Murshidabad Violence: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ कानून के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद से हालात काफी तनावपूर्ण बने हुए हैं। शमशेरगंज पुलिस थाने के अंतर्गत आने वाले जाफराबाद में एक पिता और पुत्र की उनके घर के अंदर कथित तौर पर हत्या कर दी गई। गोली लगने से घायल एक युवक ने शनिवार को दम तोड़ दिया। हिंसा पर काबू पाने के लिए बीएसएफ की 8 कंपनियां तैनात की गई हैं। इतना ही नहीं हिंसा वाले इलाके में इंटरनेट बंद कर दिया गया है।
डीजीपी राजीव कुमार खुद हालात का जायजा लेने मुर्शिदाबाद पहुंचे। रात भर केंद्रीय बलों के साथ वरिष्ठ पुलिस अधिकारी हिंसा प्रभावित इलाकों में गश्त करते रहे। मुर्शिदाबाद में बेकाबू हिंसा के बाद गृह मंत्रालय भी हरकत में है। केंद्रीय गृह सचिव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक कर राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी को जरूरी निर्देश दिए हैं। हालात पर काबू पाने के लिए साउथ बंगाल फ्रंटियर की 5 कंपनियां भेजी गई हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर जवानों को मोर्चे पर तैनात किया जा सके। डीजीपी राजीव कुमार ने सख्त लहजे में कहा कि जो भी कानून हाथ में लेगा, उससे सख्ती से निपटा जाएगा, हिंसा की इजाजत नहीं है। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा, “अधिकारी जमीन पर तैनात हैं, किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें।”
जरूरत पड़ने पर ज्यादा फोर्स भेजने को तैयार – आईजी करणी सिंह
मुर्शिदाबाद के हालात पर बोलते हुए साउथ बंगाल फ्रंटियर के आईजी करणी सिंह शेखावत ने कहा कि बीएसएफ पुलिस के साथ मिलकर काम करेगी और क्षेत्र में शांति बहाल करने में मदद के लिए जरूरत पड़ने पर और ज्यादा फोर्स भेजने को तैयार हैं। शेखावत ने मीडिया से कहा, ‘हमें इस स्थिति में उनके साथ मिलकर काम करना होगा। इसी पर चर्चा हुई। हमने पुलिस की मदद के लिए अपनी पांच कंपनियां भेजी हैं। हम यहां पुलिस की मदद करने आए हैं, स्वतंत्र कार्रवाई के लिए नहीं। हम राज्य पुलिस की मांग के अनुसार काम करेंगे। हमें उम्मीद है कि यहां जल्द ही शांति बहाल हो जाएगी। अगर पुलिस को और कंपनियों की जरूरत होगी तो हम मुहैया कराएंगे। बीएसएफ हर स्थिति के लिए तैयार है।’
कलकत्ता हाईकोर्ट ने केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश दिया
कलकत्ता हाईकोर्ट ने केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि जब लोगों की सुरक्षा खतरे में हो, तो कोर्ट मूकदर्शक बनकर तकनीकी बचाव में उलझे नहीं रह सकते। कोर्ट ने कहा कि हम अलग-अलग रिपोर्टों को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं, जो प्रथम दृष्टया पश्चिम बंगाल राज्य के कुछ जिलों में बर्बरता दिखाती हैं। अर्धसैनिक बलों या केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की तैनाती का उद्देश्य केवल राज्य प्रशासन को इस राज्य में लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद करना है। पूरा आदेश पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…
राज्यपाल ने हाईकोर्ट के आदेश का स्वागत किया
राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने शनिवार रात मुर्शिदाबाद जिले के हिंसा प्रभावित इलाकों में केंद्रीय बलों की तैनाती के कलकत्ता हाईकोर्ट के निर्देश का स्वागत किया। राजभवन द्वारा जारी एक वीडियो संदेश में राज्यपाल ने कहा, ‘मुझे मुर्शिदाबाद सहित बंगाल के दंगा प्रभावित क्षेत्रों में सीएपीएफ की तैनाती के बारे में बताया गया है। मुझे खुशी है कि कलकत्ता हाईकोर्ट ने हस्तक्षेप किया और सही समय पर सही फैसला दिया।’
पश्चिम बंगाल के नेता प्रतिपक्ष और भारतीय जनता पार्टी के नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि हमने केंद्रीय बलों की तैनाती के लिए राज्यपाल को पत्र लिखा और मुख्य सचिव और गृह सचिव से अनुरोध किया। मैंने सीएम से भी अनुरोध किया। लेकिन उन्होंने नहीं सुनी, इसलिए मैं अदालत गया। मैं कलकत्ता हाईकोर्ट का बहुत आभारी हूं। जो निर्णय आया है, मैं उसका स्वागत करता हूं।
कैसे भड़की थी हिंसा
पुलिस के अनुसार, शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद एक प्रदर्शन की तैयारी की गई थी। इसी कड़ी में शमशेरगंज में डाकबंगला मोड़ से सुतिर सजुर मोड़ तक नेशनल हाईवे-12 के एक हिस्से को ब्लॉक तक कर दिया था। अब जब तक सिर्फ सड़क पर अवरोध किया गया, प्रदर्शन हिंसक नहीं हुआ था। लेकिन फिर प्रदर्शनकारियों ने एक पुलिस वैन पर पथराव कर दिया। अब किस कारण से यह पथराव हुआ, स्पष्ट नहीं, लेकिन इतना जरूर है कि उस एक घटना के बाद ही प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया।
अब क्योंकि पुलिस वैन पर हमला किया गया, सामने से सुरक्षाबलों को भी कार्रवाई करनी पड़ी। पुलिस और उपद्रवी आमने-सामने आ गए और जमकर बवाल हुआ। बताया गया कि इस हिंसा में 10 पुलिसकर्मी घायल हुए। पुलिस की मानें तो उपद्रवी अपने साथ बम जैसा कोई पदार्थ भी लेकर आए थे। उसी वजह से भीड़ को नियंत्रण में करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा, आंसू गैस के गोले भी दागे गए। अब पुलिस के इस एक्शन से गुस्साई भीड़ और ज्यादा भड़क गई और हिंसा फैलती चली गई।
बंगाल में लागू नहीं होगा कानून – ममता बनर्जी
इससे पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घोषणा की कि उनका राज्य विवादास्पद वक्फ (संशोधन) अधिनियम को लागू नहीं करेगा व उन्होंने शांति और सद्भाव की अपील की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा, ‘हमने इस मामले पर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है। हम इस कानून का समर्थन नहीं करते हैं। यह कानून हमारे राज्य में लागू नहीं होगा। तो फिर दंगा किस बात को लेकर है?’ मुख्यमंत्री ने कहा, “याद रखिए, हमने वह कानून नहीं बनाया, जिसके खिलाफ कई लोग आंदोलन कर रहे हैं। कानून केंद्र सरकार ने बनाया था। इसलिए जो जवाब आप चाहते हैं, वह केंद्र सरकार से मांगा जाना चाहिए।” ममता बनर्जी ने हिंसा को लेकर क्या कहा यहा पढ़ें…