Justice Yashwant Varma Controversy: दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के घर से कथित तौर पर नकदी बरामद होने के विवाद उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सीजेआई संजीव खन्ना के फैसले का स्वागत किया है। उपराष्ट्रपति ने सोमवार को कहा कि संसद को सीजेआई की तरफ से नियुक्त की गई कमेटी की रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए। धनखड़ ने सुबह सदन के नेता जेपी नड्डा और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ मुलाकात की।
14 मार्च को आग लगने के बाद जस्टिस वर्मा के सरकारी आवास पर कथित तौर पर नकदी बरामद की गई थी। इस मामले को सीजेआई ने उठाया। उन्होंने 22 मार्च को एक समिति का गठन किया। नेताओं से मुलाकात के बाद जगदीप धनखड़ ने कहा, ‘आजादी के बाद यह पहली बार है कि किसी मुख्य न्यायाधीश ने पारदर्शी, जवाबदेह तरीके से अपने पास मौजूद सभी सामग्री को पब्लिक डोमेन में रखा है और कोर्ट के साथ कुछ भी छिपाए बिना इसे शेयर किया है। यह सही दिशा में उठाया गया कदम है। सीजेआई की तरफ से एक समिति का गठन और उन्होंने जो सतर्कता दिखाई है, वह भी एक ऐसा कारक है जिस पर विचार करने की जरूरत है। न्यायपालिका और विधायिका जैसी संस्थाएं अपने उद्देश्य को सबसे अच्छी तरह से पूरा करती हैं जब उनका इन-हाउस तंत्र प्रभावी, तेज और जनता के विश्वास को बनाए रखता है।’
समिति की जांच रिपोर्ट का इंतजार करना सही- उपराष्ट्रपति
उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह पहली बार हो रहा है कि इसलिए समिति के नतीजों का इंतजार करना ही सही होगा। इसके बाद हमें अपने विचार के लिए पूरी चीजें मिल पाएगी। उन्होंने कहा कि खड़गे ने सुझाव दिया था कि इस मुद्दे पर सभी दलों के फ्लोर लीडर्स के साथ विचार-विमर्श किया जाना चाहिए। इस पर वह और नड्डा सहमत थे। उन्होंने कहा कि वह विचार-विमर्श के लिए सभी फ्लोर लीडर्स को आमंत्रित करेंगे।
ट्रांसफर से लेकर सस्पेंशन और टर्मिनेशन तक
सीजेआई संजीव खन्ना ने उठाए सही कदम
उपराष्ट्रपति ने कहा कि अगर हम पिछले कदमों को देखें तो सीजेआई संजीव खन्ना की तरफ से उठाए गए कदम सराहनीय है। इसकी जांच के जरिये पब्लिक डोमेन में जानकारी मुहैया कराने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। यह न्यायपालिका के सदस्यों, बार के सदस्यों, सांसदों और आम जनता के मन में हलचल मचा रही है।
कॉलेजियम ने जस्टिस वर्मा को इलाहाबाद हाई कोर्ट भेजने की सिफारिश की
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा को वापस उनके मूल इलाहाबाद हाई कोर्ट में भेजने का फैसला किया है। सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर पब्लिश कॉलेजियम के बयान में कहा गया है, ‘सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 20 और 24 मार्च 2025 को हुई अपनी बैठकों में दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा को इलाहाबाद हाई कोर्ट में वापस भेजने की सिफारिश की है।’ जांच पूरी होने तक न्यायिक कार्य से दूर रहेंगे जस्टिस वर्मा