जम्मू और कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा है कि उन्हें एक आतंकवादी की जान जाने पर भी बेहद तकलीफ होती है। उनके मुताबिक, आतंकवांद बंदूक में नहीं बल्कि दिमाग के भीतर है। गुरुवार (24 जनवरी, 2019) को उन्होंने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा, “पुलिस अपना काम अच्छे से कर रही है। अगर एक भी जान जाती है तो मुझे बहुत तकलीफ होती है। चाहे वह जिंदगी आतंकी की ही क्यों न हो। हम हालात सुधरते देखना चाहते हैं और यही वजह है कि हम पुनर्वास कार्यक्रम चला रहे हैं। हम कोशिश कर रहे हैं बच्चे (आतंक के रास्ते पर गए) वापस आएं। उनकी हत्या करना इस समस्या (आतंकियों) का हल नहीं है, क्योंकि आतंकवाद बंदूक में नहीं बल्कि दिमाग में है। हम उसे ठीक करने के प्रयास कर रहे हैं। सुरक्षाबलों ने हाल के दिनों में शानदार काम किया है।”

इससे पहले, गुरुवार को पाकिस्तान की तरफ से चार जगहों पर सीजफायर का उल्लंघन किया गया, जिसमें पुंछ और राजौरी सेक्टर का एलओसी क्षेत्र भी शामिल रहा। राजौरी में पाकिस्तानी सेना ने भारतीय सेना की अग्रिम चौकियों और रिहाइशी इलाकों पर हमला किया था।

सुनें क्या बोले राज्यपालः

रक्षा जन संपर्क अधिकारी ने इस बारे में कहा, “पाकिस्तान ने सुबह 9:15 बजे सुंदरबनी सेक्टर में छोटे हथियारों से मोर्टार से हमले कर संघर्ष विराम का उल्लंघन किया, जबकि बुधवार रात पुंछ जिले के मेंढर सेक्टर की अग्रिम चौकियों को भी पाक ने निशाना बनाया था। गोलीबारी से सीमावर्ती इलाकों में दहशत फैल गई।

उधर, बुधवार (23 जनवरी, 2019) को बारामूला जिले में सुरक्षाबलों के ऑपरेशन में तीन आतंकी मारे गए थे। ऐसे में बारामूला मौजूदा समय में कश्मीर का पहला जिला बन गया, जहां पर कोई आतंकी जीवित बचा हो। वहीं, उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर ने पिछले गुरुवार को कहा था- पाक को संघर्ष विराम उल्लंघन का करारा जवाब दिया जाएगा।