Rajya Sabha MPs: राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने बजट सत्र के दूसरे चरण के पहले दिन सोमवार को बताया कि 18 मंत्रालयों के आवंटन की समीक्षा करने वाली आठ विभाग संबंधित संसदीय स्थायी समितियों (DRSCs) की किसी भी बैठक में 95 सांसदों ने भाग नहीं लिया। संसदीय समिति की बैठक में उपस्थिति दर्ज कराने के मामले में भाजपा कांग्रेस से पिछड़ गई।
राज्यसभा सचिवालय द्वारा नियंत्रित आठ डीआरएससी के कामकाज की समीक्षा करते हुए नायडू ने कहा कि उन्होंने तीन सप्ताह के संसदीय अवकाश के दौरान 20 बैठकें कीं। इस समिति में 244 सदस्य (लोकसभा से 166 और राज्यसभा से 78) हैं। नायडू ने बताया कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण (65.5%) समिति की बैठकों में सबसे अधिक उपस्थिति दर्ज की गई, जबकि सबसे कम उपस्थिति वाणिज्य डीआरएससी (32.3%) में थी।
गृह मंत्रालय के डीआरएससी में 54.8% की उपस्थिति दर्ज की गई, जबकि उद्योग के डीआरएससी में 43.55% की उपस्थिति दर्ज की गई। इसमें भाजपा के कुल 110 सांसद (58 प्रतिशत) उपस्थित हुए और कांग्रेस के 32 सांसद (62 प्रतिशत) उपस्थित हुए।
वेंकैया नायडू ने संसदीय समितियों की बैठकों में सदस्यों की कम उपस्थिति पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि सभी सदस्यों को जनहित के विषयों पर विचार मंथन करने वाली समितियों की बैठकों में उपस्थिति दर्ज करानी चाहिए।
नायडू ने राज्यसभा की बैठक शुरू होने पर विभाग संबंधी स्थायी समितियों की बैठकों का ब्योरा देते हुये बताया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिये अनुदान की मांगों को लेकर राज्यसभा की आठ स्थायी समितियों की अब तक हुयी 20 बैठकों में सदस्यों की 45.35 प्रतिशत उपस्थिति रही।
उन्होंने बताया कि इस सत्र के पहले चरण में पेश किए गए बजट में प्रस्तावित सभी मंत्रालयों की अनुदान मांगों पर विचार करने के लिये दोनों सदनों की विभाग संबंधी कुल 24 समितियां हैं। इनमें से आठ समितियां राज्यसभा सदस्यों की अध्यक्षता वाली हैं और 16 समितियां लोकसभा सदस्यों की अध्यक्षता वाली है।
राज्यसभा की आठ समितियों की बैठकों का ब्योरा सदन के साथ साझा करते हुए नायडू ने बताया कि संसद के दोनों सदनों की बैठकों की औसत संख्या भी कम हुई है। उन्होंने कहा कि 1950 के दशक में बैठकों की संख्या 100 से 150 तक होती थी जो अब घटकर 60 से 70 तक रह गई है। उन्होंने कहा कि 1993 में विभाग संबंधी स्थायी समितियों के गठन की प्रक्रिया शुरु होने के बाद संसदीय कामकाज में सभी दलों के सदस्यों की मौजूदगी वाली समितियों की अग्रणी भूमिका होती है। (भाषा इनपुट के साथ)
