कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में वोट चोरी के आरोप लगाए हैं। हाल ही में उन्होंने एक और प्रेस कॉन्फ्रेंस में हरियाणा को लेकर भी ऐसे ही दावे किए। इस बीच महाराष्ट्र में बीजेपी एक नई रणनीति पर काम कर रही है। इस रणनीति के तहत “वोट चोरी” के आरोपों का काउंटर करने के लिए ‘वोट जिहाद’ मुहिम शुरू की जा रही है।

इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में पार्टी के एक कैंपेन मैनेजर ने कहा, “पिछले लोकसभा चुनाव में महा विकास आघाड़ी के संविधान-विरोधी नैरेटिव को हमने हल्के में लिया था, जिसका भारी नुकसान हुआ। अब हम विपक्ष के हर मुद्दे का जवाब देंगे और ‘वोट जिहाद’ मुहिम को ज़मीनी स्तर तक पहुंचाएंगे।”

जानकारी के मुताबिक, पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को महाराष्ट्र की 48 सीटों में से केवल 9 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि 2019 में पार्टी ने 23 सीटें जीती थीं।

अब अपनी नई मुहिम को धार देने के लिए बीजेपी राज्य की सभी 288 विधानसभा सीटों पर तालुका स्तर तक कार्यकर्ता नियुक्त करने की योजना बना रही है। इस अभियान में पूर्व मुंबई अध्यक्ष आशीष शेलार अहम भूमिका निभाएंगे।

‘वोट जिहाद’ पर विवाद तेज

बीजेपी की इस नई रणनीति पर आशीष शेलार ने कहा कि महा विकास आघाड़ी सिर्फ मराठी और हिंदू डुप्लीकेट वोटों की बात करती है। विपक्ष मुसलमानों के डुप्लीकेट वोटों पर चुप क्यों है? हमारे पास सबूत हैं कि कर्जत-जामखेड, मुंब्रा, कल्याण, मलाड वेस्ट और धारावी जैसे इलाकों में हजारों डुप्लीकेट मुस्लिम वोट हैं। राज्यभर में ऐसे लगभग 10.6 लाख वोट हो सकते हैं।”

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र चवन ने भी इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “जब वोट चोरी के आरोप सामने आए थे, बीजेपी ने सबसे पहले इस पर चिंता जताई थी और मतदाता सूची (इलेक्टोरल रोल) में संशोधन की मांग की थी। लेकिन विपक्ष ने जानबूझकर एक फर्जी नैरेटिव चलाकर बीजेपी की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की।”

बीजेपी मीडिया सेल के इंचार्ज नवंथ बन ने कहा, “बीजेपी हमेशा विकास की राजनीति करती है, लेकिन कभी-कभी सच्चाई का आईना दिखाना भी जरूरी होता है। विपक्ष मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति कर रहा है, और हम इसे बेनकाब करेंगे।”

वोट जिहाद पर विपक्ष का पलटवार

जैसे ही बीजेपी की यह “वोट जिहाद” मुहिम सामने आई, विपक्ष हमलावर हो गया। कांग्रेस के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने कहा, “भाजपा ने एक बार फिर लोगों को बांटने की कोशिश की है। यह समाज में नफरत फैलाने वाली राजनीति है।” वंचित बहुजन आघाड़ी के प्रमुख प्रकाश आंबेडकर ने कहा, “आरएसएस और बीजेपी दोनों ही दलित और मुस्लिम विरोधी हैं। वे अपने सांप्रदायिक एजेंडे पर आगे बढ़ समाज को बांटने का काम कर रहे हैं।

क्या है ‘वोट जिहाद’ और इसका मकसद?

दरअसल, 2021–2022 में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल जैसे संगठनों ने “लव जिहाद” के खिलाफ अभियान चलाया था, जिसका उद्देश्य हिंदू वोटरों को एकजुट करना था।

पिछले लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने “एक है तो सेफ है” और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने “बटेंगे तो कटेंगे” जैसे नारे दिए थे। इसके ऊपर 2024 के लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में एनडीए को करारी हार का सामना करना पड़ा था। तब देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि “वोट जिहाद” के चलते नुकसान हुआ। उनका कहना था कि कुछ सीटों पर एक खास समुदाय हिंदुओं के खिलाफ एकजुट हो गया, जिससे 14 सीटों पर पार्टी को हार का सामना करना पड़ा।