उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विजय बहुगुणा ने मुख्यमंत्री हरीश रावत के खिलाफ फिर से मोर्चा खोल दिया है। अपनी देहरादून की यात्रा के दौरान बहुगुणा ने हरीश रावत पर जम कर प्रहार किए। बहुगुणा ने कहा कि वे रावत सरकार के कामकाज को देखने के लिए फरवरी में पूरे उत्तराखंड का दौरा करेंगे। रावत सरकार के द्वारा की गई विकास कार्यों की घोषणाएं धरातल पर कितनी उतरी हैं, इसका जायजा लेंगे।

बहुगुणा की इस घोषणा के बाद सूबे की राजनीति का माहौल गरमा गया है। बहुगुणा ने ऐलान किया कि वे जल्द ही दिल्ली में पार्टी की राष्टीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलकर राज्य के हालातों की उन्हें जानकारी देंगे। बहुगुणा ने हरीश रावत से भेंट की। सूत्रों के मुताबिक बहुगुणा ने रावत से अपने मंत्रिमंडल से उत्तराखंड क्रांति दल और निर्दलीय कोटे से बनाए गए तीन मंत्रियों को हटाकर कांगे्रस के तीन विधायकों को मंत्री बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि पार्टी के प्रति वफादार रहे वरिष्ठ विधायकों की उपेक्षा करने से पार्टी को 2017 के विधानसभा चुनाव में नुकसान होगा। इस नुकसान की भरपाई पार्टी के वरिष्ठ विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल करके की जा सकती है।

उन्होंने कहा कि जब निर्दलीय और उत्तराखंड क्रांति दल के कोटे से बनाए गए मंत्री कांग्रेस टिकट पर अगला विधानसभा चुनाव लड़ने को तैयार नहीं है तो ऐसे में उन्हें मंत्री बनाए रखने का कोई औचित्य नहीं रह जाता है। बहुगुणा ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय का बचाव करते हुए कहा कि चुनाव में संगठन के काम काज की परीक्षा नहीं होती बल्कि सरकार के कामकाज की परीक्षा होती है। बहुगुणा ने विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल से सवाल किया कि वे मेरे मुख्यमंत्री रहते बहुत मुखर थे, तो अब चुप क्यों है।

बहुगुणा ने कहा कि रावत सरकार में केवल ‘वन मैन शो’ है। सरकार में मंत्रियों की कोई पूछ नहीं है। उन्होंने कहा कि रावत के चारों ओर जो लोग जमा हैं ऐसे चापलूस खतरनाक होते हैं। उनसे सरकार नहीं चलती। दो टूक लहजे में बहुगुणा ने कहा कि रावत सरकार में निर्माण कार्यों की टेंडर प्रक्रिया ठीक नहीं चल रही है। स्थानीय लोगों को बिल्कुल भी काम नहीं मिल रहा है।
रावत सरकार पर आए दिन लग रहे घोटालों के आरोपों पर बहुगुणा ने कहा कि यदि राज्य में लोकायुक्त होता तो इन मामलों की निष्पक्ष जांच की जा सकती थी। घोटालों पर सरकार के जवाब पर जनता को भरोसा नहीं होता है। बहुगुणा ने कहा कि यदि राज्य सरकार पर विपक्ष द्वारा लगाए गए आरोप झूठे हैं तो सरकार को तुरंत आरोप लगाने वाले व्यक्ति के खिलाफ मानहानि का मुकदमा करना चाहिए। जैसे केंद्रीय मंत्री अरूण जेटली ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मानहानि का दावा किया है।