आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में गुरुवार की सबुह मौत लेकर आई। राज्य के विजाग में गुरुवार तड़के एक केमिकल यूनिट में गैस रिसाव के बाद कम से कम 10 लोगों की जान चली गई और 300 लोग अस्पताल में भर्ती हैं। मरने वालों की संख्या अभी और बढ़ सकती है। एनडीआरएफ के डीजी के मुताबिक विशाखापत्तनम की घटना स्टायरिन गैस के रिसाव के चलते हुई है। ये एक रंगहीन तरल पदार्थ जैसा होता है। हालांकि कुछ इसके सैंपल पीले रंग के भी होते हैं।
रिपोर्टस के मुताबि फैक्ट्री के 3 किलोमीटर के दायरे में एक हजार से ज्यादा लोगों की तबियत खराब हुई है। चश्मदीदों के मुताबिक, उन्होंने कई लोगों को जमीन पर गिरे हुए देखा। पुलिस का कहना है कि गैस रिसाव को बंद कर दिया गया। एनडीआरएफ की टीम तुरंत स्पॉट पर पहुंची। इस गैस लीक का असर ज्यादा से ज्यायदा 1-1.5 किमी तक ही रहा। लेकिन गैस की गंध 2-2.5 किमी तर महसूस की गई।
कितनी खतरनाक होती है स्टायरिन गैस: स्टायरिन गैस का इस्तेमाल प्लास्टिक, पेंट, टायर जैसी चीजें बनाने के दौरान किया जाता है। इस गैस का इंसान पर बुरा असर पड़ता है। अगर इस गैस का इंसार की शरीर में प्रवेश हो जाए तो आंखों में जलन, सांस लेने में तकलीफ, बेहोशी और उल्टी जैसे परेशानियां होने लगती हैं। इतना ही नहीं यह गैस घातक साबित हो सकती है, यह इंसान के नर्वस सिस्टम पर भी असर डालती हैं। स्टायरिन को एथेनिलबेनजीन, विनालेनबेन्जिन और फेनिलिथीन के रूप में भी जाना जाता है। यहां तक की यह देखने और सुनने की क्षमता तक छीन सकता है।
इस गैस के इंसान फेफड़ों में जाने पर फेफड़े सही से काम नहीं करते हैं और सास लेने में परेशानी के चलते आदमी दम तोड़ देता है। इतना ही नहीं इस गैस के शिकार हुए लोगों की प्रजनन क्षमता और शारीरिक विकास पर बुरा असर डालती है। इतना ही नहीं यह गैस खून और त्वचा के कैंसर का भी कारण बनती है।
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