एक यात्री ने कहा कि उसने एक साथी यात्री को अपने बैग में बम होने के बारे में बात करते हुए सुना, हालांकि बाद में यह दावा फर्जी निकला। हवाई अड्डा आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक उड़ान संख्या यूके-941 के लिए किए गए इस दावे का पता लगाने के लिए इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (आइजीआइ) हवाई अड्डे पर बुधवार शाम करीब 6:10 बजे कई सुरक्षा, खुफिया, हवाई अड्डे के संचालन और विमानन एजंसियों की एक नामित समिति को जांच के लिए बुलाया गया था।
यह उड़ान दिल्ली से मुंबई जा रही थी और उसे शाम चार बजकर 55 मिनट पर उड़ान भरनी थी। महिला यात्री ने एयरलाइन के चालक दल को बताया कि उसने एक पुरुष यात्री को फोन पर किसी से यह कहते हुए सुना कि केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) की टीम उसके बैग में रखे हुए बम का पता नहीं लगा सकी।
सूत्रों ने कहा कि चालक दल ने तुरंत सुरक्षा और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) के कर्मियों को इस बारे में सूचित किया, जिसके बाद विमान के उड़ान भरने में देरी हुई और टर्मिनल क्षेत्र और चेक-इन सामान में एक अभियान चलाया गया। इस दौरान समग्र सुरक्षा तंत्र को सतर्क रखा गया था।
जांच पूरी होने के बाद बम होने की खबर को शाम करीब पौने सात बजे अफवाह घोषित कर दिया गया और 163 यात्रियों वाले विमान को मुंबई के लिए उड़ान भरने की अनुमति दे दी गई। इसके बाद महिला और पुरुष दोनों ही यात्रियों को दिल्ली पुलिस के हवाले कर दिया गया, बाद में पुरुष यात्री के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 341 और 268 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया।