RSS Dussehra Event: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वार्षिक विजयादशमी उत्सव का कार्यक्रम 5 अक्टूबर, 2022 को नागपुर में सम्पन्न हुआ। संघ के इस कार्यक्रम में पर्वतारोही पद्मश्री संतोष यादव प्रमुख अतिथि के रूप में शामिल हुईं। इस दौरान उन्होंने मंच से अपने संबोधन में कहा कि लोग मेरे हाव-भाव देखकर सवाल करते थे कि क्या तुम संघी हो?

आगे उन्होंने कहा कि लोगों के इस सवाल का जवाब मैं बड़े भोले मन से देती थी कि वो(संघी) क्या होता है। आज किस्मत मुझे सर्वोच्च मंच पर लेकर आई है। उन्होंने कहा कि पूरे भारत ही नहीं, पूरे विश्व के मानव समाज को मैं अनुरोध करना चाहती हूं कि वो आये और संघ के कार्यकलापों को देखें। यह शोभनीय है, एवं प्रेरित करने वाला है।

संतोष यादव ने बताया कि मेरी प्रारंभिक शिक्षा गांव से हुई, मेरी शिक्षा का स्तर उतना ऊंचा नहीं था। मेरा दुनियादारी से बहुत अधिक संपर्क नहीं था। अक्सर यह संयोग होता कि लोग मुझसे पूछते कि तुम संघी हो क्या, मैं कहती थी कि वो क्या होता है। लेकिन आज मैं संघ के सर्वोच्च मंच पर मौजूद हूं।

उन्होंने कहा कि भारत की भूमि पर जन्मी हमारी सनातन संस्कृति, जिसका पूरी तरह से संघ के एक-एक प्रचारक, पूरे सेवा भाव और विश्व कल्याण के लिए बहुत मेहनत से लगे हुए हैं। संतोष यादव ने कहा स्वयंसेवक सनातन संस्कृति के मूल मंत्र को पकड़े हुए हैं।

जेएनयू से जुड़े एक किस्से को बताते हुए संतोष यादव ने बताया कि एक बार जेएनयू में वह पर्यावरण के विषय पर बोल रही थीं। उस दौरान एक छात्रा ने सवाल किया कि हमें रामचरितमानस या गीता पढ़ने के लिए क्यों कहा जाता है? मैंने उससे पूछा कि क्या आपने इन पुस्तकों को पढ़ा है? तो छात्रा ने कहा कि नहीं। इसके बाद मैंने उस छात्रा से कहा कि फिर बिना पढ़े आप इन पुस्तकों को लेकर द्वेष क्यों पाल रही हैं? आप पहले इसे पढ़िए, सनातन संस्कृति सृजन की प्रेरणा देता है।

बता दें कि दशहरे का दिन संघ के लिए काफी अहम माना जाता है। दरअसल दशहरे के ही दिन सन 1925 में आरएसएस की स्थापना हुई थी। ऐसे में हर साल इस मौके पर संघ के द्वारा मनाए जाने वाले कार्यक्रम में देश के गणमान्य लोगों को आमंत्रित किया जाता है।