केरल टूरिज्म के एक ट्वीट क चलते विवाद खड़ा हो गया है। मकर सक्रांति के मौके पर केरल टूरिज्म की तरफ से एक ट्वीट साझा किया गया है जिसमें बीफ बनाने की रेसिपी शेयर की गई है। इस ट्वीट के बाद BJP-VHP के नेता भड़क उठे हैं। इस ट्वीट पर जवाब देते हुए एक यूजर ने लिखा है कि आप का दिमाग तो ठीक है पोंगल और सक्रांति के दिन हम गाय-बैल की पूजा करते हैं और मानव संस्कृति में उनके योगदान के लिए धन्यवाद देते हैं। ये गाय की पूजा करने वालों का अपमान है।
ट्विटर पर वीएचपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा, “क्या यह ट्वीट पर्यटन को बढ़ावा देने या गोमांस को बढ़ावा देने के लिए है? क्या यह करोड़ों गाय उपासकों की भावनाओं को आहत नहीं कर रहा है? क्या यह ट्वीट शंकराचार्य की पवित्र भूमि से किया गया है?”
पर्यटन विभाग के ट्वीट में एक व्यंजन बनाने की विधि के साथ लिखा गया, ‘‘खुशबूदार मसालों, नारियल के टुकड़ों और कड़ी पत्ते के साथ धीमी आंच पर भूने गये बीफ के नर्म टुकड़े। मसालों की धरती केरल से शानदार डिश, बीफ उलरतियातु की रेसिपी।’’ मकर संक्रांति पर 15 जनवरी के दिन इस ट्वीट पर कुछ लोगों ने नाखुशी जताई। इस हिंदू त्योहार को देश के अनेक हिस्सों में पोंगल, बिहू और लोहड़ी आदि पर्वों के साथ मनाया जाता है।
केरल के पर्यटन विभाग के ‘बीफ’ वाले ट्वीट से विवाद होने के बाद माकपा नीत एलडीएफ सरकार ने शुक्रवार को सफाई दी कि उनका मकसद किसी की धार्मिक भावनाओं को आहत करना नहीं है। पर्यटन मंत्री कडकमपल्ली सुरेंद्रन ने केरल के व्यंजन ‘बीफ उलरतियातु’ पर पर्यटन विभाग के ट्वीट की आलोचना करने वालों पर इसे सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश का आरोप लगाया और कहा कि इस दक्षिणी राज्य में खानपान का धर्म से कोई लेनादेना नहीं है।
सुरेंद्रन ने कहा कि इस मामले को सांप्रदायिक रंग देने वाले लोग यह कहकर विवाद खड़ा कर रहे हैं कि विभाग को पोर्क के व्यंजनों की तस्वीरें भी डालनी चाहिए। पर्यटन मंत्री ने कहा कि वेबसाइट पर पोर्क से बनी कई डिशों की जानकारी पहले ही है।