महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए जारी अपने घोषणपत्र में भाजपा ने विनायक दामोदर सावरकर को भारत रत्न दिलाने का वादा किया है। इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजयेपी भी सावरकर को भारत रत्न देने की मांग कर चुके हैं। साल 2000 में तत्कालीन वाजपेयी सरकार ने तब राष्ट्रपति केआर नारायणन को उन्हें भारत का सर्वोच्च सम्मान देने का प्रस्ताव भेजा था। हालांकि उनके प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया गया। अब विधानसभा चुनाव के चलते सावरकर एक बार फिर राजनीति के केंद्र में हैं। भाजपा ने सावरकर के अलावा सावित्री बाई फुले को भी भारत रत्न दिलाने का वादा किया है।

चुनाव में भाजपा और शिवसेना ने गठबंधन किया है मगर दोनों पार्टियों ने अपना अलग-अलग घोषणा पत्र जारी किया है। भाजपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में भारत रत्न के वादे के साथ स्वास्थ्य और शिक्षा पर जोर दिया है। समाज के करीब हर तबके को इस घोषणा पत्र में साधने की कोशिश की गई है। भाजपा ने घोषणा पत्र में किसानों और युवाओं को भी आकर्षित करने की कोशिश की है। इसमें भाजपा ने युवाओं को एक करोड़ रोजगार देने के साथ ही किसानों को दिन में 12 घंटे से अधिक बिजली देने का वादा किया है। भारत नेट और महाराष्ट्र नेट से पूरे महाराष्ट्र को आपस में जोड़ने की बात भी कही गई है।

घोषणापत्र में शिवसेना का वादा
अपने चुनावी घोषणा पत्र में शिवसेना ने बिजली की दरों में तीस फीसदी की कटौती और किसानों की कर्ज माफी का वादा किया है। महज ‘एक रुपए क्लिनिक’ खोलने का वादा भी किया है। इस योजना के मुताबिक गरीबों का महज एक रुपए में हेल्थ चेकअप होगा।

भारत रत्न से जुड़ी कुछ खास बातें भी जानिए
देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान में राष्ट्रपति के हस्ताक्षर वाले पत्र के साथ एक तमगा मिलता है। तमगा पीपल की पत्ती के आकार का करीब 5.8 सेमी लंबा, 4.7 सेमी चौड़ा और 3.1 मिमी मोटा होता है। यह तांबे का बना होता है और इसके ऊपर चमकती हुई सूर्य की आकृति होती है, जिसकी रिम प्लैटिनम की होती है। तमगे में सूर्य की आकृति के ठीक नीचे हिंदी में लिखा होता है भारत रत्न। भारत रत्न के साथ कोई राशि नहीं मिलती मगर सरकारी महकमे इसे पाने वाले को कई सुविधाएं मुहैया कराते हैं। उदाहरण के तौर पर भारत रत्न पाने वाले को रेलवे की तरफ से मुफ्त यात्रा की सुविधा मिलती है। उन्हें अहम कार्यक्रमों न्योता मिलता है।