उप राष्ट्रपति पद के चुनावों के लिये विपक्ष संयुक्त उम्मीदवार खड़ा कर सकता है और संसद में 11 जुलाई को होने वाली अपनी रणनीतिक बैठक के दौरान नाम पर फैसला ले सकता है। सूत्रों के मुताबिक गैर एनडीए दल विपक्ष की एकता को बरकरार रखने की कोशिश कर रहे हैं और यह मानते हैं कि भले ही इस चुनाव में उनकी हार हो रही हो लेकिन इसे बिना मुकाबले के नहीं छोड़ा जा सकता। उप राष्ट्रपति चुनाव काफी हद तक सत्ता पक्ष की तरफ झुका है जिसके पास संसद के दोनों सदनों के 790 सदस्यों में से करीब 550 मतों का बहुमत है। उपराष्ट्रपति राज्यसभा के पदेन अध्यक्ष भी होते हैं। उपराष्ट्रपति चुनाव में वोट डालने वालों में लोकसभा के 543 निर्वाचित और दो नामित सदस्य तथा राज्यसभा के 233 निर्वाचित तथा 12 नामित सदस्य होते हैं।

इसबीच, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा मंगलवार को संसद भवन पुस्तकालय में बुलाई गई बैठक में 18 गैर एनडीए दलों के नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है। बैठक में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के अलावा, एनसीपी, आरजेडी, वाम दल, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, बसपा, द्रमुक और कुछ अन्य छोटे दलों के नेताओं के भी शामिल होने की उम्मीद है।

यह बैठक राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के ठिकानों पर मारे गये सीबीआई छापों के बीच हो रही है। माना जा रहा है कि इस बैठक में 17 जुलाई से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र के दौरान सदन में विपक्ष के रूख पर भी चर्चा हो सकती है। एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘विचारधाराओं की लड़ाई में, यह एक चुनाव है जिसे विपक्ष को लड़ना चाहिये और वह लड़ने जा रहा है और इसे बिना लड़े नहीं छोड़ा जा सकता।’’

सूत्रों ने कहा कि किसी नाम पर अभी चर्चा नहीं हुई है, लेकिन ऐसी उम्मीद है कि राष्ट्रपति चुनावों के लिये जिन नामों की चर्चा थी वो उप राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिये भी आगे आ सकते हैं। इनमें गोपाल कृष्ण गांधी और प्रकाश अंबेडकर का नाम है जिन्हें राष्ट्रपति चुनाव में खड़ा करने पर विपक्ष विचार कर रहा था। बता दें कि उपराष्ट्रपति पद के लिये नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि 18 जुलाई है। जबकि उम्मीदवारों द्वारा भरे गये नामांकन पत्रों की जांच का काम 19 जुलाई को पूरा किया जाएगा। यदि जरूरी हुआ तो उपराष्ट्रपति पद के लिये पांच अगस्त को चुनाव होगा। उसी दिन मतगणना भी होगी। मौजूदा उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी का कार्यकाल 10 अगस्त 2017 को समाप्त हो रहा है। इससे पहले 15वें उपराष्ट्रपति की निर्वाचन प्रक्रिया को पूरा करना जरूरी है।