मंगलवार को पटना में कांग्रेस नेता और हाल ही में बिहार के प्रभारी बनाए गए भक्त चरण दास की पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंग में जमकर हंगामा हुआ। पार्टी की विधानसभा चुनाव में हुई हार और गलट टिकट बांटे जाने का कार्यकर्ताओं का गुस्सा फूट पड़ा। मालूम हो कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सिर्फ 19 सीटों तक सिमट कर रह गई थी जबकि उसने कुल 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था। मीटिंग में हुए हंगामे की वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे पार्टी कार्यकर्ता आपस में लड़ रहे हैं और गाली गलौज कर रहे हैं।
इससे पहले कांग्रेस की ओर से बिहार के नए प्रभारी नियुक्त किए गए भक्त चरण दास सोमवार को राज्य इकाई के पदाधिकारियों से मिले थे। वे कार्यभार संभालने के बाद अपनी पहली बिहार यात्रा पर हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे चरणदास ने सोमवार को भी बिहार कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में पदाधिकारियों के साथ बातचीत की थी। इस बैठक की भी एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है जिसमें स्थानीय नेता एक दूसरे को गालियां देते हुए और एक-दूसरे पर अभद्र टिप्पणी करते हुए दिखे।
बीपीसीसी के शीर्ष नेताओं के अलावा सभागार के मंच पर बैठे दास माइक पर बोलते हुए सुनाई दिए, “हम राज्य में पार्टी की बेहतरी के लिए सुझाव साझा करने के लिए यहां एकत्र हुए हैं। कृपया व्यक्तिगत हमलों में शामिल न हों”।
बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद बिहार के नए इंचार्ज भक्त चरणदास महंत के स्वागत समारोह में किस तरह जूतम पैजार हुए,कुर्सियां चली, गाली गलौज हुए वो आप भी देखिये।#Bihar #Congress pic.twitter.com/uZDfEZ4ogq
— Amit Kumar (@kumaramit06) January 12, 2021
ओडिशा में जन्मे भक्त चरण दास, ने संवाददाताओं को बताया कि उन्होंने बिहार को अपनी “कर्मभूमि”के रूप में देखा है। इससे पहले इस पद पर शक्तिसिंह गोहिल थे। गोहिल ने हाल ही में कुछ महीने पहले COVID 19 से संक्रमित होने के बाद अपने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए पार्टी आलाकमान से उन्हें “हल्की” जिम्मेदारी देने का अनुरोध किया था।
भक्त चरण दास ने मीडिया से बात करते हुए कहा, पार्टी अपने नेतृत्व के तहत “बेहतर काम करेगी”। हाल के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने बुरा प्रदर्शन किया था। जिसमें उसने 70 सीटें लड़ीं, लेकिन केवल 19 सीटें जीतीं। जिससे कई सहयोगियों ने तो कांग्रेस पर ही महागठबंधन की हार का ठीकरा फोड़ दिया।
दास ने पूर्व विधायक भरत सिंह के दावों पर कहा, “मैं केवल यह कह सकता हूं कि मैं भरत सिंह जैसे लोगों को कांग्रेस नेता मानने से इनकार करता हूं।”