गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से बच्चों की मौत के मामले में सस्पेंड किए गए डॉ. कफील खान ने संशोधित नागिरकता कानून (सीएए) का विरोध किया है। उन्होंने कहा है कि देशवासियों को एकसाथ मिलकर सीएए, एनआरसी और एनपीआर का विरोध करना चाहिए। काफिल ने कहा कि नागरिकों को इसके लिए किसी भी तरह की हिंसा का सहारान नहीं लेना चाहिए।
डॉ. कफील खान ने अपने ट्विटर हैंडल पर इसके विरोध में एक वीडियो पोस्ट किया है। वीडियो में वह कहते हैं ‘मुझसे मेरे होने की पहचान नहीं ले सकते…जब तक रब ना चाहे मेरी जान नहीं ले सकते। सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन होना चाहिए। जिस तरह शाहीन बाग में औरतें बीते 30-35 दिनों से चार डिग्री की ठंड में भी डटी हुईं हैं ठीक उसी तरह सभी को प्रदर्शन करना चाहिए। शाहीन बाग शांतिपूर्ण प्रदर्शन का एक अच्छा उदाहरण है।’
वह आगे कहते हैं ‘मैं शपथ लेता हूं कि मैं एनपीआर और एनआरसी के लिए किसी भी तरह के दस्तावेज नहीं दूंगा। मेरी तरह कोई भी दस्तावेज जमा नहीं करेगा।’
Coming soon
Why we should oppose All 3 draconian Law CAA /NPR /NRCFor full video plz subscribe https://t.co/8nqwRlq09D@narendramodi @AmitShah @jigneshmevani80 @kanhaiyakumar @UmarKhalidJNU @PTI_News @anuragkashyap72 @ArvindKejriwal @ttindia @UN @priyankagandhi pic.twitter.com/YaEkNd2pip
— Dr Kafeel Khan (@drkafeelkhan) January 17, 2020
बता दें कि बीते महीने कफील खान के खिलाफ अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में सीएए के खिलाफ भड़काऊ भाषण देकर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ भड़काऊ बातें कही थी।
मालूम हो कि संसद से 11 दिसंबर को पारित सीएए में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धर्म के आधार पर प्रताड़ित हिंदू, पारसी, सिख, जैन, बौद्ध और ईसाई समुदाय के ऐसे लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है। इसके तहत 31 दिसंबर 2014 से पहले तक यहां आए और छह साल से देश में रह रहे लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है।