आंध्र-प्रदेश के विशाखापट्टनम में एक पति-पत्नी के झगड़े का खामियाजा रेलवे को भुगतना पड़ा। पति-पत्नी के झगड़े में ट्रेन बंद रूट पर चल गई और इससे रेलवे को 3 करोड़ का नुकसान हो गया। इस नुकसान के बाद पति की नौकरी भी चली गई।
एक रेलवे मास्टर का ड्यूटी के दौरान उनकी पत्नी से झगड़ा हो गया। स्टेशन मास्टर जब ड्यूटी पर था, तभी फोन पर उसकी बीवी ने झगड़ना शुरू किया। एक हाथ में मोबाइल, दूसरे हाथ में ऑफिस का फोन जो उसके हाथ में ही था। बात दोनों तरफ चल रही थी। स्टेशन मास्टर से पत्नी ने कहा- ऑफिस से घर आ जाओ, फिर बात करूंगी, जवाब में पति ने OK कहा।
यह OK लेकिन दूसरे स्टेशन मास्टर ने सुन लिया। दूसरे स्टेशन मास्टर को लगा कि उसे ओके कहा गया है और उस ने ट्रेन को सिग्नल देकर रवाना कर दिया। जिस वजह से ट्रेन प्रतिबंधित रूट पर चली गई और रेलवे को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा। रेलवे को इसके चलते 3 करोड़ का नुकसान हुआ और रेलवे मास्टर को भी नौकरी से हाथ धोना पड़ा। रेलवे ने पति को सस्पेंड कर दिया और इस कारण पति ने हाईकोर्ट में तलाक की अर्जी लगाई।
शादी के बाद पति को पता चला पत्नी किसी और को पसंद करती है
विशाखापट्टनम में रहने वाले स्टेशन मास्टर की भिलाई की रहने वाली युवती से शादी 2011 में हुई थी। पति का आरोप है कि शादी के बाद रिसेप्शन की रात में ही उसकी पत्नी ने बताया कि उसका अफेयर किसी और के साथ था जिसे वो भूल नहीं सकती। पति ने इस बात की जानकारी लड़की के पिता को दी लेकिन पिता ने गारंटी ली कि वो भविष्य में ऐसा नहीं करेगी।
अपने ससुर की बात मानकर पति ने पत्नी से सब कुछ भूलने के लिए कहा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हालात यहां तक आ गए कि पत्नी अपने पति के सामने ही प्रेमी से बातें करने लगी। इस बात को लेकर विवाद बढ़ने लगा। एक रात जब पति ड्यूटी पर था तो पत्नी का फोन आया और झगड़ा होने लगा और ट्रेन बंद रूट पर चली गई।
पति ने लगाई तलाक के लिए अर्जी
जिसके बाद पत्नी पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाकर पति ने विशाखापट्टनम फैमिली कोर्ट में तलाक के लिए अर्जी लगाई। दूसरी ओर, पत्नी ने दहेज प्रताड़ना का केस दर्ज करा दिया। इस पर पुलिस ने पति, उसके पिता, बड़े भाई, भाभी और मौसेरे-भाई बहन के खिलाफ 498 के तहत केस दर्ज कर लिया।
इस दौरान सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पति के आवेदन को दुर्ग ट्रांसफर किया गया। दुर्ग कोर्ट से आवेदन खारिज होने पर पति ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की। हाईकोर्ट ने सुनवाई में पाया कि पत्नी ने पति पर भाभी के साथ अवैध संबंध होने का आरोप लगाया था जबकि उसकी शादी में भाभी ने मां की सभी रस्में निभाई थीं। पति अपनी भाभी को मां का दर्जा देता था। ऐसे में हाईकोर्ट में दहेज का केस साबित नहीं हो पाया।
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पत्नी से फोन पर झगड़े के कारण पति सस्पेंड
हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने कहा कि पत्नी से फोन पर झगड़े के कारण पति सस्पेंड हुआ, साथ ही पति के परिवारवालों के खिलाफ झूठी रिपोर्ट लिखाई गई और भाभी पर अवैध संबंध होने के गलत आरोप लगाए। पत्नी की ये सारी हरकतें पति के साथ मानसिक क्रूरता है। हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट के फैसले को खारिज करते हुए पति की तलाक की याचिका को मंजूर कर लिया।