भारत और चीन सीमा विवाद के बाद केंद्र सरकार ने चीन को झटका देने के लिए एक और रणनीति अपनाई है। मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत पर जोर देने के लिए केंद्र सरकार ने ऑनलाइन सेलर्स से प्रोडक्ट पर उत्पादक देश का नाम लिखने के निर्देश दिए हैं। इससे लोगों को चीन के उत्पादों को बॉयकॉट करने में आसानी होगी। खबर के मुताबिक सरकारी ई-मार्केटप्लेस पर प्रोडक्ट रजिस्टर करने के लिए कंट्री ओरिजन बनाता अनिवार्य होगा। जानकारी नहीं देने पर प्रोडक्ट को  सरकारी ई-मार्केटप्लेस से हटा लिया जाएगा।

वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक, जिन विक्रेताओं ने अपने प्रोडक्टस पहले ही अपलोड किए हैं उनको भी बार बार इस चेतावनी के साथ याद दिलाया जा रहा है कि प्रोडक्ट का ओरिजिन कंट्री अपडेट करें अन्यथा उनका प्रोडक्ट प्लेटफार्म से हटा लिया जाएगा। बयान में कहा गया है कि ई-कॉमर्स के प्लेटफॉर्म  पर नए फीचर भी जोड़े गए हैं। अब ग्राहक मेक इन इंडिया प्रोडक्टस भी खरीद सकते हैं। इसके अलावा हर प्रोडक्ट में लोकल कंटेंट के पर्सेंट के बारे में भी जानकारी हासिल कर सकेंगे। इसके अलावा फीचर के जरिए 50 प्रतिश लोकल कंटेंट के मानक को पूरा करने वाले प्रोडक्टस् भी  उपलब्ध होंगे।

सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि लोकल का मतलब सिर्फ भारतीय कंपनियों के बना उत्पाद नहीं बल्कि इसमें कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों के बनाएं उत्पाद भी शामिल हैं। गौरतलब है कि कोरोना संकट के बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत का नारा बुलंद किया है। उन्होंने वोकल फॉर लोकल का जिक्र किया था। चीन के साथ हुए विवाद के बाद बॉयकाट चीन अभियान तेजी पकड़ रहा है। देश के अलग-अलग हिस्सों में लोग चीन के प्रोडक्ट्स का  बहिष्कार कर रहे हैं।

बता दें कि इससे पहले कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र गोयल ने केंद्र सरकार से ई कॉमर्स पर बिकने वाले सामान पर निर्मित देश का नाम भी लिखे जाने की मांग की थी।