VP Election 2022: ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने ऐलान किया है कि वह उपराष्ट्रपति पद के लिए होने वाले चुनावी प्रक्रिया का हिस्सा नहीं होगी। इस पर विपक्ष की संयुक्त उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल की सीएम काफी समय से उनकी दोस्त रही हैं और उनके पास अपना मन बदलने के लिए पर्याप्त समय है।
विपक्ष की उपराष्ट्रपति उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा ने कहा कि वह टीएमसी के इस फैसले से हैरान हैं कि पार्टी उपराष्ट्रपति चुनाव से दूर रहेगी। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी विपक्ष को एकजुट करने के अभियान का नेतृत्व करती आ रही हैं। अल्वा ने कहा कि ममता कभी भी भाजपा की जीत में मदद नहीं कर सकतीं। अपना विचार बदलने के लिए ममता के पास पर्याप्त समय है। साथ ही उन्होंने एनडीए के प्रत्याशी जगदीप धनखड़ पर भी निशाना साधा।
मार्गरेट अल्वा ने जगदीप धनखड़ के राज्यपाल के रूप में कार्यकाल को लेकर कहा कि राजभवन में रहते हुए किसी पार्टी के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करना अनैतिक, असंवैधानिक है। पूर्व राज्यपाल 80 वर्षीय अल्वा ने कहा कि आज के लोकतंत्र की यह त्रासदी है कि जनता द्वारा दिया गया जनादेश कायम नहीं रह पाता और धनबल, बाहुबल और धमकियों से निर्वाचन की रूपरेखा बदल जाती है।
अल्वा ने कहा कि मतभेद हो सकते हैं, लेकिन विपक्ष की मंशा 2024 की चुनौती का सामना करने के लिए साझा मंच तलाशने की है। उन्होंने कहा कि विपक्ष का स्पष्ट रुख है कि संविधान की रक्षा करनी है, लोकतांत्रिक संस्थाओं की रक्षा करनी है। हम एक दलीय शासन नहीं चाहते। संसद में चल रहे गतिरोध पर उन्होंने कहा कि यह सब हो रहा है क्योंकि आसन एक ऐसा समाधान निकालने में असमर्थ है जहां विपक्ष की आवाज भी सुनी जाए।
6 अगस्त को होना है चुनाव
बता दें कि मार्गरेट अल्वा विपक्ष की तरफ से उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार हैं। जबकि, एनडीए ने पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति पद के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया है। उपराष्ट्रपति पद के 6 अगस्त को चुनाव होने हैं।