उत्तर प्रदेश में योगी सरकार की तरफ से अवैध निर्माण को लेकर एक्शन जारी है। प्रशासन ने रविवार को बसपा के पूर्व सांसद दाऊद अहमद की 100 करोड़ की लागत से बन रही बहुमंजिला इमारत को लखनऊ में गिरा दिया। यह निर्माण रिवर बैंक कॉलोनी में किया जा रहा था।

बिल्डिंग को लेकर बताया गया है कि इसका निर्माण भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के नियमों को दरकिनार करके अवैध रूप से किया जा रहा था। इमारत के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई कर रही पोकलैंड इमारत के अचानक ढह जाने से मलबे में फंस गई। मलबे में ड्राइवर भी फंस गया था जिसे बाद में रेस्कयू कर के निकाला गया।  दाऊद को 12 अक्टूबर 2018 को ही कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। जिसका दाऊद की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया था।

बाद में एक बार फिर से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा 24 जून 2021 को प्राचीन संस्मारक तथा पुरातत्ववीय अवशेष अधिनियम की सुसंगत नियम वो धाराों के तहत दाऊद अहमद को नोटिस जारी की गयी थी। लेकिन उसके बाद भी पूर्व सांसद की तरफ से जिला प्रशासन को कोई जवाब नहीं दिया गया। जिसके बाद प्रशासन की तरफ से रविवार को कार्रवाई की गयी।

पूरे मामले को लेकर बताया जा रहा है कि एलडीए ने दाऊद अहमद को बिल्डिंग बनवाने की पूरी छूट दे रखी थी। दाऊद अहमद ने इसका नक्शा एकल आवासीय पास करवाया था लेकिन निर्माण बहुमंजिला करा लिया। पूरी बिल्ंडिंग अवैध थी, लगातार तमाम शिकायतें होने के बावजूद एलडीए ने केवल कहने को बिल्डिंग सील कराई थी। लेकिन उसके तरफ से सख्ती से निर्माण नहीं रुकवाया गया था। बिना पुरातत्व विभाग की एनओसी के नक्शा पास करने को लेकर एलडीए पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

बताते चलें कि उत्तर प्रदेश में अवैध निर्माण को लगातार हटाया जा रहा है। शुक्रवार को मुख्तार अंसारी के करीबी पर मऊ जिला प्रशासन ने शिकंजा कसते हुए अवैध रूप से बनाए गए महाविद्यालय को जमींदोज कर दिया।