कांग्रेस के महासचिव और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने पेट्रोल की बढ़ती कीमतों पर एक ट्वीट किया था। इस ट्वीट में दिग्विजय सिंह ने मोदी सरकार के कार्यकाल में पेट्रोल की कीमतों पर बढ़ते हुए केन्द्रीय उत्पाद कर का जिक्र किया था। लेकिन इस ट्वीट के बाद लोगों ने दिग्विजय सिंह को आड़े हाथों लेना शुरू कर दिया। लोगों ने दिग्विजय सिंह से कहा कि वह कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोत्तरी के आंकड़े भी साथ रखें तो वहीं एक अन्य यूजर ने कहा कि तेल की कीमतें तो कांग्रेस की सरकारों ने ही बढ़ाई हैं।
दरअसल कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह ने सोमवार (21 मई) को एक ट्वीट किया था। इस ट्वीट में उन्होंने मोदी सरकार के कार्यकाल में बढ़ाए गए उत्पाद कर का जिक्र करते हुए सारे आंकड़े रखे थे। दिग्विजय सिंह के मुताबिक, मई 2014 में केन्द्रीय उत्पाद कर की दर पेट्रोल पर 9.2 रुपये प्रति लीटर थी। लेकिन यही दर मई 2018 में बढ़कर 19.48 रुपये प्रति लीटर हो गई। ये बढ़ोत्तरी 211.7% की है। वहीं डीजल पर मई 2014 में प्रति लीटर 3.46 रुपये केन्द्रीय उत्पाद कर लिया जा रहा था। लेकिन मई 2018 में ये बढ़कर 15.33 रुपये प्रति लीटर हो गया है। ये बढ़त कुल 443.06% की है। दिग्विजय ने आगे लिखा कि वर्तमान बजट में 8 रुपये प्रति लीटर अतिरिक्त उत्पाद कर (सड़क और इंफ्रास्ट्रक्चर अधिकर) भी जोड़ दिया गया है।
Central Excise Duty on Petrol
May 2014 – Rs 9.2/litre
May 2018 – Rs 19.48/litre
% increase – 211.7%
Diesel
May 2014 – Rs 3.46/litre
May 2018 – Rs 15.33/litre
% increase – 443.06%
In present budget Additional Excise Duty(Road and infrastructure Cess) Rs 8/litre.— Digvijaya Singh (@digvijaya_28) May 21, 2018
दिग्विजय सिंह का ये ट्वीट पर सोशल मीडिया पर तुरंत ही वायरल होने लगा। ट्विटर यूजर्स ने उन्हें इस ट्वीट पर ट्रोल करना शुरू कर दिया। लोगों ने दिग्विजय सिंह को उन आंकड़ों की भी याद दिलवाई जब कांग्रेस की सरकार सत्ता में आई थी। सत्ता में आने के बाद तेल के दामों में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई थी।
*Petrol prices by year*
2003- 29₹/L
2006 – 47₹/L
2010- 51₹/L
2012- 65₹/L
April 2014- 73₹/L
May 2018 – 76₹/L-UPA 1 & 2 = from 29₹/L to 73₹/L
*Increased by 4.4₹/Year*-Modi Govt = 73₹/L to 76₹/L
*Increased by 0.9₹/Year*True modi is looting us#FuelPriceHike
— Neha (@nm_hs_rms) May 21, 2018
चचा कितना भी कोशिश कर लो पप्पुआ कांग्रेस को डुबा ही देगा।
— JITESH SINGH (@singhjitesh11) May 21, 2018
yup this is what I was trying to say
after all you can not do politics sitting at home comfortably— Biplab Karmakar (@BiplabOfficial) May 21, 2018
चाचा कहाँ तुम इन चक्करों में पड़े हो , जाओ खटिया पे और काँग्रेस को कोई खुशखबरी दो
— लोलवा बाबा (@DMishraa) May 21, 2018
दिग्गी जी …… आपने जो सब्सिडी देकर देश को खोखला किया है वह आंकड़े दूं क्या ?
बताऊं क्या कि कैसे कांग्रेस तेल पर सब्सिडी बड़ा देती थी चुनाव आने पर ? ताकि चुनाव न हार जाए भले ही देश खोखला हो जाये !!
— sunil (@Sunil4uSan) May 21, 2018
राहुल बाबा ने डेढ सौ साल पुरानी कोंग्रेस मिटा दी.लेकिन घमंड नहीं किया आज तक.!
— αмιт тιωαяι (@amit____tiwari) May 21, 2018
वहीं एक यूजर ने दिग्विजय सिंह के जवाब में जवाबी आंकड़े ही पेश कर दिए। नेहा ने लिखा, 2003 में पेट्रोल की कीमतें 29 रुपये लीटर थीं। 2006 में बढ़कर 47 रुपये लीटर हो गईं। 2010 में पेट्रोल 51 रुपये लीटर मिलने लगा तो 2012 में ये बढ़कर 65 रुपये लीटर तक आ गया। जब कांग्रेस ने अप्रैल 2014 में सत्ता छोड़ी थी उस वक्त पेट्रोल की कीमतें 73 रुपये लीटर थीं जो आज मई 2018 में कुल 76 रुपये लीटर हैं। यूपीए 1 और 2 के कार्यकाल में पेट्रोल 29 रुपये प्रति लीटर से बढ़कर 73 रुपये प्रति लीटर तक हो गया। ये बढ़ोत्तरी 4.4 रुपये प्रति वर्ष है। जबकि मोदी सरकार के कार्यकाल में पेट्रोल की कीमते चार साल में 73 रुपये प्रति लीटर से बढ़कर 76 रुपये प्रति लीटर तक ही पहुंची हैं। ये बढ़ोत्तरी 9 पैसे प्रति वर्ष बैठती है।