कश्मीरी पंडितों के विस्थापन के मुद्दे पर चर्चा के दौरान सेना के पूर्व अधिकारी ने एक विवादित बयान दिया। मेजर जनरल एस पी सिन्हा (अवकाश प्राप्त) ने टीवी पर एक परिचर्चा में ‘मौत के बदले मौत’ और ‘बलात्कार के बदले बलात्कार’ अलावा कुछ अन्य विवादित टिप्पणियां की।

इस कारण सेना के पूर्व अधिकारी नाराज हो गए उन्होंने कश्मीरी पंडितों के विस्थापन के मामले पर विवादित टिप्पणी करने के कारण सेना के इस अवकाश प्राप्त मेजर जनरल की जमकर खिंचाई की। श्रीनगर स्थित 15 कोर के पूर्व प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन (सेना निवृत्त) ने ट्वीट किया कि आतंकवाद-रोधी अभियानों में शामिल लोग जानते हैं कि यह सब क्या है और कभी कभी यह लगता है कि सार्वजनिक मंचों पर नहीं बोलने की पाकिस्तानी सेना की प्रणाली ठीक है। उन्होंने कहा कहा कि ऐसे लागों से बचना चाहिए।

सैन्य अभियान के पूर्व महानिदेशक तथा अवकाश प्राप्त लेफ्टिनेंट जनरल विनोद भाटिया ने सिन्हा को आड़े हाथों लिया और ट्वीट किया, ‘‘असंवेदनशील एवं दुर्भाग्यपूर्ण। उन्होंने कहा कि वह इस बात से आश्वस्त हैं कि वह (सिन्हा) कभी आतंकवाद निरोधी अभियान में शामिल नहीं रहे होंगे।

अवकाश प्राप्त लेफ्टिनेंट कर्नल संदीप परीजा ने कहा कि सिन्हा ने सेना की छवि खराब की है। उन्होंने मांग की कि सिन्हा से मेजर जनरल का रैंक वापस लिया जाए। मालूम हो कि एक टीवी चैनल पर कश्मीरी पंडितों के विस्थापन के मुद्दे पर चर्चा के दौरान मेजर जनरल एस पी सिन्हा (अवकाश प्राप्त) ने मौत के बदले मौत, बलात्कार के बदले बलात्कार। वहां लोगों की मौत हुई… इस मामले में न्याय मिलना चाहिए।

इस दौरान एंकर की तरफ से आपत्ति उठाने के बावजूद सिन्हा अपनी बात पर अड़े रहे। उन्होंने कहा कि वे बिल्कुल सही बोल रहे हैं। चर्चा के लिए पैनल में मौजूद अन्य लोगों ने भी सिन्हा के इस बयान पर हैरानी के साथ ही ऐतराज जताया। सेना के अवकाश प्राप्त अधिकारी यही नहीं रुके। उन्होंने सवाल उठाया कि घाटी में जिसने मौत दी उसको क्या मिलना चाहिए। उन्होंने इस मामले में जनता से राय लेने की भी दलील दी। इस दौरान स्टूडियो में हंगामे की स्थिति पैदा हो गई।