन से पुलिस को मिली जानकारी का ब्योरा पेश है-
सलमान मोहिनुद्दीन
कौन है सलमान: 32 साल का इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर सलमान हैदराबाद का है। उसे 16 जनवरी, 2015 को हैदराबाद एयरपोर्ट से पकड़ा गया। सायबराबाद पुलिस का कहना है कि दो बच्चों का पिता सलमान दुबई जाने वाला था। वहां से तुर्की होते हुए सीरिया जाकर आईएसआईएस में शामिल होने और लौट कर भारत के खिलाफ जंग छेड़ने का प्लान था। सलमान आंध्र प्रदेश हाउसिंग बोर्ड के रिटायर्ड चीफ इंजीनियर का बेटा है। उसने विकाराबाद के अनवर-उल-उलूम कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी से बी.टेक किया हुआ है। ग्रेजुएशन करने से एक साल पहले (2007 में) उसकी शादी हुई। उसके एक बेटा और एक बेटी है। इसके बाद वह ह्यूस्टन के टेक्सास सदर्न यूनिवर्सिटी से साइंस इन ट्रांसपोर्टेशन प्लानिंग एंड मैनेजमेंट में मास्टर्स करने के लिए 2010 में अमेरिका चला गया। 2012 में उसने टेक्सास और ओहियो में एक कंपनी में डेस्कटॉप सपोर्ट इंजीनियर की नौकरी कर ली। उसने दो साल तक नौकरी की। आईएसआईएस से जुड़े होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया वह तीसरा भारतीय था। गिरफ्तारी से कुछ महीने पहले ही वीजा के मसले पर उसे अमेरिका से वापस भेजा गया था। उसने पूछताछ में जांच एजेंसियों को जो बातें बताई हैं, उनमें से कुछ ये हैं-
क्या बताया उसने: बकौल सलमान, ‘मेरे पास यहां (हैदराबाद में) कोई काम नहीं था। मैं इंटरनेट पर ‘दौला न्यूजरूम’ ग्रुप मेंबर्स से घंटों इंटरनेट पर चैटिंग करता था। मुझे लगा कि पश्चिमी ताकतें मुसलमानों की दौलत नष्ट कर रही हैं और दुनिया भर में मुसलमानों को बहुत दयनीय स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। इसका हल इस्लामिक राज्य स्थापित करना है, जहां शरीयत कानून अमल में लाया जा सके।’ उससे की गई पूछताछ की रिपोर्ट के मुताबिक उसका कहना है कि अमेरिका में जब उसके साथ भेदभाव हआ तो उसका रुझान आईएसआईएस की तरफ बढ़ा। रिपोर्ट में उसके हवाले से यह भी लिखा है कि वह सीरिया जाकर आईएसआईएस में शामिल होना चाहता था और ‘लौट कर भारत के खिलाफ जंग छेड़ना चाहता था।’ उससे पूछताछ करने वाले अफसरों की नजर में उसकी एक मात्र कमजोरी ‘स्मोकिंग’ है।
महिला से संपर्क: सलमान ने जांच अफसरों को बताया, ‘2011 में टेक्सास में एक ब्रिटिश महिला निकी जोसेफ से यूट्यूब के जरिए मेरा संपर्क हुआ। वह दुबई में रहती थीं। मुझे मालूम चला कि वह ईसाई से मुसलमान बनी हैं। मुझे यह भी बताया गया कि उन्होंने एक डॉक्टर से शादी की थी और अब किसी मुसलमान से शादी करना चाहती हैं। मैंने उन्हें शादी की पेशकश की। वह मान गईं। मैंने और निकी जोसेफ उर्फ आयशा ने तय किया कि तुर्की की अवैध सीमा लांघ कर सीरिया पहुंचा जाए और आईएसआईएस के लिए लड़ा जाए।’
हालांकि, जोसेफ (जिसकी पहचान अफशा जबीन के तौर पर हुई है) ने सलमान के साथ सीरिया जाने की किसी योजना में शामिल होने से इनकार किया है। भारतीय मूल की जोसेफ तीन बच्चों की मां है। यूएई से प्रत्यर्पण के बाद उसे भी सितंबर में हैदराबाद में गिरफ्तार कर लिया गया था। उसने पूछताछ में यह कबूल किया है कि सलमान को उसने बताया था कि उसका पति ईसाई है, कार्डियोलॉजिस्ट है और उस पर काफी जुल्म करता है। उसने यह भी बताया था कि वह पति को तलाक देकर किसी मुस्लिम से शादी करना चाहती है, पर उसका पति तलाक देने के लिए राजी नहीं है।
आईएसआईएस की ओर रुझान: बकौल सलमान, ‘मैं धार्मिक इंसान हूं। जून 2014 में जब अबु बक्र अल बगदादी (आईएस चीफ) ने खुद को खलीफा घोषित कर दिया तो मैंने अल हयात (आईएसआईएस का मीडिया सेंटर) की ओर से जारी रिलीज पर गौर किया। मेरा रुझान आईएसआईएस की ओर बढ़ गया, क्योंकि मैं अमेरिका में भेदभाव का शिकार हो रहा था। मैंने इंटरनेट पर रिसर्च करके खलीफा, आईएसआईएस के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी हासिल की।’
अगस्त, 2104 के मध्य में सलमान ने जिहादी समर्थक फेसबुक ग्रुप ‘दौला इस्लामिया’ बनाया। हालांकि, इससे पहले 2012 में उसने पहला ऐसा ग्रुप ‘रिविलेशंस एंड हदीथ’ बनाया था। उसने अधिकारियों को बताया, ‘दौला इस्लामिया पर आईएसआईएस से जुड़ी ताजा सूचनाएं और अन्य जानकारियां पोस्ट करता था, ताकि युवाओं को आकर्षित किया जा सके।’ इस पेज को फेसबुक ने बाद में ब्लॉक कर दिया। उधर, अक्तूबर 2014 में उसे हैदारबाद लौटने के लिए मजबूर होना पड़ा, क्योंकि अमेरिका में रहने के लिए उसके वीजा की डेट नहीं बढ़ाई गई।
सीरिया जाने का प्लान: हैदराबाद आने के बाद उसके पास कोई काम नहीं था। उसने इंटरनेट पर आईएसआईएस से जुड़ी गतिविधियां करने में ज्यादा से ज्यादा समय देना शुरू किया। नवंबर 2014 में उसने फेसबुक पर दो और ग्रुप बनाए। मॉडरेटर्स वर्सेस लिबरल्स और दौला न्यूजरूम। उसने पूछताछ में बताया, ‘दौला न्यूजरूम पर मैं लगातार आईएसआईएस से जुड़े पोस्ट्स अपलोड करता था और ज्यादा से ज्यादा युवाओं से आईएसआईएस में शामिल होने के बारे में पूछता था।’ उसने बताया कि सीरिया के अबु अल बारा अल समी और तुर्की के अबु मोहम्मद के साथ चैटिंग के बाद उसने तुर्की होकर सीरिया जाने और आईएसआईएस में शामिल होने के बारे में गंभीरता से सोचने लगा।
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